खिलाड़ी और खेल के प्रति सरकार का उदासीन रवैया क्यों?
इस सन्दर्भ में नाम न छापने के अनुरोध कर कुछ खिलाड़ी अपना दुःख बयाँ करते हुए ये बताने से नहीं चुके कि झारखंड में फुटबॉल के खेल में सिर्फ खानापूर्ति हो रही है।
इस सन्दर्भ में नाम न छापने के अनुरोध कर कुछ खिलाड़ी अपना दुःख बयाँ करते हुए ये बताने से नहीं चुके कि झारखंड में फुटबॉल के खेल में सिर्फ खानापूर्ति हो रही है।
संस्कार की रक्षा एवं संरक्षण की बात करने वाली भाजपा को क्या हमारी देसी परंपरा का इतना भी ज्ञान नहीं कि जिनका सम्मान किया जाना होता है, उन्हें हम सबसे उच्च श्रेणी में रखते है।उस वक़्त वे हमारे मेहमान होते हैं और हमारी संस्कृति एवं परंपरा इसकी इजाजत नहीं देता कि मेहमानों से सेवक वाले कार्य कराये जाय।