पढेगा झारखण्ड बढ़ेगा झारखण्ड : झामुमो

पढेगा झारखण्ड बढ़ेगा झारखण्ड :शिक्षा पर बात

साल नया आने को है, झारखंड की उम्मीद भी नयी होगी। उम्मीदें चाहें जो हो लेकिन जाहिर है कि सब की नज़रे राज्य में होने वाली चुनाव पर ही है। क्योंकि इस बार राज्य में चुनाव का मतलब ही है बदलाव की नयी लकीर। इस फ़ेहरिस्त में झारखंड मुक्ति मोर्चा का वेदारी प्रबल माना जा रहा है। यकीनन यह दल पूरी ताकत से सत्ता से टकराई भी है और सत्ता का वार झेलते हुए शिक्षा, बेरोजगारी, जल-जंगल-ज़मीन जैसे मुद्दे हेमंत सोरेन ने लगातार मज़बूती से उठाते हुए रघुवर सरकार को घेरते भी रहे हैं।

यह माना जाता है कि बदलाव या विकास का अक्स किसी भी दल के घोषणा पत्र के शब्दों पर भी निर्भर करता है। ऐसे में झारखंड मुक्ति मोर्चा के घोषणाओं को टटोलना ज़रूरी हो जाता है। इस कड़ी में पहला विषय शिक्षा, जो किसी राज्य व राष्ट्र का नीव होता है, जिसे लेकर झामुमो ने नारा दिया है “पढेगा झारखण्ड बढ़ेगा झारखण्ड”।

पढ़ेगा झारखण्ड तभी तो बढ़ेगा झारखण्ड  

  • झामुमो का शिक्षा विषय पर कहना है कि वे राज्य के गणमान्य शिक्षाविदों को शामिल कर “शिक्षा सुधार समिति” का गठन करेंगे, जिसके मार्गदर्शन में शिक्षा की वर्तमान स्थिति का आकलन करते हुए प्रभावकारी बदलाव करेंगे, जिससे राज्य में शिक्षा का विकास होगा।
  • रघुवर सरकार में बंद किये गए तमाम सरकारी विद्यालयों को पुनः सुचारु रूप से चालू करेंगे और सरकारी स्कूलों की शिक्षा प्रणाली प्राइवेट स्कूल की तुलना में बेहतर बनायेंगे। ऐसी नीतियां बायेंगे जिससे “शिक्षा का अधिकार” अधिनियम का अक्षरसः पालन होगा। 
  • राज्य में झामुमो झारखंड के अमर महापुरुषों के नाम पर एक हज़ार (1000) आदर्श विद्यालयों का निर्माण करेंगे, जो सभी सुविधाओं से लैस होगी और इसके लिए अलग से शिक्षकों की नियुक्ति करेंगे। उच्च शिक्षा तक सभी की पहुँच सुनिश्चित करने के लिए 15 किलोमीटर के अंतराल में डिग्री कॉलेज निर्माण करेंगे। गिरिडीह, साहेबगंज, चाईबासा में नए मेडिकल कॉलेज खोले की बात भी घोषणा में कही गयी है।
  • देश भर के प्रतिष्ठित संस्थानों से मदद से राज्य के सभी जिला मुख्यालयों में प्रतियोगी परीक्षाओं -जैसे रेलवे, बैंकिंग, जेपीएससी, जेएसएससी आदि की तैयारी के लिए अध्ययन केंद्र खोलने की बात कही गयी है, जिसमे बच्चे बहुत कम फ़ीस दे पढ़ाई कर सकेंगे। चतरा, गढ़वा एवं गुमला जैसे जिलों में नए तकनीकी कॉलेज खोले जायेंगे।
  • स्थानीय भाषाओं की समुन्नति के लिए विभिन्न स्तरों पर पढ़ाई की व्यवस्था करेंगे। निजी विद्यालयों की फ़ीस बढ़ोतरी जैसे मनमानी रवैये पर अंकुश लगाने के लिए विशेष प्रावधान बनायेंगे। अनुसूचित जाति एवं जनजाति छात्रावासों का जीर्णोद्धार कर उसमे मूलभूत सुविधायें प्रदान करेंगे। …जारी   

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