सीपी सिंह की जुबाँ सदन में फिसली, विधायक ने उन्हें कहा जोकर

 

झारखण्ड राज्य में मानसून सत्र के चौथे भी सदन में हंगामे का दौर जारी रहा और पक्ष-विपक्ष ने एक दूसरे पर खुल कर प्रहार किया। हंगामें ने तब और जोर पकड़ लिया जब रघुवर सरकार के नगर विकास मंत्री सीपी सिंह ने सदन की मर्यादा भंग करते हुए कांग्रेस के विधायक सुखदेव भगत को छोड़ कर वहां बैठे सारे विधायकों को देशद्रोही कह दिया। उनहोंने अपने वक्तव्य में कहा कि हेमंत सोरेन, प्रदीप यादव सहित सदन में बैठे सभी विधायक देशद्रोही हैं और सभी इंडियन मुजाहिदीन के सदस्य हैं। साथ ही अफजल गुरु के समर्थक हैं। उनके इतना कहने पर ही विपक्षी दल के विधायक गुस्से में आ गये और हंगामा बढ़ गया। इस बात पर स्पीकर ने ‘रघु’-कुल रीत निभाते हुए विधानसभा की कार्यवाही स्थगित कर दी। कुल मिला कर चौथे दिन इस प्रकार के नोकझोंक के बीच सदन मात्र 45 मिनट ही चल सका।

विधानसभा परिसर के बाहर भी सीपी सिंह पत्रकारों के समक्ष लगातार अपनी वही बातों की दोहराते रहे और साथ में यह भी कहते रहे कि वे अपने बयान से कभी नहीं मुकरते। जबकि कांग्रेस विधायक इरफान अंसारी ने सदन के बाहर आते ही पत्रकारों के समक्ष कहा कि वे सीपी सिंह पर मानहानि का दावा ठोकेंगे और यह भी कहा कि उनहोंने सीपी सिंह से बड़ा जोकर अपने समस्त जीवन में नहीं देखा। आगे उन्होंने उन्हें बड़बोले मंत्री कहा, साथ ही यह भी कहा कि भाजपा के लोग अब हमें बांग्लादेशी कहेंगे, पाकिस्तानी कहेंगे इसलिए इन्हें अविलंब मंत्री पद से हटा देना चाहिए। कांग्रेस विधायक सुखदेव भगत ने पत्रकारों से अपने वक्तव्य में कहा कि बहस और माहौल को हल्का करने के लिए मंत्री जी इस तरह का बयान सामने रखते हैं। उनकी मंशा गलत नहीं होती, फिर भी उन्हें संभलकर शब्दों का इस्तेमाल करना चाहिए।

झाविमो के प्रदीप यादव गुस्से में दिखे उन्होंने कहा कि भाजपा के सारे नेता खुद ही देशद्रोही हैं, क्योंकि भारत एक धर्मनिरपेक्ष देश है और यही इसकी पहचान है और जो इसकी एकता और अखंडता को तोड़ने का प्रयास करेगा वही देशद्रोही होगा। भाजपा अपना वोट बैंक बचाने के लिए सांप्रदायिक होकर देश को तोड़ने का काम कर रही है, इसलिए वह देशद्रोही है। वहीं कांग्रेस विधायक आलमगीर आलम ने कहा कि किसी के मुंह पर ताला नहीं लगा है, उचित समय व प्लेटफॉर्म पर बात रखी जायेगी, कोई भी सदन में चूड़ियाँ पहन कर नहीं आता है।  जो हो रहा यह लोकतंत्र के लिए सही नहीं है।

इधर, आरक्षण की सीमा बढ़ाने व जपला सीमेंट फैक्ट्री चालू करने की मांग पर अनशन पर बैठे हुसैनाबाद विधायक कुशवाहा शिवपूजन मेहता को फिर से एक बार रिम्स, रांची भेजा दिया गया है। श्री मेहता गुरुवार को फिर से विधानसभा के सामने अनशन पर बैठ गये थे।

गौर करने वाली बात यह रही कि 16 जुलाई के महाधरने में हेमंत सोरेन के साथ-साथ तमाम विपक्ष द्वारा जोर-शोर से उठाने वाली विस्थापन आयोग के मुद्दे पर, सॉफ्ट कार्नर लेते हुए सदन में चर्चा के दौरान मुख्यमंत्री रघुवर दास ने माना कि विस्थापन आयोग के गठन पर कैबिनेट में चर्चा होगी। उन्होंने अब लगा है कि झारखण्ड राज्य में विस्थापन एक बड़ी समस्या है। साथ में वह यह भी माने कि राज्य में दलित, आदिवासी और पिछड़ों का विस्थापन व्यापक स्तर पर हुआ है। इनके पास पट्टा नहीं होने के कारण ये कई प्रकार के अधिकारों से वंचित रह जाते हैं।

सदन में गुरुवार को दो विधेयक वापस लिए गए क्योंकि झारखंड वित्त विधेयक-2016 में भारत सरकार के आर्थिक मामलों के मंत्रालय ने कुछ त्रुटियां चिन्हित की थी जिसके वजह से राष्ट्रपति ने इस विधेयक को वापस कर दिया था। इस विधेयक को 28 जुलाई 2016 में सदन में पेश किया गया था और 23 नवंबर 2016 में पारित कराया गया था।

वहीं भाजपा विधायक राधाकृष्ण किशोर अपने सरकार को भूमि अधिग्रहण संशोधन विधेयक पर चर्चा करने को न कह कर हेमंत सोरेन को राय दे रहें है कि झामुमो समेत अन्य विपक्षी दलों को गैर सरकारी विधेयक लाना चाहिए। इस विधेयक पर वे दबी जुबाँ में कहते हैं कि इसमें सरकारी परियोजनाओं के लिए भूमि अधिग्रहण की प्रक्रियाओं का सरलीकरण किया गया है, सिर्फ सामाजिक आंकलन को समाप्त किया गया है। मतलब सामाजिक आंकलन को समाप्त करना उनके लिए महत्त्व नहीं रखती है।

बहरहाल, राज्य में जनता के बीच रघुवर सरकार का मीटर डाउन होता सीधा दिख रहा है इसे वे भलीभांति समझ भी रहे है और उनको शायद अब भविष्य का भी पूर्वानुमान होनें लगा है। हो भी क्यों न, जनता ने उन्हें लगातार दो बार मात्र चंद दिनों पहले बंदी और महाधरना को सफल बना इस सरकार को माकूल जवाब दिया है। लगता है यह सरकार इस प्रहार को सहन नहीं कर पा रही है और अपना मानसिक संतुलन खो सदन में इसके मंत्री उलूल-जुलूल वक्तव्य दे रहे है। हमारे पत्रकारों ने सीपी सिंह के वक्तव्य पर जब हेमंत जी से बात की तो वे सिर्फ हँस दिए। उनकी हँसी में गंभीरता झलक रही थी। वे सिर्फ इतना ही कहे कि ये लोग सिर्फ मुद्दों से भटकाने के लिए ऐसी बातें कर रहे हैं। मैं एक जिम्मेदार नेता हूँ और भविष्य में पूरी जिम्मेदारी के साथ जनता के मुद्दों पर खड़ा रहूँगा। इन्हें जो कहना करना है करें मुझे कोई फर्क नहीं पड़ता।

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