झारखण्ड : सीएम सोरेन ने सदन में विपक्ष पर आरोप लगाया है कि वह माइनर्स के आड़ में मेजर मिनिरल्स के केन्द्रीय समर्थित लूट को संरक्षण देने कर रहा है प्रयास. राज्य सरकार इसके जांच हेतु करेगी एसआईटी का गठन.
रांची : झारखण्ड राज्य में सीएम हेमन्त सोरेन ने सदन में कहा कि मौजूदा दौर में, राज्य में विपक्ष की राजनीति जन मुद्दों के आसरे नहीं बल्कि भारत सरकार के संस्थानों के आसरे टिकी है. सीबीआई, ईडी जैसी संस्थानों के दरवाजे से प्राप्त चुट्को को मुद्दा बना, गोदी मिडिया के आसरे उसके द्वारा राजनीतिक रोटी सेंकने का प्रयास हो रहा है. तमाम परिस्थितियों के बीच स्पष्ट है कि विपक्ष माइनर्स के आड़ में मेजर मिनिरल्स के केन्द्रीय समर्थित लूट को संरक्षण देने का प्रयास हो रहा है.
इस बाबत सीएम सोरेन के द्वारा कहा गया कि यदि राज्य में 1000 करोड़ की अवैध खनन हुआ है तो उसका परिवहन रेलवे के संरक्षण के बिन नहीं हो सकता. और एक रेलवे केंद्रीय एजेंसी है. ऐसे में रेल मंत्रालय को बताना चाहिए कि अवैध खनन के मद्देनजर इतनी भारी संख्या में अवैध खनन उत्पाद का परिवहन कैसे, कतना और कब हुआ है. ऐसे में मौजूदा परिस्थितियां दर्शाता है चोर ही शोर मचाया रहे है. ज्ञात हो यह सवाल सीएम के द्वारा ईडी जांच के दौरान भी उठाया गया है.
लौह अयस्क को छोड़ अन्य किसी भीखनिज संपदा के परिवहन हेतु JIMMS पोर्टल सॉफ्टवेर से रेलवे का इन्टीग्रेट नहीं
सीएम सोरेन ने सदन को बताया कि राज्य में खनिज सम्पदा के लूट के मद्देनजर राज्य सरकार के द्वारा खनन कार्य रेगुलेट एवं अवैध खनन की रोकथाम के लिए JIMMS प्रणाली का इंटीग्रेशन सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्रालय के VAHAN पोर्टल एवं पथ निर्माण विभाग के टोल टैक्स यूजर फी उद्ग्रहण हेतु सृजित किया जा चुका है. जिससे सड़क मार्ग पर निगरानी हो रही है. परंतु अवैध खनन परिवहन की रोकथाम में राज्य को रेलवे का सहयोग प्राप्त नहीं हो रहा है.
इस बाबत राज्य सरकार के द्वारा रेलवे से कई बार हुए पत्राचार के बावजूद बिना चालान के खनिज संपदा के परिवहन के मामले प्रकाश में आयें हैं. लौह अयस्क को छोड़कर किसी भी अन्य खनिज संपदा के लिए रेलवे के द्वारा सॉफ्टवेर का JIMMS पोर्टल से इन्टीग्रेट नहीं किया गया है. जबकि इस गंभीर विषय को राज्य सरकार के द्वारा भारत सरकार के नीति आयोग, पूर्वी क्षेत्रिय परिषद एवं कोयला मंत्रालय की बैठकों में भी उठाया जा चुका है.
अवैध परिवहन में रेलवे पदाधिकारियों की संलिप्तता की जाँच हेतु होगी उच्च स्तरीय जाँच समिति का गठन
इस बाबत राज्य सरकार के द्वारा पत्र लिखकर भारत सरकार को अवगत कराया गया है कि साजिश के तहत रेलवे के द्वारा JIMMS पोर्टल का FIOS को इन्टीग्रेट नहीं किया गया है. जिससे राज्य में अवैध परिवहन को संरक्षण प्राप्त हो रहा है. ऐसे में झारखण्ड में अवैध खनन को बढ़ावा देने में रेलवे एवं इनके पदाधिकरियों की संलिप्तता के सत्य उजागर होते हैं.
पत्र के माध्यम से राज्य सरकार के द्वारा राज्य में अवैध खनन एवं अवैध खनन उतपाद के परिवहन में रेलवे पदाधिकारियों की संलिप्तता एवं अन्य बिन्दुओं की जाँच हेतु एक उच्च स्तरीय जाँच समिति के गठन का निर्णय लिया गया है. और इसके लिए रेल मंत्रालय से गुजारिश की गयी है कि वह रेलवे के पदाधिकारियों से इस उच्च स्तरीय जाँच समिति की जांच में सहयोग करने हेतु निर्देशित करे.
साथ ही JIMMS के द्वारा निर्गत वैध चालान के बिना कोई भी मिनिरल का ट्रांसपोर्टेशन सुनिश्चित करने एवं अविलंब JIMMS पोर्टल से रेलवे के FIOS सिस्टम को जोड़ने की कार्रवाई किये जाने का भी निदेश रेलवे को देने का आग्रह किया गया है.