वैसे तो गाय-गंगा से लेकर राम मंदिर तक के नाम पर वोट बटोरने वाली भारतीय जनता पार्टी आज महज 50 करोड़ पार्टी से 1000 करोड़ की पार्टी नहीं बल्कि एक कंपनी बन गयी है। इस कम्पनी ने सभी बैंकों को दिवालिया कर देश को ऐसे मझधार में धकेल दिया है जहाँ से देश का भविष्य अंधकारमय दीखता है। यही नहीं भाजपा पर भाजपा कार्यालय को लेकर 2700 करोड़ का कार्यालय घोटाला का आरोप लग चुका है। भारतीय जनता पार्टी कार्यालय घोटाला की बदनामी से अभी तक पार भी नहीं पा सकी थी कि झारखंड में कार्यालय के नाम पर बजबरन ज़मीन हथियाने की भी ख़बर अब बाहर आने लगी है।
झारखंड में भारतीय जनता पार्टी की सरकार बनने के बाद से ही भाजपा और आदिवासियों की ज़मीन लूट के विवाद का चोली दामन का साथ रहा है। झारखंड में डबल इंजन वाली सरकार की बदौलत विकास के नाम पर अबतक केवल तरह-तरह के हथकंडे अपना कर केवल ज़मीन लूट का ही काम हुआ है। यहाँ तक कि इसके एजेंडे के लिए आदिवासियों-मूलवासियों के सुरक्षा कवच माने जाने वाले सीएनटी/एसपीटी जैसे क़ानून तक में छेड़-छड करने का प्रयास किया गया। जिस कारण राज्य की जनता को हाशिये पर जाने को मजबूर है। साथ ही कार्यालय के नाम पर जनता की खाल खींचने के लिए सरकार का अलग-अलग स्तर पर जारी है।
दरसल, राज्य के नेताप्रतिपक्ष हेमंत सोरेन सरकार के जन विरोधी नीतियों को लेकर झारखंड में बदलाव यात्रा के दौरे पर हैं, जिसमे उन्हें अपार सफलता भी मिलटी नजर आ रही है। साथ ही राज्य की जनता उन्हें अपनी परेशानियों से अवगत भी करा रहे हैं। इसी क्रम में सिमडेगा में 20 जिलों की कुछ जनता जिनकी ज़मीने भाजपा कार्यालय के नाम पर बजबरन लूटी जा चुकी है ने बताया कि उनसे अबतक भाजपा कार्यालय के लिए 47 एकड़ जमीने सरकार ने लूटकर कब्ज़ा कर लिया है। कुछ कहने पर जाने से मार दिए जान की धमकी दी जाती है। दिलचस्प तो यह है कि इस फ़ेहरिस्त में सिमडेगा, जामताड़ा, चाईबासा जैसे जिले के CNT एक्ट के अंतर्गत आने वाली ज़मीने भी है।
मसलन, अब देखना यह और भी दिलचस्प होगा है कि इस मुद्दे पर भाजपा और रघुवर सरकार क्या दलील देती है।