चुनाव कार्यक्रम में CM व्यस्त, आवाम तंगी में कर रही है ख़ुदकुशी

येन केन प्रकरेण चुनाव जीतू झारखण्ड की राजनैतिक दल भाजपा फिर से आगामी लोकसभा व विधानसभा चुनाव की तैयारी में जुट गयी है। सीएम रघुवर दास मुख्यमंत्री आवास में विधानसभा संयोजकों और जिलाध्यक्षों के साथ बैठक कर रणनीति बनाने में व्यस्त है। बैठक में तय किया गया कि नवंबर के पहले सप्ताह से झारखण्ड के हर विधानसभा क्षेत्र में मुख्यमंत्री चौपाल लगाया जायेगा। जिसमें नेतागण के साथ-साथ पार्टी के कार्यकर्ता भी मौजूद रहने की खबर मीडिया में उछल रही है। जब इसी बीच झारखंड के लोहरदगा जिला के किस्को प्रखंड के मरले गांव में एक आदिवासी दंपती ने आर्थिक तंगी के कारण अपने परिवार का भरण पोषण नहीं कर पाने के स्थिति में कुआं में कूदकर जान दे दी है।

कथित तौर पर संजीव उरांव (28) और बसंती उरांव 6 महीने से आर्थिक तंगी एवं गंभीर बीमारी से जूझ रहे थे। बताया जाता है कि दोनों दम्पति शौच के बहाने घर से कभी न लौटने की मंशा लिए घर से निकले और नहीं लौटे। सुबह दोनों की लाश परिवार वालों को  कुआं में मिली। हालांकि , इसकी सूचना बगड़ू थाना को दी गयी है। बगड़ू पुलिस ने शवों को कुआं से निकाला और कानूनी औपचारिकता पूरी करते शवों को पोस्टमार्टम के लिए सदर अस्पताल भेज दिया। विडंबना यह है कि मृत्य दंपती की पांच बेटियां हैं जिसमे से एक मात्र छह माह की है और इन बच्चों की देखरेख करने वाला परिवार में कोई नहीं रह गया। इस परिवार के लिए अबतक कोई सरकारी मदद भी मुहैया नहीं हो पायी है।

ऐसे में गंभीर सवाल यह है कि चौपाल के माध्यम से यह सरकार यहाँ के लोगों के बीच किस कल्याणकारी योजनाओं की ढोल पीटेगी। मुख्यमंत्री जी ने भी एलान किया है कि  महीने के 15 दिन क्षेत्रों में होने वाले चौपाल में व्यस्त रहेंगे। दूसरा सवाल यह भी है मुख्य मंत्री जी शहीदों के गाँव में जाने के उपरान्त जब जनता पूछेगी कि क्यों वीर शहीद निर्मल महतो के क़ातिल रिहा किया जा रहा है तब क्या जवाब देंगे। रांची में बनने वाली भगवान बिरसा मुंडा की प्रतिमा के लिए किस मुँह से यह सरकार शहीदों के गांवों से मिट्टी उठाएगी। वस्तुतः इस राज्य की स्थिति चाहे जो भी हो, जनता क्यों न हासिये पर लटकी हो परन्तु इन्हें दुरुस्त करने के बजाय चुनावी आडम्बर इस सरकार के लिए अति आवश्यक है।

Leave a Comment