जनता सरकार की कार्यशैली को लेकर सड़क पर उतरने को मजबूर  

झारखंडी जनता के पास आज सरकार की कार्यशैली को लेकर सड़क पर उतरने के अलावा कोई रास्ता नहीं !

झारखण्ड में कई जगह लोग मौजूदा सरकार और उसकी प्रशासनशैली से परेशान हो सड़क पर उतरने को मजूर हों चुके हैं। इसके पीछे कई वजहें है जैसे सुरक्षा व्यवस्था, साफ़-सफाई, महिला उत्पीडन आदि । पहली रिपोर्ट गुमला ललित उरांव बस पड़ाव की है जहाँ तमाम दुकानों के सैकड़ों दुकानदार आज सुबह 10 बजे सड़क पर उतर आये और बस पड़ाव की ओर आने-जाने वाली गाड़ियों को रोक कर सड़क जाम कर दिया जिससे वाहनों का परिचालन ठप हो गया पुलिसकर्मियों के अनुरोध करने पर भी वे जाम हटाने को तैयार नहीं हैं दुकानदार प्रशासन के खिलाफ नारेबाजी करते हुए बस पड़ाव की समस्या को दूर करने की मांग कर रहे हैं। 

सेवा दल के संयोजक निकेश राज का कहना है कि बस स्टैंड में सुरक्षा की कोई व्यवस्था नहीं है। तमाम सड़के टूटी हुई है, सफाई नहीं होती, पानी की व्यवस्था नहीं है इसके अलावा यहाँ और भी कई बुनियादी समस्याएं मौजूद हैं। साथ ही सरकार पर जनता का यह भी आरोप लगाया जा रहा है कि बस पड़ाव से प्रशासन को लाखों रुपये का राजस्व प्राप्त होता है, परंतु सुविधा के नाम पर सरकार के झोली खाली हो जाती है। दूसरी ख़बर साहिबगंज की है, यहाँ सातवीं कक्षा की एक छात्रा के साथ 8 जुलाई को वाहन में बंद कर दुष्कर्म किया गया पुलिस अबतक फरार आरोपियों को पकड़ने में नाकाम है 

घटना को लेकर साहिबगंज के लोगों में काफी उबाल देखा गया उन्होंने फरार आरोपियों की गिरफ्तारी व पीड़िता को न्याय दिलाने के लिए विभिन्न संगठनों के साथ सड़क पर उतर कर पूरे शहर को बंद करवाया अच्छी बात यह रही कि दुष्कर्म के विरोध में शहर के बाजार स्वत: स्फूर्त बंद रहे जबकि एनएच-80 पूरी तरह जाम रहा कुल मिला कर देखा जाए तो पूरे राज्य में आराजकता का माहौल है, यहाँ तक की भाजपा और संघ के कई अनुशंगी दल भी सड़क पर हैं, परन्तु सरकार इसे दुरुस्त करने के बजाय केवल अपने चुनावी गणित में उलझी हुई है

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