#hemant_chaupal : ट्वीटर खुद की मंच पर 13 मार्च को लगाएगी हेमंत की चौपाल

ट्वीटर खुद की मंच पर लगा रही है #hemant_chaupal

भले ही देश भर में ऐसा दिखाने का प्रयास हो रहा हो कि 2019 की दौड़ में नरेन्द्र मोदी और राहुल गांधी अगुवाई कर रहे है लेकिन झारखंड की अगुवाई तो यहाँ के नेता प्रतिपक्ष हेमंत सोरेन ही करते दिखते हैं। और जैसे-जैसे वक्त गुजर रहा है वैसे-वैसे झारखंड की राजनीतिक बिसात की तस्वीर साफ होती जा रही है। इन स्थितियों में नरेन्द्र मोदी के पास राष्ट्रवाद की थ्योरी के अतिरिक्त और कोई मुद्दा बचता नहीं है। तो राहुल गाँधी की थ्योरी की धुरी केवल इतना भर है कि खुद को राष्ट्रवादी व जनेउधारी बताते हुये राष्ट्र को इक्नामी के अंधेरे को उभारना। लेकिन झारखंड में हेमंत सोरेन की थ्योरी तो झारखंड के पांचो प्रमंडलों के अंतिम पायदान पर मौजूदा सरकार द्वारा विसार दिया गया दलित, आदिवासी, मूलवासी के ज्वलंत सवालों से लेकर यहाँ के शहीद महान आत्माओं के अरमानों से सरोकार रखते हुए नए झारखंड के नीव की ओर ले जाती है। यानी झारखंड, 2019 की तरफ बढते कदम में मोदी की व्यूह रचना पर न सिर्फ हेमंत जी ने सेंध नहीं लगाया बल्कि हर चौखट पर मात देते दिखे हैं।

शायद, इन्हीं जायज़ वजहों व विपक्ष के रूप में 5000 किलोमीटर की झारखंड संघर्ष यात्रा की सफलता का एक उदाहरण यह भी हो सकता है, कि ट्वीटर इण्डिया द्वारा देश के विभिन्न राजनैतिक छवियों से सीधा संवाद बनाने के तहत आयोजित विश्वस्तरीय कार्यक्रम #ट्वीटर चौपाल (#hemant_chaupal) में पहली बार झारखंड राज्य से झामुमो कार्यकारी अध्यक्ष सह नेता प्रतिपक्ष हेमंत सोरेन को चिन्हित कर संकेत दिया है इस दफा ऊंट किस करवट बैठने वाला है। ज्ञात रहे कि संवाद प्रेषण के इस बदलते स्वरुप में झारखंड मुक्ति मोर्चा ने भी सोशल मीडिय के मंच पर एक विनीत पर मजबूत उपस्तिथि दर्ज कराई थी, जो धीरे-धीरे 1 साल में अपने सत्यापित ट्विटर  हैंडलों में लगातार बढ़ते फोलोवरों के संग अटूट गठबंधन बनाने में सफल हुआ। साथ ही प्रतिदिन फेक न्यूज़ या फर्जी ख़बर के भंवर से अपने कार्यकर्ताओं व झारखंड की तमाम जनता को निरंतर उबारने का प्रयास करते रहे। जिसमे रघुबर दास जी के सोशल मीडिया एंगेजमेंट को चुनौती देते हुए जयंत सिन्हा, फ़ॉरनेट एक्ट और 5 मार्च को भारत बंद के समर्थन जैसे मुद्दे पर अनुपातिक तौर पर राष्ट्रीय स्तर तक तबज्जो पाना भी शामिल है।

बहरहाल, इन 5 वर्षों में जिस प्रकार कुछ सवाल पूछने से कुछ ख़ास मीडिया घरानों को बायकॉट किया गया वह बेहद खतरनाक था लेकिन उससे भी खतरनाक था देश में गोदी मीडिया का उदय। यह ठीक वैसे ही है जैसे 15 बरस पहले जब आजतक शुरु करने वाले एसपी सिंह की मौत हुई तो दूरदर्शन के एक अधिकारी ने टीवीटुडे के तत्कालिक अधिकारी कृष्णन से कहा कि एसपी सिंह की गूंजती आवाज के साथ तो हेडलाईन का साउंड इफैक्ट अच्छा लगता था। लेकिन अब जो नये व्यक्ति आये हैं उनकी आवाज ही हेडलाइन के धूम-धड़ाके में सुनायी नहीं देती। संयोग देखिये आम लोग आज भी आजतक की उसी आवाज को ढूंढते है क्योंकि साउंड इफैक्ट अब भी वही है। इन्हीं सवालों के बीच सोशल मीडिया जैसे मंच का भी उदय हो गया और इसी के सहारे  झारखंड की जनता को उनके ज्वलंत सवालों के जवाब देने 13 अप्रैल को ट्वीटर पर ट्वीटर द्वारा #हेमंत चौपाल (#hemant_chaupal) लगने जा रही है। आप तमाम झारखंड वासी इस कार्यक्रम में हेमंत सोरेन के द्वारा आमंत्रित है, आप सभी यहां शरीक हो अपने  अस्तित्व के प्रश्नों को उठा सकते हैं व उन्हें रु-ब-रु भी करवा सकते हैं।

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