झारखण्ड – छह CM के ग्राफ में Hemant soren सबसे आगे 

झारखण्ड : एक आदिवासी, दलित, पिछड़ा बाहुल्य राज्य के 22 वर्षों के इतिहास में 6 CM के ग्राफ में Hemant soren का कार्यकाल मूल झारखण्ड की पृष्ठभूमि में सभी से बेहतर प्रतीत होता है. 

रांची : देश के संविधान के अनुसार भारतीय राज्य झारखण्ड का वास्तविक कार्यकारी प्राधिकरण मुख्यमंत्री के पास होता है. राज्यपाल द्वारा मुख्यमंत्री नियुक्त होता है, जिनकी मंत्रिपरिषद विधानसभा के प्रति मुख्य रूप से जिम्मेदार होता है. झारखण्ड एक आदिवासी, दलित, पिछड़ा बाहुल्य राज्य है और गरीब राज्य भी है. ऐसे में राज्य के विकास में इन वर्गों के प्रति किसी भी मुख्यमंत्री की नीतियां अहम होती है. और राज्य के विकास का कारक भी होता है. लेख में मुख्यतः bjp और jmm के CM के ग्राफ का आकलन होगा.

झारखण्ड का इतिहास 22 वर्षों का है. और इस कालखण्ड में प्रदेश ने चार अर्धकालिक–पूर्णकालिक मुख्यमंत्री देखा. झारखण्ड प्रदेश में सबसे लंबा शासन बीजेपी के मुख्यमंत्रियों का रहा है. और वर्तमान में राज्य झारखण्ड मुक्ति मोर्चा का शासन है. हेमन्त सोरेन राज्य के मुख्यमंत्री हैं. चूंकि राज्य में बीजेपी द्वारा भारी राजनीतक उथल-पुथल मचायी जा रही है. ऐसे में यह जरूरी हो जाता है दोनों दलों के CM के ग्राफ उनकी नीतियों के आधार पर, विकास की कसौटी पर आकलन हो. 

झारखण्ड के मुख्यमंत्रियों की सूची –

SN.CM of JharkhandFromToparty
1Babulal MarandiNov 15, 2000Mar 17, 2003BJP
2Arjun MundaMar 18, 2003Mar 2, 2005BJP
3Shibu SorenMar 2, 2005Mar 12, 2005JMM
4Arjun MundaMar 12, 2005Sep 14, 2006BJP
5Madhu kodaSep 14, 2006Aug 23, 2008IND
6Shibu SorenAug 27, 2008Jan 18, 2009JMM
President RuleJan 19, 2009Dec 29, 2009
7Shibu SorenDec 30, 2009May 31, 2010JMM
President RuleJun 1, 2010Sep 11, 2010
8Arjun MundaSep 11, 2010Jan 18, 2013BJP
President RuleJan 18, 2013Jul 12, 2013
9Hemant SorenJul 13, 2013Dec 23, 2014JMM
10Raghuvar DasDec 28, 2014Dec 23, 2019BJP
11Hemant SorenDec 29, 2019PresentJMM
झारखण्ड के मुख्यमंत्रियों की सूची

बीजेपी दल के CM के कार्यकाल की प्रमुख नीतियाँ 

  • झारखण्ड के इतिहास में, बीजेपी काल में झारखण्ड के मूलवासी- आदिवासी वर्ग की न केवल अनदेखी हुई बाहरियों द्वारा राज्य में मूल वर्गों के अधिकारों का दोहन हुआ. 
  • आदिवासी-मूलवासी वर्ग के ज़मीनों का अधिग्रहण कर चाहते कॉर्पोरेट को खुश किया गया. 
  • राज्य में शिक्षा-व्यवस्था को चौपट किया गया, मर्जर के नाम पर स्कूलों को बंद किया गया. 
  • पलायन के दर में इजाफा हुआ. विस्थापन की समस्या गहरायी. 
  • ओबीसी वर्ग के आरक्षण में कटौती हुई. 
  • JPSC के लिए नियमावली तक नहीं बनाया गया. 
  • आदिवासियों वर्ग को वनवासी कह हिन्दू बनाने का प्रयास हुआ. 
  • दलित आरक्षित सीट पर बाहरी फर्जी जन प्रतिनिधि को थोपा गया. 
  • आदिवासियों की सुरक्षा कवच cnt, spt एक्ट को साजिशन कमजोर करने का प्रयास हुआ. 
  • अनुबंध पर मूलवासियों की बहाली ली गई और उनके भविष्य को गर्त में धकेला गया. 
  • बाहरियों को समर्पित नियोजन नीति धरातल पर उतार गया. 
  • क्षेत्रीय भाषाओं की अनदेखी हुई. महापुरुषों के सपनों को कुचला गया. 
  • राज्य के सपड़ा की लूट व दोहन हुआ. 
  • राज्य की महिलायें हाड़िया-दारू बेचने को विवश हुई. 
  • मानव तस्करी जैसे कोढ़ का बीजारोपन हुआ. 
  • राज्य में सांप्रदायिक तनाव बढ़े. 
  • राज्य में कृषि व लघु उद्योग सिरे के खत्म हुए. 
  • प्राकृतिक रूप से धनी राज्य कुपोषण की समस्या का शिकार हुआ और वातावरण असंतुलित हुआ.
  • निर्दोष आदिवासियों का नक्सल के नाम पर दमन हुआ.

