धोखा खाये आशिक बन वोट मांगने की तैयारी में सुदेश महतो 

धोखा खाये आशिक बन इस बार इमोशनल गोटी खेलना चाहते है सुदेश महतो

कहते हैं कि आजसू सुप्रीमो सुदेश महतो सत्ता के रुख को पहले ही भाप लेते हैं। यह भी कहा जाता है कि इनकी विचार धारी ही सत्ता में रहना है। सत्ता में रहने का ट्रेक रिकॉर्ड  अब तक इनका कायम हैं। इस दफा इनका बीजेपी कन्नी काटने कारण सीटों का बँटवारा नहीं, बल्कि भाजपा की विचारधारा है। खुद ही मीडिया के सामने यह बयान दे रहे हैं।

पाँच वर्षों तक झारखंडी अस्मिता के किमत पर सत्ता सुख भोगने वाले सुदेश का कहना है कि वे झारखंड के स्वाभिमान से समझौता नहीं कर सकते। गठबंधन पर पूछे गए सवालों को टालते हुए कहते हैं कि वे 19 वर्षों से बीजेपी के लिए प्रचार करते आये हैं। चूँकि अब बीजेपी शिखर पर है, उन्हें जमीन देखना पसंद नहीं है। जबकि बीजेपी के ओम माथुर का साफ़ कहना है कि वे गठबंधन तोड़ना नहीं चाहते। 

धोखा खाये आशिक का रूप क्यों धरना चाहते है सुदेश

आजसू सुप्रीमो भलीभांति समझते हैं कि इस बार झारखंड की हवा सत्ता को लेकर कुछ अलग संदेश देती दिख रही है। इसलिए उनहोंने “प्यार में धोखा मिला है” का नाटक कर भाजपा से दूरी बना लिए हैं। जाहिर है, भाजपा द्वारा झारखंडियों पर थोपे गए जनविरोधी नीतियों पर सुदेश जी की चूपी सहयोगी दल के विचारधारा को सहमती थी। यह सवाल जनता के जहन में अब तक ताज़ी है, यह भी वे समझते हैं, इसलिए सुदेश का या रूप धना मौजूदा वक़्त की जरूरत बन गयी है।

मसलन, सुदेश जी इस बार प्यार में धोखा खाये आशिक बन जनता के बीच जाना चाहते हैं। साथ ही झारखंड के राजनीतिक चौसर पर अपने दर्द को बयान कर इमोशनल गोटी खेल सीट बटोर लेने की चाहत भर है। निश्चित तौर पर ये ट्रैक रिकॉर्ड को कायम रखने के लिए इतने सीट बटोर लेना चाहते हैं जितने भर से सत्ता की बार्गेनिग की जा सके।

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