झारखण्ड राज्य में रघुवर सरकार की क़ानून व्यवस्था पूरी तरह टांय-टांय फिस्स नजर आ रही है, या फिर यों कहे कि इनके नेता खुद ही सत्ता का फायदा उठा क़ानून व्यवस्था की धज्जियां उड़ा रहे है तो कहीं कोई अतिश्योक्ति नहीं होगी। जहाँ एक तरफ यह सरकार अपने दोनों हाथों से यहां की जल, जंगल, ज़मीन के साथ खनिज सम्पदा बेपरवाही से लूटा रही है, तो वहीं दूसरी तरफ पूरे राज्य की क़ानून व्यवस्था महज एक मज़ाक बन कर रह गयी है। वैसे ज्ञात रहे कि आज की तारीख में झारखण्ड प्रदेश में रघुवर सरकार ही शराब बेच रही है और इस विषय पर जनता का कहना है कि इन शराब दुकानों में भाजपा के मंत्री और इनके विधायक के नजदीकी एवं संघ के बजरंगी भक्त ही सेल्स मेन की भूमिका निभा रहे हैं। जबकि बलात्कार की घटनाओं में बढ़ोत्तरी का एक कारण यह भी है कि जिन सांसदों और विधायकों को कानून के निर्माण की जिम्मेदारी मिली है वे स्वयं औरतों के भक्षक के रूप में सामने आ रहे हैं। उन्नाव की घटना में यह स्पष्ट तौर पर सामने आया है।
इसके साक्ष के तौर पर पहली खबर धनबाद से निकल कर आ रही है जहाँ एक भाजपा नेता के घर नकली शराब बनाने की मिनी फैक्ट्री चल रही थी। साथ ही भारी मात्रा में नकली शराब जब्ती भी की गयी है और माननीय नेताजी फरार है। वहीं दूसरी खबर रांची तुपुदाना इलाके से है जहां दो नाबालिग छात्राओं के साथ सामूहिक दुष्कर्म का मामला प्रकाश में आया है। यहाँ गौर करने वाली बात यह है कि एक मोटरसाईंकल पर दो आरोपी दो नाबालिग को लेकर सड़क के रास्ते भाग जाते हैं और कैसे किसी पुलिस की नजर उनपर नहीं पड़ती यह समझ से परे है। आईये दोनों घटनाओं को विस्तार से जानते हैं।
दरअसल, जब एसओजी की टीम धनबाद ने गुप्त सूचना के आधार पर धनबाद के ही जोरापोखर थाना क्षेत्र में चल रहे अवैध मिनी शराब फेक्ट्री में छापा मारा तब जाकर इस मामले का भंडाफोड़ हुआ। पड़ताल के बाद पता चला कि यह अवैध रूप से चलने वाली मिनी शराब फेक्ट्री के मालिक तो डिगवाडीह बाजार निवासी भाजपा नेता जगजीवन राम हैं और इन्हीं के आवास में यह अवैध रूप से संचालित हो रही थी। बहुत अधिक मात्त्रा में नकली शराब व नकली शराब बनाने की सामग्री की जप्ती की गई। भाजपा नेता जगजीवन राम, वीर सावरकर के तरह सामने आने के वजाय अबतक फरार हैं। डीएसपी एस कुजूर एवं डीएसपी नवीन प्रजापति ने अपने बयान में बताया कि इस अवैध शराब फेक्ट्री से 2 ड्रम स्प्रीट, कई विदेशी शराब कम्पनियों के रैपर व होलोग्राम, 200 बिना रैपर की बोतलें, बोतल के ढकन, देशी शराब के खाली पाउच भी अधिक मात्रा में मिले जिसे जप्त कर लिया गया है।
जबकि दूसरी खबर महिला उत्पीड़न से जुड़ी है जो सरकार की बेटी पढ़ो, बेटी बढाओ की सोच की पोल खोलती है। घटना, तुपुदाना इलाके में 12 जुलाई, गुरुवार की रात की है जहाँ दो नाबालिग छात्राओं के साथ सामूहिक दुष्कर्म हुआ। हालांकि, पुलिस ने इस सिलसिले में अबतक चार आरोपियों को गिरफ्तार किया है, जिनमें दो आरोपी नाबालिग हैं तथा उन्हें न्यायिक हिरासत में ले रिमांड होम भेजा दिया गया है। बाकी बचे दो आरोपी को भी हिरासत में लेकर फिलहाल जेल भेज गया है। पीड़िता ने बयान दिया है कि वह तुपुदाना ओपी क्षेत्र में पढ़ाई के लिए किराये के मकान में रहती है। 12 जुलाई गुरुवार की शाम सात बजे उसकी बड़ी मां की बेटी ने उसे फोन कर हुलहुंडू बुलाया था, जब वह अपने बहन के घर के पास पहुंची तो उसकी बहन भी बाहर ही थी। उसी दौरान वहां जॉन बांडो और एक अनजान नाबालिग बाइक से पंहुचा और उन दोनों बहनों (नाबालिग छात्राओं) को एक ही बाईक में बैठा कर तुपुदाना के तरफ्ले गए और इसी दौरान उनके साथ उन्होंने सामूहिक रेप भी किए। फिर वे एक पीड़िता को घटना स्थल पर ही छोड़ कर चले गए। पीड़िता जैसे-तैसे रेलवे लाइन के किनारे से होते हुए अपनी बड़ी मां के घर पहुंची। जब छात्रा से उसके चचेरी बहन के बारे पूछा गया, तब उसे पता चला कि वह भी अभी तक घर नहीं पहुँची है। इसके बाद छात्रा ने पुलिस को फोन किया। पुलिस के पहुँचने पर छात्रा ने उन्हें घटनाक्रम की जानकारी दी। पुलिस ने शुक्रवार की सुबह लगभग तीन बजे दूसरी छात्रा को नाबालिग आरोपी के घर से बरामद कर लिया। जब उससे पूछा गया तो पता चला कि उसके साथ भी रेप हुआ है।
एसोसिएशन ऑफ़ डेमोक्रेटिक राइट्स (ADR) की एक रिपोर्ट के मुताबिक देश में 51 सांसद और विधायकों पर बलात्कार और अपहरण सहित महिलाओं के ख़िलाफ़ अपराधों के संगीन आरोप हैं। ग़ौरतलब है कि इनमें सबसे अधिक संख्या ‘बेटी बचाओ…’ का स्वांग कर रही भारतीय जनता पार्टी के सदस्यों की है। पिछले कुछ समय से भाजपा गुण्डों, मवालियों, दंगाइयों और बलात्कारियों की शरणस्थली बनकर उभर रही है जिसमें सभी पार्टियों के अपराधी शरण ले रहे हैं! यही नहीं समाज को नैतिकता का पाठ पढ़ाने वाले और संस्कारों की दुहाई देने वाले आसाराम, रामपाल और राम रहीम जैसे बाबा बलात्कार के संगीन अपराध में लिप्त पाये गये हैं जो बिना राजनीतिक सरपरस्ती के इतने घिनौने अपराधों को अंजाम दे ही नहीं सकते थे। और इनकी संलिप्तता समझी भी जा सकती है। अब देखना या है कि इन दोनों उपरोक्त घटनाओं पर रघुवर सरकार क्या बयान देती हैं या फिर बयान देना भी जरूरी समझती हैं या नहीं?