मुख्यमंत्री का विधानसभा बजट सत्र से पहले एलान विपक्ष के हर सवाल का जवाब मिलेगा
केन्द्रीय सत्ता का कहर आर्थिक मामले में चरम पर है। पेट्रोल-डीजल व महँगाई सरदर्द बन बन कर उभरे हैं। कोड़ियों में तमाम उपक्रम कॉर्पोरेट मित्रों को सौप दिए गये या सौपे जाने वाले हैं। बेरोज़गारी त्रासदी का ऐसा सच है जहाँ युवा आत्महत्या या डिप्रेशन का शिकार हो रहे हैं।
ज्ञात हो कि केंद्र द्वारा झारखंड के साथ इत्तेफ़ाक पे इत्तेफाक होते रहे। बिजली उधारी रघुवर सत्ता का जबरन काटी जाती रही हेमंत सत्ता में। केंद्रीय अनुदान दुबारा भुगतान करे रघुवर सत्ता और राशि वापसी का पत्राचार हेमंत सत्ता से हो। ऐसे में मुख्यमंत्री हेमन्त सोरेन सत्र से पहले एलान करे कि विपक्ष के हर सवाल का जवाब मिलेगा। तो राहत के लिहाज से झारखंड की नजर विधानसभा बजट सत्र पर होना लाज़िमी हो सकता है।
ज्ञात हो कि झारखंड विधानसभा बजट सत्र 2021-22 की शुरूआत 26 फरवरी से होगी। वित्तीय वर्ष का बजट तीन मार्च को पेश होगा। ऐसे में राज्यपाल द्रौपदी मुर्मू का बजट अभिभाषण महामहिम राष्ट्रपति के अभिभाषण के कसौटी पर जरुर कसा जा सकता है। अध्यादेशों की प्रति सभा पटल पर रखी जाएगी। बजट सत्र के दौरान कुल 16 कार्य दिवस होंगे।
विधानसभा बजट सत्र में प्रमुख मुद्दे उठ :
- सरकार अपनी रिपोर्ट कार्ड पेश कर सकती है।
- आपदा प्रबंधन प्राधिकार के गठन पे चर्चा हो सकती है।
- किसान मुद्दों पर चर्चा हो सकती है।
- नौकरी के दिशा में सफल प्रयास हो सकते हैं।
- राज्य के स्वास्थ्य समस्या का बड़ा हल निकल सकता है।
- लाह को कृषि दर्जा व एमएसपी निर्धारण पर चर्चा हो सकती है।
- महिला आत्मनिर्भरता के नए आयामों पर चर्चा हो सकती है।
- शिक्षा के क्षेत्र में बड़े बदलाव से सम्बंधित चर्चा होने के आसार हैं।
- पारा शिक्षकों के सामाजिक सुरक्षा से सम्बंधित चर्चा हो सकती है।
- संविदाकर्मी व पंचायत कर्मियों के हित में कुछ अच्छी खबर आ सकती है।
- भोले-भाले ग्रामीणों की अधिग्रहित जमीनों की वापसी पर चर्चा हो सकती है।
- स्थानीय युवाओं को निजी क्षेत्र के नौकरियों में 75% आरक्षण पर चर्चा हो सकती है।
- 450 मकानों के अवैध निर्माण का मुद्दा गरमा सकता है।
- कांके डैम की भूमि बिक्री का मुद्दा पर चर्च हो सकता है।
- बाबूलाल मरांडी नेता प्रतिपक्ष मुद्दा गरमा सकता है।