जाहिर है कि झारखंड की राजनीति में आज किसान या युवाओं से जुड़ा मुद्दा ही सर्वोपरी हो चला है। मौजूदा सत्ता व संघ के विचारधारा से किसानों के मुद्दे, युवाओं के मुद्दे, विद्यार्थियों के मुद्दे जैसे तमाम मुद्दे अब ग़ायब हो जाने की स्थिति में झारखंड जैसे राज्य पर अस्तित्व का ख़तरा मंडराने लगा है। राज्य के हालात को देख कर कोई भी नौसिखिया राजनीतिज्ञ पहली ज़ुबान में ये कह सकता है कि स्वामीनाथन आयोग की सिफ़ारिशें को लागू तो न कर पायी, लेकिन आज देश को बेच कर देश चलाने की स्थिति में है, तो विकल्प हो सकता है। नायक के तौर झामुमो ने घोषणा पत्र मीडिया के समक्ष जारी कर झारखंड में उभरे कई सवालों का जवाब दिया है। प्रस्तुत है घोषणा पत्र के प्रमुख :
घोषणा पत्र (क)
- झारखंड में पलामू, चाईबासा और हज़ारीबाग़ को उपराजधानी बनाना
- राज्य की नौकरी में स्थानीय लोगों को 75 % आरक्षण
- 25 करोड़ रुपये तक का सरकारी टेंडर सिर्फ स्थानीय लोगों को दिया जायेगा
- स्थानीय एवं नियोजन नीति को बदल कर झारखंडियों के हितों के अनुसार बनाया जायेगा
- झारखंड के किसानों के कर्ज माफ किये जायेंगे
- खेतिहर मज़दूरों को स्वरोजगार के लिए 15000 रुपये का अनुदान दिया जायेगा
- महिलाओं को सरकारी नौकरी में 50% आरक्षण मिलेगा
- भूमि अधिकार कानून बनाया जायेगा
- सरकार बनने के 2 साल के अंदर 5 लाख झारखंडी युवाओं को सरकारी नौकरी दी जायेगी
- बेरोजगार युवकों को बेरोजगारी भत्ता मिलेगा
- 5 वर्षों तक उपयोग में नहीं लाये गये अधिग्रहित भूमि को रैयतों को वापस किया जायेगा
- आंगनबड़ी सेविका, सहायिका एवं पारा शिक्षकों के लिए सेवा शर्तों एवं वेतन मान का निर्धारण किया जायेगा
- प्राथमिकता से पीएचडी तक लड़कियों को मुफ्त शिक्षा दी जायेगी
- पिछड़े वर्ग के लोगों को सरकारी नौकरियों में 27% आरक्षण दिया जायेगा
- महिला बैंक एवं किसान बैंक की स्थापना की जायेगी
- गरीब स्वर्ण छात्रों को मुफ्त शिक्षा एवं छात्रवृत्ति मिलेगी
- सभी शहीदों के जन्मस्थान का पर्यटन स्थल के रूप में विकास होगा
- 3 साल तक के बच्चे वाली महिलाओं का न्यूनतम मज़दूरी पुरुषों के न्यूनतम मज़दूरी से 15% अधिक किया जायेगा
- गरीब रेखा से नीचे की महिलाओं को 2000 रुपये प्रतिमाह खर्च दिया जायेगा
- झारखंड आंदोलनकारियों के लिए पेंशन योजना तथा शहीदों के आश्रितों के लिए विशेष कल्याण योजना लागू की जायेगी
- झारखंड के शहीदों के परिवार के एक सदस्य को सरकारी नौकरी में सीधी भर्ती के लिए कानून बनाया जायेगा
- स्वामीनाथन कमेटी के अनुशंसा के अनुसार न्यूनतम समर्थन मूल्य का निर्धारण किया जायेगा. धान का ख़रीद मूल्य 2300 से 2700 रुपये प्रति क्विंटल किया जायेगा
- प्रखंडों से लेकर शहरों तक कोल्ड स्टोरेज स्थापना होगी
- 100 यूनिट बिजली खपत मुफ्त में दी जायेगी
- गरीब परिवार को तीन कमरों के सुविधा युक्त आवास निर्माण हेतु 3 लाख रुपये दिया जायेगा
- वृद्धावस्था पेंशन 2500 प्रतिमाह दी जायेगी
- 10 रुपये में धोती-साड़ी-लूंगी दी जायेगी
- जन वितरण दुकानों से ग़रीबों के लिए चायपत्ती, सरसों तेल, साबुन, सब्ज़ियाँ एवं दाल की भी बिक्री होगी
- जलाशय विकास निगम, भूमि सुधार आयोग, प्रशासनिक सुधार आयोग, अल्पसंख्यक कल्याण बोर्ड, चलंत सरकारी कार्यालय, हर प्रखंड में कंप्यूटर प्रशिक्षण केंद्र का गठन किया जायेगा
- प्राकृतिक विपदा से फसल बर्बाद होने पर झारखंड के किसानों को 13500 रुपये प्रति एकड़ का मुआवजा मिलेगा
- वन अधिकार कानून एवं भारतीय वन अधिनियम में आदिवासी विरोधी संशोधनों का विरोध जारी रहेगा
- पेसा कानून पर पार्टी ध्यान देगी
- घरेलू उद्योग के लिए किसी लाइसेंस की जरूरत नहीं होगी
- केंद्रीय कर्मियों की तरह राज्य कर्मियों के लिए पुरानी पेंशन व्यवस्था एवं राज्य स्वास्थ्य बीमा योजना लागू की जायेगी
- झारखंड के पलामू, चाईबासा, गढ़वा, गिरिडीह, दुमका, साहेबगंज एवं देवघर को 25 हजार करोड़ रुपये की लागत से विश्वस्तरीय शहर के रूप में विकसित किया जायेगा
- शहरी गरीबों के लिए मुफ्त पानी का कनेक्शन दिया जायेगाबरसों बरस से गैरमजरूआ जमीन पर बसे रैयतों की भूमि जिसकी रजिस्ट्री और रसीद काटने पर रोक लगा दी गयी है, उसे अविलंब शुरू किया जायेगा. साथ ही जाति और आवासीय प्रमाण पत्र जारी करने में आ रही अड़चनों को दूर किया जायेगा
मसलन, घोषण पत्र के ज़रिये झामुमो ने झारखंड के तमाम वर्गों राहत पहुंचाने के लिए एक विकल्प पेश करने का प्रयास किया है ।