झारखण्ड : हेमन्त सरकार किसानों के वर्ष 2018 और 2019 के बीमा राशि बीमा कंपनियों के जबड़े से निकालने में हुई सफल.हेमंत सरकार प्रीमियम तभी भरेगी, जब बीमा कंपनियां बीमा राशि का करेगी भुगतान
रांची : वर्तमान में बीजेपी की सरकारें अपने चेहते कंपनियों व पूंजीपतियों की जेबें भरने के लिए जानी जाती है. जिसके एवज में उसे भारी मात्रा में चुनावी व पार्टी फण्ड मुहैया होती है. जिसके आसरे वह 24X7 न केवल चुनावी मोड में रहती है, विधायकों का ख़रीद फरोक्त भी धाडले से कर पाती है. जिसका दुष्परिणाम गरीब व माध्यम तबके को गरीबी, महंगाई, बेरोजगारी, अशिक्षा, संसाधन विहीन जैसे कई रूपों में झेलना पड़ता है. झारखण्ड का भी हश्र पूर्व के बीजेपी सरकारों में यही रहा है.
लेकिन वर्तमान की हेमन्त सरकार में यह परिदृश्य ठीक उलटा है. सीएम हेमन्त सोरेन के नेतृव में सरकार किसानों व गरीबों की जेबें भरती स्पष्ट दिखती हैं. ज्ञात हो, फसल बीमा योजना के अंतर्गत झारखंड के किसानों के खाते में पैसे भेजने की गति तेज हो गई है. वर्ष 2018 और 2019 में खरीफ और रबी फसल के लिए जिन किसानों ने बीमा करवाया था, उन्हें इस राशि का भुगतान अब हेमन्त सरकार के प्रयासों से हो रहा है.
हेमन्त सरकार प्रीमियम राशि तब जमा करेगी, जब बीमा कंपनियां बीमा राशि का करेगी भुगतान
24 अप्रैल तक राज्य के 6 लाख 46 हजार 319 किसानों के खाते में फसल बीमा के 724 करोड़ 31 लाख 91 हजार 686 रुपए का भुगतान किया जा चुका है. यह राशि खरीफ 2018 रबी 2018-19, खरीफ 2019 और रबी 2019-20 का है. कुल 6 लाख 83 हजार 922 किसानों के क्लेम एप्रूव्ड हुए हैं. बीमा कंपनियों को 810 करोड़ रुपए का भुगतान करना था. पूरे राज्य में 6,83,922 किसानों को फसल बीमा की राशि अब तक नहीं मिली थी.
केंद्रीय बीमा कंपनियों के साथ हेमंत सरकार की कई बैठकें हुई. अंततः सरकार का प्रयास रंग लाई. और राज्य के किसानों के पक्ष में स्थितियां बनीं. हेमन्त सरकार ने शर्त रखी थी कि झारखंड सरकार 352 करोड़ रुपए की प्रीमियम राशि तभी जमा करेगी, जब बीमा कंपनियां 21 दिनों के अंदर बीमा राशि का भुगतान कर देने का शपथ पत्र देंगी. कृषि मंत्री की इस शर्त को मानते हुए बीमा कंपनियों ने शपथ पत्र दायर किया और उसके अनुसार राशि का भुगतान शुरू हुआ.