अटल वेंडर मार्केट (राँची नगर निगम) के दुकान आवंटन में फर्जीवाड़ा 

राँची नगर निगम के अंतर्गत बनने वाले अटल वेंडर मार्केट में फुटपाथ के दुकानदारों को 23 मई के बाद बसाने का निर्णय लिया गया था लेकिन मार्केट में बनी दुकानों को आवंटन जिस फ़र्ज़ी तरीके से हुआ, उसके पीछे कौन था, उस पर क्या कार्रवाई हुई, जानकारी किसी को नहीं टाउन वेंडिंग कमेटी के सदस्यों ने माना था कि यदि मीडिया ने  इस फर्जीवाड़े का उजागर अगर नहीं किया होता तो शायद अब तक फ़र्ज़ी दुकानदारों को दुकान आवंटित हो भी गयी होती 16 अप्रैल को हुई टाउन वेडिंग कमिटी की बैठक में यह निर्णय लिया गया था कि मार्केट में दुकान लेनेवाले फर्जी दुकानदारों का री-वेरिफिकेशन किया जायेगा

2 अप्रैल की बैठक में नगर आयुक्त ने (टीवीसी) सदस्यों द्वारा लगाये गये धांधली के आरोप को देखते हुए 11 फर्जी दुकानदारों के नाम को तत्काल ही सूची से हटाने का निर्देश भी दिया था लेकिन इस फर्जीवाड़े में कौन अधिकारी शामिल था, इस पर कोई कार्रवाई होने की जानकारी अब तक किसी को भी नहीं है इस पूरे फर्जीवाड़े में एक नाम नगर आयुक्त के रिश्तेदार का सामने आता रहा, लेकिन कोई जांच नहीं हो पायी यह सवाल भी उठता रहा कि क्या निगम प्रशासन उस आरोपी को बचाने के प्रयास में तो नहीं?

इसी बीच अटल स्मृति वेंडर मार्केट के सदस्य मो इशाक अहमद द्वारा निगम के अधिकारियों पर दुकान आवंटन में मनमानी करने का आरोप लगाने से एक बार फिर विवाद खड़ा हो गया हैजिला स्कूल मैदान में  प्रेस वार्ता कर मो इशाक ने बताया कि वेंडर मार्केट में एक दुकान का साइज महज आठ बाइ 10 फिट है इतने छोटे दुकान को भी कई लोगों को टू इन वन व थ्री इन वन के रूप में दिया जा रहा है इसे लेकर दुकानदारों में संशय है कि वे एक जगह पर दो या तीन दुकान कैसे लगायेंगेटू इन वन वाले 60 और थ्री इन वन वाले 12 दुकानदार हैं जबकि अधिकतर एक परिवार के भी नहीं हैं और उनका रोजगार भी एक नहीं है

मसलन, उन्होंने कहा कि निगम के इस मनमानी के खिलाफ मेन रोड के फुटपाथ दुकानदार 27 जून को वेंडर मार्केट के सामने धरना देने जा रहे हैं न्याय न मिल पाने के स्थिति में वे  पांच जुलाई को न्यायालय के शरण में जायेंगेइशाक ने टाउन वेंडिंग समिति के सदस्य मो अफसर उर्फ सिकंदर पर भी आरोप लगाया है कि उसने टाउन वेंडिंग कमेटी का सदस्य रहते हुए अपने भतीजे को वेंडर मार्केट में दुकान दिलवा, जबकि उसके भतीजा का कोई भी दुकान सर्जना चौक में नहीं हैऐसे दुकानदारों का आवंटन रद्द होना चाहिए और जिन अधिकारियों ने अनियमितता बरती है, उन पर कानूनी कार्रवाई नगर आयुक्त द्वारा की जानी चाहिए

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