झारखण्ड : सुखाड़ से निपटने के लिए सीएम के नेतृव में हुई आपदा प्रबंधन की बैठक

झारखण्ड : कम बारिश कारण धान व अन्य फसलों की बुआई लक्ष्य की तुलना में कम है. हेमन्त सरकार ने सुखाड़ से निपटने के लिए समय रहते उठाया गया है कदम. 

रांची : झारखण्ड में सुखाड़ जैसे गंभीर विषय में हेमन्त सरकार द्वारा समय रहते गंभीर कदम उठाया गया है. सूखे की स्थिति का जायजा व गंभीर स्थिति में उससे निपटने हेतु आपदा प्रबंधन प्राधिकार की उच्च स्तरीय बैठक सम्पन्न हुई. बैठक में सीएम द्वारा राज्य में वर्षापात और फसलों की बुआई की पूरी जानकारी ली गई. विभिन्न विभागों द्वारा इससे निपटने हेतु बनाई जा रही कार्य योजनाओं की जानकारी ली. 

झारखण्ड में सूखे की वर्तमान स्थिति 

मुख्यमंत्री को अधिकारियों द्वारा बताया गया कि 7 जिलों में सामान्य, 15 जिलों में सामान्य से कम और 2 जिलों  में बहुत ही कम बारिश हुई है. कम बारिश कारण धान व अन्य फसलों की बुआई लक्ष्य की तुलना में कम है. 

मुख्यमंत्री द्वारा किसानों, पशु पालकों, श्रमिकों-मजदूरों और ग्रामीणों को राहत देने हेतु तैयारियां तेज करने के निर्देश दिए गए. गंभीर स्थिति में पलायन को रोकने हेतु हर गांव में पांच-पांच नई योजनाएं शुरू करने का निर्देश दिया गया है. खाद्यान्न, पेयजल और पशु चारा की कमी जैसे, सभी पहलुओं को ध्यान में रखते हुए योजना को तैयार करने व बेहतर क्रियान्वयन के लिए मॉनिटरिंग के निर्देश भी दिए गए हैं. 

 सुखाड़ से निपटने के लिए उठाए गए प्रमुख कदम  

  • राज्य भर में एक लाख नए कुआं और एक लाख तालाब बनाए जाएंगे. साथ ही युद्ध स्तर पर चापाकल और चेक डैम की मरम्मत की जाएगी. 
  • मनरेगा के तहत कच्चे कार्यों पर लगी रोक हटाते हुए ग्रामीण इलाकों में कच्ची सड़कों, तालाब, खेतों में मेढ़, जलकुंड और जल स्रोतों का गहरीकरण इत्यादि का काम शुरू करने के निर्देश दिए गए. यह ग्रामीण इलाकों में रोजगार उपलब्ध कराने के मंशा से किया गया है. 
  • हर महीने की 5 तारीख तक सामाजिक सुरक्षा पेंशन का वितरण सुनिश्चित  करने के निर्देश दिए गए. ताकि सुखाड़ में जनता को आर्थिक परेशानी न उठान पड़े. 
  • 5 लाख नए राशन कार्ड जल्द जारी करने के निर्देश. पीडीएस दुकानों से राशन का वितरण हर महीने सुनिश्चित करने व वितरण प्रणाली को आसान बनाने के निर्देश.  

सुखाड़ से निपटने हेतु संबंधित विभाग समन्वय बनाकर योजनाएं बनाएं -सीएम 

मुख्यमंत्री द्वारा सभी विभागों से कहा कि वे आपस में समन्वय बनाकर योजनाएं बनाएं जिससे योजनाएं बहुउपयोगी साबित हों. विभागों को सुखाड़ से निपटने हेतु दो हज़ार से लेकर ढाई हजार करोड़ रुपए तक की योजनाएं बनाने का निर्देश दिया गया. साथ ही सभी योजनाओं की जियो टैगिंग करने का भी निर्देश दिया गया. 

सुखाड़ से निपटे हेतु बन रहे योजनाओं में मुख्यमंत्री का विशेष निर्देश 

  • गौ पालकों के लिए योजना बनाएं. इसके अंतर्गत समूह बनाने वालों को गाय-भैंस उपलब्ध कराएं और दूध की खपत की व्यवस्था सुनिश्चित करने के निर्देश.
  • ग्रामीण कृषि उत्पादों को बढ़ावा देने हेतु बाजार उपलब्ध कराने व उसका उचित मूल्य दिलाने का निर्देश.
  • पेयजल संकट की स्थिति में टैंकर अथवा अन्य माध्यमों से पेयजल आपूर्ति करने के निर्देश.
  • विद्यार्थियों को समय पर छात्रवृत्ति वितरित करने के निर्देश. 
  • सभी सरकारी और रैयती तालाबों का गहरीकरण कार्य शुरू करने के निर्देश.
  • मनरेगा के तहत मानव सृजन दिवस की गति को तेज तेज करने के निर्देश.
  • वाटर स्टोरेज कैपेसिटी बढ़ाने के साथ मछली पालन को बढ़ावा देने हेतु लघु सिंचाई परियोजनाओं के जीर्णोद्धार कार्य शुरू करने के निर्देश.
  • पर्यटक स्थलों पर रोजगार की संभावनाओं को तलाशने हेतु जरूरी सुविधाएं उपलब्ध कराने के निर्देश.

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