मौजूदा CM के ग्राफ में JMM दल के Hemant soren की कार्यकाल की नीतियाँ 

  • झारखण्ड के इतिहास में JMM दल के मुख्यमंत्री में राज्य के आम जनता के प्रति संवेदनशीलता दिखी. 
  • बेहतर प्लानिंग से राज्य के ग्रामीण व दुर्गम इलाकों में पहुंची स्वास्थ्य सेवाएं. 
  • अल्प संसाधन के बीच बेहतर करोना महामारी प्रबंधन. 
  • राज्य में अनुसूचित जनजाति-1672 , अनुसूचित जाति-682, पिछड़ा वर्ग -1180 लाभूक, दिव्यांग-70 , अल्पसंख्यक249 समेत सभी वर्ग के लाभूकों को लोन के माध्यम से आत्म निर्भर बनाया गया.
  • ‘मुख्यमंत्री’ से जुड़ी योजनाएं सभी वर्गों के शिक्षा-स्वास्थ्य-रोजगार को समर्पित दिखी. 
  • गंभीर बीमारियों में जनता तक पहुंची मदद, लाभूक में सरकारी कर्मी, श्रमिक व मध्यम वर्ग भी हुए शामिल. 
  • विलुप्त हो रहे जनजातीय भाषाओं को बचाने का प्रयास हुआ है. 
  • आदिवासी अस्मिता के प्रति सजग दिखी सरकार, सरना कोड लागू से लेकर परंपरा, इतिहास संरक्षण में मुख्यमंत्री स्वयं गंभीर.
  • सामाजिक सुरक्षा को लेकर सरकार दिखी गंभीर, धरातल पर कई योजनाएं उतारी गई.  
  • Safe And Responsible Migration Initiative [SRMI] का हुआ शुभारम्भ
  • वर्षों से लंबित रिक्त पदों पर युवाओं को सौंपा गया नियुक्ति पत्र. 
  • मुख्यमंत्री की नीतियों ने तोड़ा मनुवादी चक्रव्यूह महिलाओं को बनाया जा रहा है आत्मनिर्भर. 
  • नक्सल क्षेत्रों के युवा को “सहाय” योजना से जोड़ नए सिरे से भविष्य सवारने का प्रयास. 
  • झारखण्ड को खेल नीति, उद्योग नीति, पर्यटन नीति व jpse नियमावली दिए गए. 
  • शिक्षा की दिशा में मजबूती से बड़ा है झारखण्ड. मॉडल स्कूल, स्कालर शिप योजना, विदेशों में उच्च शिक्षा, प्रतियोगिता तैयारी, आदिवासी-दलित के हॉस्टलों की मरम्मत से लेकर सुविधाएं उपलब्ध कराने का हुआ है प्रयास. 
  •  पार शिक्षक की समस्याओं का निदान, पुरानी पेंशन बहाल, आगनबाड़ी सेविका सहायिका समूह जैसे तमाम अनुबद्ध कर्मियों की समस्याओं के निदान के तरफ सरकार बढ़ रही है. 
  • राज्यवासियों की लंबित मांग, 1932 वर्ष खातियान आधारित नियोजन नीति के तरफ सरकार बढ़ी चली है.
  • ओबीसी वर्ग के आरक्षण नीति को मजबूती से लागू करने की दिशा में बढ़ी है सरकार. 
  • आंदोलनकारियों को पेंशन, नियुक्ति व अन्य अधिकारों से सम्मानित किया गया है. 
  • मुख्यमंत्री स्वयं महिलाओं को राजनीति, खेल, सुरक्षा, नयाए, समाजिक सुरक्षा से लेकर तमाम आयामों में सुदृढ़ करने हेतु विशेष तौर पर गंभीर दिखे हैं. 
  • ऊर्जा, विशेषकर सोलर ऊर्जा के सुदृढ़ीकरण की दिशा में राज्य मजबूती से बढ़ रहा है.
  • फेहरिस्त और लंबी हम अगले लेख में पढ़ेंगे…

मसलन, तमाम तथ्यों के आधार पर कहा जा सकता है मूल झारखण्ड की आकांक्षाओं की पृष्ठभूमि पर 6 CM के ग्राफ में मौजूदा CM हेमन्त सोरेन की नीतियाँ व दृष्टिकोण सभी से बेहतर है.

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