झारखण्ड ने आज लोहरदगा जिला फुटबॉल संघ के सचिव ए रशीद खान को खो दिया है। लोहरदगा-बेड़ो मुख्य पथ में ईंटा बरही के समीप सड़क हादसे में उनके साथ उनकी पत्नी का भी निधन हो गया। जबकि इस घटना मे चालक एवं एक बच्चा गंभीर रूप से घायल हैं जिन्हें इलाज के लिया रांची रेफर कर दिया गया है। रशीद का खेल के हर क्षेत्र में योगदान रहा, उनकी असामयिक मृत्यु से खेल जगत की अपूर्णीय क्षति हुई है। इसी बीच राज्य की जो दूसरी खबर भाजपा कार्यालय से निकल कर बार आ रही है वो प्रदेश की गरिमा को शर्मसार करती है। झारखंड के राज्यस्तरीय खिलाड़ियों से पार्टी नेताओं को चाय-नाश्ता परोसवाया जा रहा है।
दरअसल, भाजपा द्वारा दिल्ली में ‘खेलो भारत‘ कार्यक्रम का आयोजन होने वाला है, जिसमे सिरकत करने के लिए झारखंड भर से तकरीबन 65 खिलाड़ियों का चयन भाजपा युवा मोर्चा द्वारा किया गया है जिनमे कुछ राज्यस्तरीय खिलाड़ियों को भी शामिल किया गया है – जो झारखंड का प्रतिनिधित्व भी करते हैं। कथित ख़बरों के अनुसार झारखंड के इन राज्यस्तरीय खिलाड़ियों को आयोजित कार्यक्रम में हिस्सा लेने के लिए दिल्ली ले जाने से पहले भाजपा कार्यालय ले जाया गया, जहाँ उनके द्वारा पार्टी नेताओं को चाय-नाश्ता परोसवाया गया है। यह भी पता चला है की उस वक़्त वहां भाजपा के कई बड़े नेता मौजूद थे।
इस मामले के अंतर्गत संजय पोद्दार, मीडिया प्रभारी भाजयुमो का बयान आया है जिसमे वे इस मामले को नकारते हुए कहते है कि पार्टी ने खिलाड़ियों को सम्मानित करने के लिए बुलाया था। आगे वे कहते हैं कि खिलाड़ियों ने आपस में नाश्ते का वितरण किया है। जबकि प्रतुल शाहदेव, भाजपा प्रवक्ता ने मामले को सिरे ख़ारिज करते हुए कहा कि आरोप निराधार है और खिलाड़ियों ने अपनी आंतरिक व्यवस्था के बीच आपस में नाश्ते का वितरण किया है।
अब सवाल यह है, यदि प्रदेश की भाजपा सरकार खेल और खिलाड़ियों के प्रति इतना समर्पित भाव रखती है और इन्हें वे देश एवं राज्य का गौरव मानते है तो फिर सम्मान प्रदर्शित करने का यह कौन सा तरीका है। संस्कार की रक्षा एवं संरक्षण की बात करने वाली भाजपा को क्या हमारी देसी परंपरा का इतना भी ज्ञान नहीं कि जिनका सम्मान किया जाना होता है, उन्हें हम सबसे उच्च श्रेणी में रखते है। उस वक़्त वे हमारे मेहमान होते हैं और हमारी संस्कृति एवं परंपरा इसकी इजाजत नहीं देता कि मेहमानों से सेवक वाले कार्य कराये जाय। हां, वैसी स्थिति में यह संभव हो सकता जब हमारे भीतर अहंकार का वास हो और हम खुद को उच्च श्रेणी का मानते हों। यह कोई पहली घटना नहीं है, इससे भी पहले इन्होंने झारखण्डी अभिमान और सम्मान पर कुठाराघात किया है। साथ ही मोब-लिंचिंग के आरोपियों को गले लगाने जैसे घटना से अपनी निम्नता का परिचय दे चुके हैं। जबकि बड़ी शालीनता से बात रखना चाहूँगा कि हमारा लोकतंत्र भी इस प्रकार तानाशाही रवैये की इजाजत नहीं देता। इस प्रकार की घटना से हमारे प्रतिभावान खिलाड़ियों का मनोबल में गिरावट आएगी और राज्य की छवि देश के पटल पर धूमिल हुआ है।
नेता प्रतिपक्ष हेमन सोरेन ने इस घटना पर अपने facebook पेज के माध्यम से कड़ी प्रतिक्रिया जताई है।