चुनावी लोकतंत्र को संविधान के समक्ष युवा पूंछ कि बजाय सूंड से पकड़ पटखनी देंगे

चुनावी लोकतंत्र

भाजपा के चनावी लोकतंत्र को युवा इसबार संविधान याद दिलाएंगे  …

Read more

हम भारत के लोग …?

Samvidhan

अशोभनीय टिप्पणी को लेकर समाज में हफ्तों चर्चाएं हो सकती हैं तो एक लोकतांत्रिक देश में 72 वें स्वतंत्र दिवस के महज चंद दिनों पहले संविधान की प्रतियां जला दी गई और उसपर सरकारों का या प्रधान मंत्री के लालकिले के प्राचीर से दिए गए भाषण में कोई पक्ष तो छोड़िये जिक्र तक ना होना, इसे कैसे देखा जाए या क्या इशारा करती है?