युवा आक्रोश मार्च के मंच से हेमंत सोरेन की दहाड़ 

झारखंड मुक्ति मोर्चा ने रांची समेत राज्य भर में झारखंडी युवाओं के दर्द को युवा आक्रोश मार्च के अंतर्गत उनकी आवाज़ सरकार के बहरी हो चुकी कानों तक पहुँचाने का प्रयास भर है। जिसके अंतर्गत सरकार द्वारा छले गए युवाओं की बड़ी संख्या ने नेता प्रतिपक्ष हेमंत सोरेन की आवाज़ से आवाज़ मिलाई। युवा आक्रोश मार्च के माध्यम से झामुमो ने मौजूदा सरकार को चेतावनी दी कि वह अपने क्रियाकलापों में सुधार लाए व स्थानीय युवाओं के साथ की जाने वाली भेदभाव की नीति पर विराम लगाएँ। 

युवा आक्रोश मार्च
युवा आक्रोश मार्च

युवा आक्रोश मार्च के मंच से नेता प्रतिपक्ष हेमन्त सोरेन ने राज्य की समस्याओं के लिए मुख्यमंत्री रघुवर दास व उनकी नीतियों को सीधा जिम्मेदार ठहराया। उन्होंने अपने संबोधन में दो टूक कहा कि सीएम रघुवर दास इस राज्य की दुर्दशा का जिम्मेदार है, इसलिए उन्हें छत्तीसगढ़ पहुँचाये बिना झारखंडी युवाओं का कल्याण असंभव है। साथ ही यह भी कहा कि ये करते तो विकास की बात हैं लेकिन किनका विकास कर रहे हैं यह किसी से छुपी नहीं है। एक तरफ तो इनके पास राज्य के पारा शिक्षकों व आंगनवाड़ी सेविकाओं को मानदेय देने के लिए फंड नहीं है, तो दूसरी ओर राज्य के युवा बेरोज़गारी के हालात में न केवल बेहाल हैं बल्कि स्थिति यहाँ तक आ पहुंची है कि ये डिप्रेशन के शिकार हो मौत को गले लगा रहे हैं और कुछ इच्छा मृत्यु की मांग कर रहे हैं। जबकि सरकार इनके हिस्से की नौकरियाँ अन्य राज्य के लोगों को थमा रही है। साथ ही ठेका-पट्टे का काम भी बाहरियों को ही मिल रहा है, इन परिस्थितियों में यहां के बेरोज़गार युवा कहां जायेंगे?

युवा आक्रोश मार्च
युवा आक्रोश मार्च

नेता प्रतिपक्ष ने खुले शब्दों में कहा कि मौजूदा वक़्त का आन्दोलन केवल हक-अधिकार के लिए नहीं, बल्कि झारखण्ड व झारखण्डियत की बचाने की जद्दोजहद हैं। यदि आज हम इनके इरादों को नहीं समझे तो आने वाली पीढ़ी हमें माफ नहीं कर सकेगी। हेमन्त सोरेन ने अपने संबोधन में किसानों के दुखती रग को छूते हुए कहा कि यह सरकार फिर से विभिन्न योजनाओं को जमीन पर उतारने का लोक-लुभावन नारे दे रही हैं, पर इसकी ज़मीनी हक़ीक़त यह है कि केवल सप्ताह भर में दो किसानों ने अपनी जान की आहुति दी है। मसलन, कोई भी समझ सकता है कि यह कैसा विकास चल रहा है  और किसका विकास हो, यह युवाओं के लिए चिंतान्यीय विषय है। अंत में उन्होंने झारखंडी युवा से अपील किया कि इन परिस्थितियों में भाजपा के इस रघुवर सरकार को उखाड़ फेंकिये। इसी में झारखण्ड व झारखंड के वासियों की भलाई निहित है।

सोशल मीडिया पर झामुमो के युवा आक्रोश मार्च के हो रही सराहना ने आगामी चुनाव को और और भी दिलचस्प बना दिया है

 

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