झारखण्ड : ऐसा प्रतीत होता है कि सामंती राजनीति के पास उसके अस्तित्व संरक्षण केवल झूठे प्रचार पर आ टिका है. मीडिया व सोशल मिडिया के माध्यम से नेतरहाट फिल्ड फायरिंग रेंज रद्द नहीं होने का झूठी खबर धड़ले से फैलाने का प्रयास हुआ.
राँची : ऐसा प्रतीत होता है कि सामंती राजनीति के पास उसका अस्तित्व संरक्षण केवल झूठे प्रचार पर आ टिका है. मीडिया व सोशल मीडिया के माध्यम से नेतरहाट फिल्ड फायरिंग रेंज रद्द नहीं होने की झूठी खबर धड़ले से फैलाई जा रही है. जबकि नेतरहाट फिल्ड फायरिंग रेंज को पुनः अधिसूचित करने के प्रस्ताव को सीएम के आदेश पर अस्वीकृत कर दिया गया है. और यहां अब किसी भी प्रकार का सैन्य अभ्यास नहीं किया जाएगा. जाहिर है इससे किसे फायदा होगा समझा जा सकता है.
नेतरहाट फिल्ड फायरिंग रेंज से सम्बंधित फैलाई जा रही सूचना निराधार
मीडिया और सोशल मीडिया पर नेतरहाट फिल्ड फायरिंग रेंज के रद्द होने की फैलाई जा रही खबर झूठी है. क्योंकि राज्य सरकार के दिनांक 14.06.2022 के दस्तावेज में स्पष्ट उल्लेख है कि नेतरहाट फिल्ड फायरिंग रेंज को पुनः अधिसूचित करने के प्रस्ताव को सीएम के आदेश पर अस्वीकृत कर दिया गया है. केन्द्रीय जनसंघर्ष समिति ने अपने पूर्व निर्धारित विरोध दिवस आयोजन को स्थगित कर अब वहां विजय और आभार दिवस मनाने की घोषणा की है.
फील्ड पायरिंग रेंज से संबंधित जानकारी जनसंघर्ष समिति नहीं मिलने का फायदा सामन्ती राजनीति द्वारा उठाने का प्रयास हो रहा था. ज्ञात हो, सरकार द्वारा नेतरहाट फील्ड फायरिंग रेंज को पुनः अधिसूचित करने के प्रस्ताव को अस्वीकृत कर दिये जाने के संबंध में जारी अधिसूचना जनसंघर्ष समिति को उपलब्ध समय पर नहीं हो सकी थी. नतीजतन इस मामले में सामन्तवाद द्वारा भुनाने का प्रयास हुआ.
लेकिन अब राज्य सरकार का निर्णय उपायुक्त गुमला के माध्यम से केन्द्रीय जनसंघर्ष समिति को उपलब्ध हो चुकी है. जिससे स्पष्ट हो गया है कि सरकार द्वारा नेतरहाट फील्ड फायरिंग रेंज को सेना के अभ्यास के लिए अधिसूचना प्रस्ताव अस्वीकृत हो चुकी है. मसलन, जनसंघर्ष समिति द्वारा टुटुआपानी मोड़ में आयोजित विरोध एवं संकल्प दिवस कार्यक्रम को विजय एंव आभार दिवस के रूप मनाने का एलान हुआ है. जिससे सामंती राजनीती राज्य में फिर एक बार मुद्दाविहीन हो चला है.