झारखंड में पाँच चरणों में विधानसभा चुनाव संपन्न कराये जाने हैं, मुख्यमंत्री जी द्वारा कहे जाने के बावजूद कि नक्सल राज्य में आख़िरी लड़ाई लड़ रही है, निर्वाचन आयोग ने उसी नक्सल का हवाला देते हुए एक लम्बी चुनाव प्रक्रिया की नीव रखी। मीडिया जगत ने इसे एक से एक उपनाम दिए, लेकिन किसी ने इन बुनियादी सवालों को पूछने की जहमत नहीं उठायी कि महीन भर से ज्यादा तक चलने वाली इस क़वायद से राज्य पर क्या असर पड़ेगा। आम जनता को मुश्किलों से कैसे निजात मिलेगा।
लंबी आदर्श आचार संहिता के कारण राज्य में लगभग 10 हजार अधिकारियों और कर्मचारियों की नियुक्ति अटक गई है। इसी तरह लगभग 12 हजार करोड़ की संरचनागत परियोजनाओं के टेंडर भी नहीं हो पा रहे हैं। स्कूली शिक्षा एवं साक्षरता विभाग की ओर से मॉडल स्कूलों में स्नातकोत्तर प्रशिक्षित शिक्षकों के 979 पदों के लिए भी नियुक्ति प्रक्रिया शुरू करने के लिए आवेदन नहीं मांग सके हैं। वहीं पांचवे चरण के चुनाव के दिन ही डिप्टी कलक्टर का लिखित परीक्षा होना है। साथ झारखंड लोक सेवा आयोग का घोषित परीक्षा तिथि 22 नवंबर से 1 दिसंबर तक है।
पहले से ही झारखंड में प्रशासन व्यवस्था की हालत चरमराई थी, लेकिन लम्बी चुनाव प्रक्रिया से और बदतर होती दिख रही है। भवनाथपुर थाना क्षेत्र के निवासी बलराम सिंह के बच्चे की मौत खून के अभाव में हो गयी है, तो बाज़ार में 80 रूपए किलो प्याज बिक रहा हैं। साथ ही अपराधी भी बेलगाम होते दिख रहे हैं -गढ़वा में अज्ञात अपराधियों ने व्यवसायी की गोली मार कर हत्या कर दी। सरिया थाना क्षेत्र के श्विकास कुमार महतो इमिग्रेशन (आप्रवासन) कानून के उल्लंघन के आरोप में मलेशिया के जेल में बंद है। जिसे लेकर परिवार वालों का रो-रोकर बुरा हाल है, कोई सुनने वाला नहीं है।
लम्बी चुनाव प्रक्रिया से अपराधी हुए बेलगाम
धनबाद बिनाेद नगर (अंबेडकर नगर) के अशाेक सिंह के बंद आवास का ताला ताेड़ कर चाेराें ने 2.05 लाख रुपए सहित तीन लाख की संपत्ति चाेरी कर ली। नामकुम में जमीन कारोबारी राजेश नायक की गोली मारकर हत्या कर दी गई। मानगो थाना क्षेत्र की तीन नाबालिक बच्चियां लक्ष्मी गोस्वामी, अंजली सिंह गायत्री गोस्वामी एक साथ लापता है, आदि।
मसलन, इसमें कोई शक नहीं कि यदि लम्बी चुनाव प्रक्रिया के बजाय चुनाव जल्द संपन्न कराये जाते, तो युवा बिना प्रेसर में परीक्षायें दे पाते, बेरोजगारों को जल्द नकरी मिलती, महंगाई व अपराध पर लगाम लगती। सबसे बड़ी बात झारखंडी जनता को मुश्किलों से निजात मिलती।