झारखण्ड : आदिवासी नेता बंधु तिर्की की आय 6 लाख, 28 हजार 698 रुपए ज्यादा है. इनकी आय, अधिक कैसे हो गई, इसका पता सी बी आई नही लगा पा रही है. वैसे आज कल, तो मुखिया जी, दस लाख की गाड़ी पर घूम रहे हैं…
रांची : पूर्व शिक्षा मंत्री, बंधु तिर्की, की आय 6 लाख, 28 हजार 698 रुपए ज्यादा है. इनकी आय, अधिक कैसे हो गई, इसका पता सी बी आई, नही लगा पा रही है. वाह, रे, सी बी आई, क्या कमाल है. आज कल, तो मुखिया जी, दस लाख की गाड़ी पर घूम रहे हैं. कई विधायक, सांसद करोड़ पति हैं. लेकिन, बंधु तिर्की, आदिवासी नेता है, मुखर विधायक है. सीबीआई को, पता ही होगा कि, बंधु तिर्की, बैंक पी ओ, रह चुके हैं. तीन बार एम एल ए. एक बार मंत्री. और अभी मानडर से विधायक भी हैं. वह अपना स्कूल भी चलाते हैं.
ज्ञात हो खबर थी कि 2013 मे सीबीआई ने क्लोजर रिपोर्ट लगायी थी कि, उनपर आय से अधिक का मामला नही बनता है. फिर कोर्ट ने दबाव डालकर मामले को खींचा. सजा के रूप मे तीन साल की कैद. मतलब इस मुखर आदिवासी नेता की विधायकी खत्म. यही हाल, के. के. भगत, योगेंद्र महतो, अमीत महतो का हो चुका है. शायद इसे ही मनुवाद कहते हैं.
आंकड़े बताते हैं कि, एससी-एसटी-ओबीसी एवं माइनोरिटी का फांसी मे 100% रिजर्वेशन है – बंधु तिर्की इन्ही वर्गो से है
आज से 60 साल पहले, डॉ. लोहिया ने ठीक ही कहा था, शूद्र, अठन्नी-चवन्नी में लेकर इस तरह फंस जाते हैं कि कलई खुल जाती है. द्विज लाख-डेढ़ लाख खर्च कर भी, आदर्शवाद का जामा पहना देता है. लालू यादव भी इसके भुक्त भोगी है. फादर स्टेन स्वामी के साथ भी यही हुआ. पूरी न्याय व्यवस्था, एससी-एसटी-ओबीसी व माइनोरिटी के खिलाफ है.
देश में, एससी-एसटी ओबीसी और माइनोरिटी की आबादी करीब 37% है, लेकिन जेल में 75% है. वैसे, अध्ययन और आंकड़े बताते हैं कि, एससी-एसटी-ओबीसी एवं माइनोरिटी का फांसी मे 100% रिजर्वेशन है. फांसी की सजा पाने वाले, इन्ही वर्गो से है. बंधु तिर्की आदिवासी है. हिंदु वर्ण व्यवस्था से बाहर है… बहुजन चिन्तक रामदेव विश्वबंधु