मुख्यमंत्रीजी ने संतुलन खोया कहा झारखंड में बिजली कट के लिए कांग्रेस जिम्मेदार 

झारखंड के मुख्यमंत्रीजी का ग्रह गोचर इन दिनों ठीक नहीं चल रहा है या तो फिर सत्ता के अहंकार ने उन्हें अँधा व तानाशाह बना दिया है कभी वे पाराशिक्षकों पर अपनी पुलिस से लाठी चलवाते हैं तो कभी पुरुष पुलिसों से अपने हक अधिकार के भूख हड़ताल पर बैठी झारखंडी माँ-बहनों पर लाठी चलवा राज्य की अस्मिता को तार-तार करने से नहीं चुकते। वे इतने बेलगाम हो चुके हैं कि अब न उनको अपने ज़ुबान पर नियंत्रण रह गया है और न ही मुख्यमंत्री जैसे पद की गरिमा का ही कोई ख्याल है। यही नहीं उन्होंने यहाँ तक कह दिया कि राज्य के डिग्रीधारी युवाओं को वे अब नौकरी नहीं देंगे। कुल मिला कर कहा जाए तो वे अपनी मानसिक संतुलन लगभग-लगभग खो चुके है। 

मुख्यमंत्री रघुवर दासजी 31 दिसम्बर 2017 को ‘सौभाग्य योजना’ का शुभारंभ करते हुए कहे थे कि इस योजना के तहत राज्य के सभी 29,376 गाँवों तक बिजली पहुँचाई जाएगी मुख्यमंत्री ने आधिकारिक विज्ञप्ति के हवाले से जानकारी दी थी कि सौभाग्य योजना की माध्यम से दिसंबर, 2018 तक झारखंड के तमाम घरों तक न केवल बिजली पहुंचाई जायेगी बल्कि राज्य की जनता को जीरो कट बिजली मुहैया करवाएंगे। मुख्यमंत्री जी न केवल अपना वायदा भूल गए बल्कि चंद दिनों पहले आशीर्वाद यात्रा के दौरान कोल्हान प्रमंडल के अपने भाषण कहा -राज्य को जो 24 घंटे बिजली नहीं मिल पाने की वजह कांग्रेस है। 

ऐसी स्थिति में उनके मानसिक स्थिति पर प्रशन न उठाया जाए तो उनके कथन को और किस संदर्भ में लिया जाए, आप पाठकगन ही विचार करें। एक तरफ तो मुख्यमंत्री जी अपने भाषणों में मानते हैं कि विगत 14 वर्षों में झारखण्ड को केवल लूटा गया, लेकिन यह मानने से इंकार करते हैं कि इन 14 वर्षों में झारखण्ड में अधिकांश कार्यकाल उनके ही दल भारतीय जनता पार्टी की ही रही है।

मसलन, इतना झूठ बोलने बोलने के बजाय मुख्यमंत्रीजी को यह सच जनता से कहना चाहिए कि DVC पर निर्भरता एवं करोड़ों रुपया का बिल बकाया होना जीरो कट बिजली मुहैया न करवा पाने की मुख्य वजह है। साथ ही सरकार अपने चहेते पूँजीपतियों से बिजली का उत्पादन झारखण्ड में उसके मुफ्त संसाधन से करवा तो रही है और बाहर बेचने का रास्ता भी साफ़ कर रही है।साथ ही अनुबंधित विद्युतकर्मियों का उनके दरवाज़े से माथा फोड़ वापस चले जाना है।

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