झारखण्ड : झारक्राफ्ट को आधुनिक बनाने का अनूठा प्रयास करते मुख्यमंत्री हेमन्त सोरेन 

झारखण्ड की पिछली भाजपा की रघुवर सरकार में, तत्कालीन मुख्यमंत्री के प्रभाव में, झारक्राफ्ट में मुख्य कार्यपालक पदाधिकारी (CEO) का पद सृजित कर रेणु गोपीनाथ पणिक्कर को पदभार दिया गया था. भाजपा की उस सरकार को झारक्राफ्ट में CEO बहाल करने की इतनी जल्दी थी कि उच्च शिक्षित और अनुभवी उम्मीदवारों को नजरअंदाज कर सामान्य स्नातक की डिग्री वाली, जिसके पास कार्य अनुभव नहीं था, रेणु गोपीनाथ पणिक्कर को नियुक्त कर लिया गया था. मानो जैसे रेणु गोपीनाथ पणिक्कर को किसी भी सूरत में नियुक्त करना सरकार का उद्देश्य रहा हो.

कम्बल घोटाले के पूरे प्रकरण में रघुबर सरकार का चुप्पी. मामले में CEO की संलिप्तता होने के बावजूद आसानी से इस्तीफ़ा देकर बच निकलना. और मामले को आसानी से दबा दिया जाना, उस सरकार के मंशे को साफ़ जाहिर कर सकता है. परिस्थितियां इशारा करती है कि रेणु गोपीनाथ पणिक्कर पर सरकार का हाथ शुरुआत से रही थी. 

ज्ञात हो, मुख्यमंत्री हेमन्त सोरेन ने मामले को गंभीरता से लेते हुए झारक्राफ्ट द्वारा कंबल की खरीदारी में बरती गई अनियमितता की जांच में एंटी करप्शन ब्यूरो (एसीबी) से, जांच से संबंधित अद्यतन स्थिति की जानकारी प्राप्त करने. और झारक्राफ्ट के दोषियों के विरुद्ध अनुशासनात्मक और दंडात्मक कार्यवाही प्रारंभ करने के लिए, प्रबंध निदेशक, झारक्राफ्ट को निर्देश देने संबंधी प्रस्ताव को अपनी स्वीकृति दी गयी है. 

झारक्राफ्ट को कसा जायेगा आधुनिकता की कसौटी पर  

वर्तमान में, 29 जनवरी 2021, मुख्यमंत्री के समक्ष झारखंड सिल्क, टेक्सटाइल एंड हैंडीक्राफ्ट डेवलपमेंट कॉरपोरेशन लिमिटेड (झारक्राफ्ट) के पदाधिकारियों द्वारा बिजनेस मॉडल रिफॉर्म तथा ग्रोथ प्लान के संबंध में प्रेजेंटेशन रखी गई. पीपीटी प्रजेंटेशन के माध्यम से मुख्यमंत्री को अवगत कराया कि झारक्राफ्ट आने वाले दिनों में राज्य में निर्मित उत्पाद अथवा ब्रांड को बाजार में बढ़ावा मिले इस निमित्त एक बेहतर कार्य योजना तैयार कर रहा है. 

मुख्यमंत्री द्वारा पदाधिकारियों को निर्देश दिया गया कि संस्थान आउटडेटेड प्रोडक्ट न बनाएं. वह आधुनिक तकनीक का उपयोग कर सिल्क आधारित उत्पाद बनाने पर फोकस करे. झारक्राफ्ट अपने उत्पाद का गुणवत्ता सुधारे तथा आधुनिक तरीके से प्रचार-प्रसार करे. संस्थान अच्छे डिजाइनर के माध्यम से उत्पाद को आकर्षक रूप दे. संस्थान के पदाधिकारी अन्य राज्यों के सिल्क संस्थानों में स्थापित संयंत्रों, तकनीकों तथा कंसेप्ट की स्टडी करें. मुख्यमंत्री द्वारा पदाधिकारियों को कई अन्य महत्पूर्ण सुझाव भी दिए गए. मसलन, तमाम परिस्थितियों से झारक्राफ्ट को उबरते हुए मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन नए सिरे से संस्थान को खड़ा करना चाहते हैं.

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