हेमन्त सरकार में हो रहा डिबरा व्यवसाय का कायाकल्प : अब नहीं रहेगा यह गैर-कानूनी

झारखण्ड : एकीकृत बिहार में ही ‘Bihar Mica Act -1947’ बनाया गया था. झारखण्ड में बीजेपी शासन में इसमें संशोधन नहीं हुआ. व्यवसाय मरता रहा. लेकिन, हेमन्त सत्ता में विधायक सुदिव्य कुमार की अगुवाई में इस दिशा में सकारात्मक पहल हुआ. 

रांची : एकीकृत बिहार में बनी ‘Bihar Mica Act -1947’ अलग झारखण्ड में भी प्रभावी रहा. बाबूलाल मरांडी से लेकर बीजेपी के डबल इंजन सरकार तक के किसी कार्यकाल में इस एक्ट के संशोधन की दिशा में कोई पहल नहीं हुई. इसके पीछे की मंशा को जैसे चाहें समझे लें. लेकिन आखिरी सत्य यही है कि पूर्व के शासन में यह व्यवसाय मरता रहा और इसपर आधारित मूलवासियों को चोर जैसी संज्ञा मिली.

हेमन्त सरकार में हो रहा डिबरा व्यवसाय का कायाकल्प : अब नहीं रहेगा यह गैर-कानूनी

लेकिन, हेमन्त सरकार में गिरिडीह विधायक सुदिव्य कुमार की अगुवाई में माइका ढिबरा फ्लेक्स को सही ढंग से परिभाषित करने की आवश्यकता पर जोर दिया गया. इस मुद्दे को सदन के पटल पर जगह मिली. सुझाव दिया हैं कि इसे लघु खनिज की श्रेणी से बाहर लाते हुए वन उत्पाद के रूप में परिभाषित कर दिया जाए. ताकि माइका व्यवसाय को फिर से पुनर्जीवित किया जा सकेगा. खान एवं भूतत्व विभाग द्वारा एक स्पष्ट अध्यादेश जारी करने पर जोर दिया गया.

सीएम कोडरमा में ढिबरा व्यवसाय देंगे नया आयाम 

सीएम हेमन्त के शासन में ढिबरा व्यवसाय को नया आयाम दिया जा रहा है. मुख्यमंत्री सहकारी समिति के दिशा में तेजी से कार्य हो रहा है. ज्ञात हो, ढिबरा खरीद-बिक्री की पॉलिसी के तहत दो सहकारी समिति का रजिस्ट्रेशन हुआ है. सहकारी समिति के दौरान ढिबरा चुनने का काम होगा और जेएसएमडीसी द्वारा उसकी खरीद के बाद नीलामी की जाएगी. जेएसएमडीसी को इसके लिए लाइसेंस निर्गत कर दिया गया है. इसके लिए स्थलों को चिह्नित किया जा रहा है.

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