मुंशी प्रेमचन्द के जन्मदिन के अवसर पर उनका प्रसिद्ध लेख
साम्प्रदायिकता और संस्कृति मुंशी प्रेमचन्द किसी परिचय के मोहताज …
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साम्प्रदायिकता और संस्कृति मुंशी प्रेमचन्द किसी परिचय के मोहताज …
धनबाद के जेएनएन में रविदास समाज संघर्ष समिति ने शुक्रवार को भाजपा के सीटों से जीते अनुसूचित जाति/अनुसूचित जनजाति के विधायकों एवं सांसदों का पुतला दहन किया। इस कार्यक्रम के दौरान समिति ने सांसदों पर आरोप लगाया कि ये सभी एससी-एसटी के घोर विरोधी हैं।
दिल्ली में भूख से मृत्यु के काल में गयीं 3 बच्चियों के पेट में अन्न का एक भी दाना नहीं था। देश को शर्मसार करने वाली यह घटना तब और भयावह लगी, जब भाजपा शासित झारखण्ड प्रदेश से भी 24 जुलाई को बिरहोर जनजाति जैसी संरक्षित जाति से एक बिरहोर की भी भूख से हुई मृत्यु सुर्ख़ियों में बनी रही।
सका पति कभी-कभी ट्रैक्टर चलाते थे तो घर चलता था। बीमारी के कारण उनका यह काम भी बंद हो गया था। इस विकट परिस्थिति में वह भीख मांगकर पति और छह बच्चों की भूख मिटा रही थी। उसके पति की बीमारी अधिक बढ़ जाने के बाद वह यह काम भी नहीं कर पायी।
अबतक हुई दुर्घटनाओं में 1000 से अधिक लोग घायल हुए है और 500 से अधिक लोगों की मौत भी हो चुकी है। झारखण्ड उच्च न्यायालय इसके आलोक में अब तक 37 आदेश पारित कर चुकी है परन्तु विडम्बना यह है कि सरकार इस गंभीर परिस्थिति पर आंख मुंदी हुई है।