झारखण्ड आंदोलनकारी आयोग का हुआ गठन. चेयरमैन के पद पर दुर्गा उरांव की नियुक्ति. राज्य के आंदोलनकारियों को मिलेगा उनका हक और सम्मान
रांची : झारखण्ड आंदोलनकारी आयोग के चेयरमैन पद पर सेवानिवृत आइपीएस अधिकारी दुर्गा उरांव की नियुक्ति हुई है. आयोग का कार्यकाल एक साल का है. जल्दी आयोग के कार्य शुरू होने की आशा में झारखण्ड के आंदोलनकारियों में खुशी की लहर है. क्योंकि लंबे समय से झारखण्ड में आंदोलनकारियों की पहचान और चिन्हितिकरण का काम रूका हुआ था. जो अब शुरू हो सकेगा. और आंदोलनकारियों को उनका हक और अधिकार मिलेगा.
ज्ञात हो, झारखण्ड आंदोलनकारी मोर्चा के अनुसार पूर्व में लगभग 60 हजार झारखण्ड आंदोलनकारियों ने आवेदन किया है. इनमें से अभी तक लगभग 20 हजार आवेदनों की ही स्क्रूटनी हो पायी है. आयोग के गठन से अब लंबित आवेदनों की स्क्रूटनी के काम में तेजी आयेगी.
आंदोलनकारियों को जीवन काल तक मिलेगी पेंशन
गौरतलब है कि मुख्यमन्त्री हेमन्त सोरेन की सरकार ने कुछ महीने पूर्व झारखण्ड आंदोलनकारी आयोग के गठन की घोषणा की थी. आयोग के नाम के साथ पहले वनांचल शब्द भी जुड़ा था. जिसे झारखण्डी भावनाओं के मद्देनजर अब हटा दिया गया है. सरकार की घोषणा के अनुरूप पुलिस फायरिंग/कारा में मृत या दिव्यांग हुए आंदोलनकारी के परिवार के आश्रित को तृतीय/चतुर्थ श्रेणी की श्रेणी में सीधी नौकरी मिलेगी. आंदोलन के क्रम में कारा गये आंदोलनकारियों को जीवन काल तक पेंशन मिलेगी. पेंशन की राशि 3500 से 7000 रूपये तक की गयी है. यह कारा में बिताये अवधि के अनुसार मिलेगा.
सभी आंदोलनकारियों को प्रतीक चिन्ह एवं प्रमाणपत्र देकर सम्मानित भी किया जायेगा. मुख्यमन्त्री हेमन्त सोरेन आंदोलनकारी परिवार से आते हैं और वह आंदोनकारियों का दर्द समझते हैं. झारखण्ड आंदोलनकारियों को लेकर हेमंत सोरेन ने जो वादे किए थे उसे उन्होंने सरकार में आने के बाद पूरा किया हैं. अलग राज्य की लड़ाई में झारखण्ड के आंदोलनकारियों ने जो संघर्ष किया था उसका यह प्रतिफल है. मसलन, झारखण्ड 20 बरस बाद अलग राज्य के उन तमाम आंदोलनकारियों को उनका हक, अधिकार और सम्मान देकर, अपनी कृतज्ञता ज्ञापित करने जा रहा है.