गाँव वालों की आँख भर आई जब हेमंत सोरेन ने उठायी अनाथ बच्चे की जिम्मेदारी 

गाँव वालों की आँख भर आई जब हेमंत सोरेन ने उठायी अनाथ बच्चे की जिम्मेदारी

तानाशाह सरकार कि अंत नज़दीक, आपा न खोएं युवा : हेमंत सोरेन  

झारखंड के नेता प्रतिपक्ष हेमंत सोरेन का कहना है कि केवल झूठ बोल कर ज़्यादा दिनों तक जनता को बरगलाया नहीं जा सकता है। अंग्रेजी हुक़ूमत की तरह केवल पूँजीपतियों की चिंता कर सरकार प्रदेश के हर कोने का विकास नहीं कर सकती। इसलिए यह सुनिश्चित किया जाना जरूरी हो गया है कि केवल राँची के ऐसी (AC) कमरों में बैठ कर नीतियाँ नहीं लिखी जा सकती। क्योंकि AC कमरों में बैठे ज़मीनी हक़ीक़त से दूर बाबू खुद को ख़ुदा समझने की भूल कर बैठते हैं। इसलिए यह ज़रुरी हो जाता है कि राज्य के नीतिगत फ़ैसलों में प्रदेश के हर कोने की सहभागिता हो।

रघुबर सरकार की विफलता का सबसे बड़ी वजह रही, केंद्र द्वारा थोपी गयी नीतियों पर मुहर लगाना, जो केवल पूँजीपतियों व करोड़पतियों को ध्यान रख कर बनायी गयी थी। इसी का नतीजा है कि न हाथी उड़ा और न ही युवा स्किलड हुए, बल्कि कम्बल-बिजली जैसे घोटाले सामने आये। इसलिए मैं समझा हूँ कि अब ज़रूरत है कि झारखंड में आने वाले चाहे कोई भी सरकार हो उसे लोगों के बीच में जा कर काम करना चाहिए और न केवल राँची, टाटा, धनबाद-बोकारो ही, बल्कि संपूर्ण राज्य के लोगों की सहभागिता विकास की प्रकिया में दर्ज करानी चाहिए। हमारी सरकार तो इसके लिए 4 उप राजधानियों का गठन कर ऐसा करेगी…

झारखंडी युवाओं का जेपीएससी से उठा भरोसा 

भाजपा की रघुवर सरकार के घोलमोल रवैये से झारखंडी बेरोज़गार युवा अभ्यर्थियों का भरोसा अब जेपीएससी (JPSC) से उठ गया है। युवाओं को परेशान करना, प्रताड़ित करना इस सरकार का पेशा बन जाने से झारखण्ड की  स्थिति भयावह हो गया है, पिछले दो महीनों में 30 से ज़्यादा युवाओं ने बेरोज़गारी से तंग आकर अपनी ज़िंदगी समाप्त कर ली है, लेकिन यह डबल इंजन की सरकार इस गंभीर मुद्दे से निबटने के बजाय पारा-शिक्षकों, आँगनबाड़ी बहनों, कृषि मित्रों पर लाठियाँ चलवा रही है। युवाओं के सवाल पूछने पर उन्हें जेल हो रही हैं, युवाओं के डिग्रियों को फ्रॉड बता उन्हें  हुनर लेने की सलाह दे रहे हैं, यह कैसी तानाशाही है? इसलिए हमारी सरकार आने तक युवाओं के बीच जागरूकता अभियान चलाने की जरूरत है ताकि हताशा में और मौतें न हो। 

‘अनुबंधकर्मी’ शब्द को ही हटा दूँगा

अनुबंधकर्मियों की मौतों पर विफर पड़े हेमंत सोरेन संकल्प लिया कि मैं ‘अनुबंधकर्मी’ शब्द ही झारखंड से हटा दूँगा। राज्य के अनुबंधकर्मियों को उनका हक दूँगा, अधिकार दूँगा। मेरी सरकार में हर एक झारखंडी सम्मान से अपना जीवन व्यतीत कर पायेगा। यही नहीं उनहोंने यह भी कहा कि मसलिया के रोजगार सेवक ओबीधन ने आत्महत्या नहीं की बल्कि रघुवर दास जी के वसूली एजेंटों द्वारा की गयी हत्या है। शोकाकुल परिवार से उनके घर पर मिलकर हर संभव मदद का भरोसा दिया।

गाँव वालों की आँख भर आई जब हेमंत सोरेन ने उठायी अनाथ बच्चे की जिम्मेदारी 

हेमंत सोरेन ने बरहेट में माताओं-बहनों से मुलाकात कर झारखंड के तमाम आधी आबादी को उनका पूरा हक देने की बात कही। बरहेट में ही वे एक अनाथ बच्चे से मिले, इसका केवल एक भाई था जिसकी मृत्यु  हाल ही में हो गयी थी। दशा बताते-बताते गाँव वालों की आँखें भर आई। हेमंत सोरेन से उस बच्चे की हालत देखी नहीं गयी, इन्होंने उस मासूम की पढ़ाई व देखभाल का ज़िम्मा खुद उठा लिए।

गरीब बूढ़ी माँ रैयमत मुर्मू राशन के लिए दर-बदर

यह एक गरीब बूढ़ी माँ रैयमत मुर्मू की कहानी है। रघुवर सरकार की निक्कमी व भ्रष्ट पदाधिकारियों के कारण न तो इस वृद्ध महिला को राशन मिल पा रहा है और न ही आवास। सरकार ने इनका पेंशन भी बंद कर दिया है। पता नहीं आधार के बहाने कितनी गरीब झारखंडियों के जीवन का आधार छिनेगी यह तानाशाह सरकार। इनसे भी मिल कर हेमंत सोरेन ने हर संभव मदद करने का दिया दिलासा। 

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