हेमंत सोरेन को 79.7% जनता मुख्यमंत्री पद पर देखना चाहती है

अपना दामन बचाने के लिए रघुबर सरकार ने तमाम तरह की नीच कोशिशें आजमाने में कोई कोर कसर नहीं छोड़ी है। लेकिन झारखंड की जनता इस दफा भाजपा सरकार को पूरी तरह नकारने का मन बना चुकी है। लगता है भूख की शिकार हुए 11 वर्ष की ‘सन्तोषी’ के साथ-साथ 15 अन्य मौतों ने पूरे झारखंड को दहला दिया है। साथ ही जनता ने यह भी समझ लिया है कि यह साकार ग़रीबों की नहीं बल्कि पूंजीपतियों की हमदर्द है। इसलिए तकरीबन 80 फीसदी जनता हेमंत सोरेन को मुख्यमंत्री के पद पर देखना चाहती है।

यहाँ की जनता वे तमाम ज्वलंतसील मुद्दे जैसे युवायों और महिलायों की समस्या, संशोधित भूमि अधिग्रहण अधिनियम, लैंड-बैंक, सीएनटी/एसपीटी, विस्थापन, श्रम-क़ानून, मोमेंटम-झारखण्ड, बिजली, पेट्रोल-डीजल, नौकरी एवं रोजगार, जीपीएससी, कुशासन, सांप्रदायिक सौहार्द, घोटाले, स्कूल बंद, छात्रवृति एवं छात्रवास, उज्जवल योजना, स्किल झारखण्ड लूट, शराब के सरकारीकारण, डोभा जैसी योजना, लचर स्वास्थ्य सेवा, कुपोषण, मनरेगा, परा शिक्षक/शिक्षिका की समस्या, आंगनबाड़ी सेविका/सहायिकाएं की समस्या, सखी मंडल आदि मुद्दों पर सरकार के रवैये से परेशान है।

दरअसल, यहाँ की जनता का मानना है कि झारखंड यह मौजूदा सरकार चंद हवाई जुमले उछालने और धार्मिक उन्माद फैलाने के अलावा चार साल में कोई लोक हित काम नहीं की। हरदम राष्ट्रवाद के नाम पर इस सरकार ने राष्ट्र की सम्पत्तियों को बेशर्मी के साथ देशी-विदेशी पूँजीपतियों को बेची; चाहे वे सार्वजनिक क्षेत्र के उपक्रम हों या फिर नदी, जंगल, खदान जैसे प्राकृतिक संसाधन।

इन परिस्थितियों के बीच jharkhandkhabar.org ने आने वाले चुनाव को लेकर जनता की मंशा को टटोलने के लिए व्यापक स्तर पर सर्वे किया। इस सर्वे का निष्कर्ष अत्यंत ही चौकाने वाले हैं। जहाँ 78 फ़ीसदी जनता का मानना है कि मौजूदा सरकार प्रशासनिक दृष्टिकोण से पूरी तरह विफल है तो वहीँ झारखंड मुक्ति मोर्चा के हेमंत सोरेन पर 80 फीसदी जनता दाव लगाने को तैयार है। 75 फीसदी जनता का यह भी मानना है यह सरकार पूरी तरह से चुनिन्दे पुन्जिपतियों के प्रति समर्पित है तो दूसरी ओर 78 प्रतिशत जनता नेता प्रतिपक्ष हेमंत सोरेन द्वारा उठाए गए सवालों पर खुश दिख रही है। अंततः 76.7 फीसदी जनता रघुबर दास को नहीं बल्कि हेमंत सोरेन को मुख्य मंत्री के पद पर देखना चाहती है।

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