गिरिडीह की जनता को रिपोर्ट कार्ड पेश किये बिना ही लौट आये साहेब!

गिरिडीह की जनता के साथ धोका – मुख्यमंत्री रघुवर दास राज्य भर में एक बार फिर आगामी विधानसभा चुनाव को देखते हुए सीधे-साधे जनता को सब्जबाग दिखा रहे हैं। इसी क्रम में उनका गिरिडीह का दौरा हुआ, जहाँ स्कूली बच्चों को भाजपा का टोपी-गमछा लपेट धूप में घंटों खड़ा दिया गया।

तस्वीरों को वायरल होने से सोशल मीडिया में उनकी किरकिरी होते भी देखी गयी। कई बुद्धिजिवियों ने साहेब को संविधान का हवाला देकर भी लताड़ा। ख़ैर यह तो इनकी रोज की बात हो गयी है, लेकिन साहेब गिरिडीह आने के बावजूद सोशल मीडिया पर जनता द्वारा पूछे गए सवालों का जवाब दिए बगैर रवाना हो गए। 

गिरिडीह की जनता का सवाल था कि विगत विधानसभा चुनाव में केंद्रीय मंत्री श्री राजनाथ सिंह ने नवडीहा की जनता से वादा किया था कि भाजपा की सरकार बनने के तीन माह भीतर ही नवडीहा व हिरोडीह को प्रखंड का दर्जा दे दिया जाएगा, साथ ही यह भी वादा किये थे कि लम्बे समय से जमुआ को अनुमंडल का दर्जा देने की चल रही मांग पर भी अबिलम्ब विचार किया जाएगा।

डबल इंजन की स्थिर सरकार में भी वादे पूरी न हो पाई, तो फिर से मुख्यमंत्री जी द्वारा किये जाने वाले नए घोषणा पर जनता कैसे भरोसा करे? साथ ही जनता का स्थानीय विधायक श्री केदार हाजरा से भी सवाल था कि आखिर वह कौन सी मज़बूरी थी कि सरकार में रहने के बावजूद भी इन सवालों पर चुप्पी साधे रहे? क्या वह सचेतक बने रहने का लोभ था?

गिरिडीह की जनता ने तमाम झारखंडी भाइयों से अपील की है कि आप सरकार से सवाल पूछना शुरू कीजिए नहीं तो ये आपके बचे अधिकार को हड़पकर बाहरियों के झोली में डाल देंगे। आप जबतक तैयारी करते रहेंगे बहुत देर हो चुकी होगी।

मसलन, एक बार फिर साहेब जनता को अपने कार्यकाल का रिपोर्ट कार्ड प्रस्तुत करने के बजाय झूठे जुमले उछाल कर ऐसे वापिस लौट आये, जैसे केंद्रीय मंत्री श्री राजनाथ सिंह उनके पार्टी के हो ही ना।

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