झारखंड की शिक्षा व्यवस्था का को गर्त में धकेल चुकी है रघुबर सरकार: हेमंत सोरेन

झारखंड संघर्ष यात्रा का पांचवें दिन का सफर बिशुनपुर से शुरू करते हुए हेमंत सोरेन नेतरहाट में स्थित सुप्रसिद्ध नेतरहाट आवासीय स्कूल में बच्चों, शिक्षकों और और स्कूल स्टाफ से मिलने हेतु पहुंचे।  मुलाकातोपरांत स्कूल प्रबंधन को सराहा और आशा की कि पूर्व की तरह आगे भी यह स्कूल समाज निर्माण में अपनी अग्रणी भूमिका निभाते रहेगा। उसके बाद नेतरहाट में लातेहार जिले से आये लोगों ने खुले दिल से उनके समक्ष झामुमो की सदस्यता ली।

तत्पश्चात यात्रा की टीम बिशुनपुर में अपने अगले कार्यक्रम के लिए निकल पड़ी, जहाँ बानरी में लोकनृत्यों से सजे स्वागत ने समा बांध दिया। इसके बाद कारवाँ चिंगरी के जतरा टाना भगत शहीद ग्राम में समाधि स्थल और लोगों से आशीर्वाद लेकर अपना सफर बिशुनपुर स्कूल मैदान हेतु निकला। यहाँ अपने वक्तव्य में हेमंत सोरेन ने कहा कि यहाँ के आदिम जनजाति तकरीबन एक वर्ष से अँधेरे में रहने को बेबस हैं। बिल भुगतान करने के बाद भी इन गाँव कि बिजली आपूर्ति बाधित है। साथ ही फर्जी एजेंट बिजली देने के नाम पर प्रत्येक घर से हज़ारों रूपए की वसूली कर रहे हैं। उन्होंने भूख से मरने वाली संतोषी को भी यहाँ याद किया और कहा कि सरकार गरीबों को राशन देने में विफल रही है, क्योंकि मुख्यमंत्री झारखंड से नहीं हैं इसलिए उन्हें यहाँ के लोगों के दर्द से कोई सरोकार नही है।  इसके साथ-साथ भूमि अधिग्रहण, स्थानीय नीति, रोजगार और मोमेंटम झारखंड के झूठ के मुद्दे पर भी प्रकाश डाला।

आगे झारखंड संघर्ष यात्रा का कारवां आदर में भव्य स्वागत के बाद घाघरा हाई स्कूल मैदान पहुंचा। यहाँ पूर्व मुख्यमंत्री ने अपने संबोधन में कहा कि इस दमनकारी और नालायक सरकार ने झारखंड की शिक्षा व्यवस्था को गर्त में धकेल दिया है, विलय के नाम पर हजारों स्कूल बंद कर दिये हैं और जो बचे हैं उनमे ना के बराबर सुविधा मुहैया करायी जा रही है। इसके बावजूद यहाँ के बच्चों का शिक्षा के प्रति झुकाव देख मन प्रफुल्लित हो जाता है, 2019 में सरकार बनने के बाद सरकारी स्कूलों को न केवल दुरुस्त बल्कि प्राइवेट स्कूलों से भी बेहतर बनाया जायेगा।

इसके बाद काफिला का लोहरदगा के मिशन चौक में स्वागत के बाद मेन रोड और लोहरदगा बाजार से अभूतपूर्व बाईक रैली के साथ टीपू सुलतान चौक पहुँच हेमंत सोरेन ने नुक्कड़ सभा को संबोधित किया जिसमे मुख्य रूप से झारखंड के मदरसों के साथ हो रहे भेद-भाव को उजागर किया।

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