झारखण्ड में अपने छात्र मोर्चा तक को संभालने में विफल है सरकार

झारखण्ड राज के रघुवर सरकार से अबतक तो केवल यहाँ की गरीब जनता, विद्यार्थी, ठेका मजदूर, बेरोजगार आदि ही परेशान थे! परन्तु अब भाजपा के अनुषंगी छात्र मोर्चा के विद्यार्थी भी परेशान दिख रहे हैं, जिसका प्रदर्शन उन्होंने 15 सूत्री मांग को लेकर गुरुवार को राजभवन के समक्ष धरना देकर किया।  इसके पश्चात राज्यपाल द्रौपदी मुर्मू व केंद्रीय मंत्री सुदर्शन भगत को इन विद्यार्थियों ने ज्ञापन सौंपा।

भाजपा अनुषंगी छात्र मोर्चा ‘अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद ने डंके के चोट पर झारखण्ड सरकार से 15 दिनों के भीतर लंबित छात्रवृत्ति की जिलावार रिपोर्ट, छात्रवृत्ति की राशि को महंगाई से जोड़ कर बदलाव, शोधार्थी को दी जाने वाली राशि समय पर देने, छात्र संख्या के अनुपात में छात्रावासों में सुविधा व छात्रावास की संख्या बढ़ाने, छात्रावास में अधीक्षक, रसोइया, सुरक्षाकर्मी एवं सफाई कर्मी की स्थायी नियुक्ति की मांग की है. विद्यार्थी परिषद ने प्रतियोगिता की तैयारी कर रहे विद्यार्थियों के लिए नि:शुल्क कोचिंग व विशेष छात्रावास बनाने की मांग की है। राज्य में मुख्यमंत्री फेलोशिप योजना की घोषणा के बाद भी इसे अबतक शुरू क्यों नहीं किया गया है? आदि।

इनके मामले में राज्यपाल महोदया ने तत्परता दिखाते हुए प्रतिनिधिमंडल को आश्वासन दिया कि वे छात्र हित में सभी मामलों पर राज्य सरकार को निर्देश देने व केंद्रीय मंत्री ने इसकी जानकारी केंद्र सरकार को देने की बात कही।

छात्र मोर्चा ने अपने वक्तव्य में कहा कि झारखंड की रघुवर सरकार संवेदनहीन हो गयी है। धरना स्थल पर प्रदेश संगठन मंत्री ने कहा है कि राज्य के ग्रामीण क्षेत्र के विद्यार्थियों की पढ़ाई छात्रवृत्ति पर निर्भर है।  ऐसे में छात्रवृत्ति राशि नहीं मिलने से उनकी पढ़ाई प्रभावित हो रही है। प्रदेश संगठन मंत्री ने झारखण्ड सरकार पर आरोप लगाते हुए यह भी कहा कि छात्र हित से जुड़े मुद्दों पर झारखंड सरकार संवेदनहीन रवैया अपना रही है। आगे उनहोंने यह भी कहा कि मांग पूरी नहीं होने की स्थिति में वे आनिश्चित कालीन आंदोलन को बाध्य हो जायेंगे।

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