मुफ्त गैस का लालच दे भाजपा ने आम चुनाव में वोट लिए, फिर भूल गए 

भाजपा ने लोकसभा चुनावी रैलियों में प्रधानमंत्री उज्ज्वला योजना को एक बड़ी सफलता के रूप में पेश किया था जब कि हकीक़त में इस योजना के तहत मुफ्त गैस कनेक्शन पाने वाले अधिकतर ग्रामीण परिवार चूल्हे पर भोजन पकाने को मजबूर थे अध्ययन से पता चला था कि पैसे की कमी के कारण   झारखण्ड, बिहार, मध्य प्रदेश, उत्तर प्रदेश और राजस्थान के अधिकांश ग्रामीण इलाकों में 85 फीसदी उज्ज्वला लाभार्थी अभी भी खाना पकाने के लिए मिट्टी के चूल्हे का उपयोग करते हैं रिसर्च में यह तथ्य भी सामने आये थे कि गांवों में लैंगिक असमानता भी इसकी एक अन्य वजह है लड़किओं के खाना पकाने पर जो वायु प्रदूषण होता है, उससे उनकी मृत्यु भी हो सकती है साथ ही बच्चे के विकास में नुकसान पहुंच सकता है जबकि वयस्क महिलाओं में इन चूल्हों पर खाना पकाने से उनकी दिल व फेफड़ों की बीमारी में बढ़ोतरी भी होती है 

प्रधानमंत्री उज्ज्वला योजना साल 2016 में शुरू हुई थी. जिसके तहत ग्रामीण परिवारों को मुफ्त गैस सिलेंडर, रेगुलेटर और पाइप प्रदान की जाती है रिपोर्ट में कहा गया था कि गरीब परिवार सिलेंडर के खत्म होते ही दोबारा इसे भराने में असमर्थ होते हैं यह तो एक मुद्दा है, लेकिन जरूरी है कि लड़कियों व महिलाओं को बीमारी से बचाने के लिए उन्हें जल्द से जल्द गैस कनेक्शन उपलब्ध कराया जाए व फिर से रिफिल करने में सुविधा दी जाए लेकिन झारखण्ड की सरकार ऐसा करने में विफल दिख रही है ताज़ा रिपोर्ट के अनुसार पता चला है कि पिछले तीन माह से प्रधानमंत्री उज्ज्वला योजना के तहत राँची जिले की 13500 गरीब महिलाओं का गैस कनेक्शन अधर में लटका है 

राँची जिले में कुल 52 गैस एजेंसियाँ हैं बीपीसी के 12, एचपीसी के 9 व आइओसी के 31 एजेंसियाँ हैं, जो उज्ज्वला गैस कनेक्शन दे रही हैंलेकिन यह एजेंसियाँ गैस कनेक्शन देने में विलम्ब करती दिख रही है केवल बुंडू इंडेन गैस के पास 1952 आवेदन लंबित है और अब तक मात्र 17 आवेदनों का ही निष्पादन किया गया है जबकि ओरमांझी इंडेन में 1511 आवेदन लंबित हैं और इस एजेंसी ने अबतक 52 आवेदनों का ही निष्पादन किया है। यह आवेदन उन गरीब महिलाओं का है जिन्हें लोक सभा चुनाव से पहले राशन डीलर, पार्षद सहित अन्य सामाजिक कार्यकर्ताओं के द्वारा चिह्नित किया गया था जबकि कई एसी एजेंसियाँ भी है जिन्होंने इन गरीब महिलाओं के आवेदन वापस भी कर दिए हैं 

मसलन, इन तथ्यों से यह निष्कर्ष निकाला जा सकता है कि भाजपा ने चुनाव के पहले गरीब महिलाओं से मुफ्त गैस का लालच देकर वोट लिए और अब काम निकल गया तो अगले चुनाव के लिए टाल दिया है

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