गरीबों की मददगार हेमन्त सरकार..

मुख्यमंत्री बनने के साथ ही हेमन्त सोरेन ने राज्य के गरीबों के प्रति संवेदनशील रहे हैं। सरकार गठन के साथ ही विश्व व्यापी महामारी ने गरीबों के जीवन में कई मुश्किलें खड़ी कर दी। सबसे अधिक प्रभावित श्रमिक और ग्रामीण हुए. इस मुश्किल दौर में हेमन्त सोरेन गरीबों, श्रमिकों और ग्रामीणों के प्रति संजीदा रहे। झारखण्ड देश का पहला राज्य बना जिसने अपने श्रमिकों और कामगारों को हवाई जहाज, ट्रेन और आवागमन के अन्य साधनों से लेकर आई। ये सभी श्रमिक देश के विभिन्न राज्यों और सुदूरवर्ती क्षेत्रों में फंसे थे। ऐसे सभी वापस लाये गए श्रमिकों और ग्रामीणों के किये लॉकडाउन के दौरान मुख्यमंत्री दाल-भात योजना अन्तर्गत नियमित 377 केन्द्र के अतिरिक्त 361 विशिष्ट दाल-भात केंद, 438 विशेष दाल-भात केंद्र एवं 382 अतिरिक्त दात-आत केन्द्र तथा 94 प्रवासी मजदूर दाल मात कन्द कुल 1335 कन्दों का संचालन सुनिश्चित किया गया, जिससे दिहाड़ी मजदूर, गरीब एवं अन्य झारखण्ड वापस आने वाले प्रवासी मजदूरों तथा राज्य में फंसे दूसरे राज्यों के मजदूरों को खाद्यान्न सुरक्षा सुनिश्चित कराया गया। ऐसी विकट समय में किसी की मौत भूख से नहीं हुई. जनवरी, 2021 से झारखण्ड राज्य खाद्य सुरक्षा योजना की शुरुआत हुई, जिसके अन्तर्गत राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम से अनाच्छादित 15 लाख लाभुकों को अनुदानित दर या एक रुपये प्रति किलोग्राम की दर से 05 किलोग्राम चावल प्रति माह, प्रति लाभुक उपलब्ध कराया जा रहा है। इस योजनान्तर्गत आच्छादित लाभुकों को हरा राशन कार्ड उपलब्ध कराया गया। अबतक हरा राशन कार्ड से करीब 1,476,927 लाभुकों को जोड़ा गया है।

संक्रमण काल में वापस लौटे प्रवासी श्रमिकों एवं ग्रामीणों को रोजगार उपलब्ध कराने के लिए कई योजनाएं शुरू की गई। शहरों में निवास करने वाले श्रमिकों के लिए मुख्यमंत्री श्रमिक योजना शुरू की गई, जिसके तहत शत प्रतिशत रोजगार नहीं तो बेरोजगारी भत्ता का प्रावधान किया गया। इस योजना से शहरी निकाय के 31 प्रतिशत गरीब लोगों को जोड़ने का कार्य शुरू हुआ. वहीं ग्रामीण गरीब आबादी के लिए मनरेगा के जरिये नीलाम्बर पीताम्बर जल समृधि योजना, बिरसा हरित ग्राम योजना, पोटो हो खेल योजना शुरू की गई, ताकि ग्रामीणों को प्रति दिन काम सुनिश्चित हो सके. सरकार ने जल संरक्षण के क्षत्र में नीलाम्बर-पीताम्बर जल समदधि योजना’ लाकर अब तक लगभग 2 लाख हेक्टेयर से अधिक जमीन पर ट्रंच एवं मेड का काम पूरा कर लिया है। फलदार पौधों को लगाने की योजना बिरसा हरित ग्राम योजना के तहत अब तक 26 हजार एकड़ से अधिक भूमि पर फलदार पौधे लगाये जा चुके हैं। हेमन्त सरकार यहीं नहीं रुकी, उसने मनरेगा अन्तर्गत राज्य सरकार दवारा न्यूनतम मजदूरी दर को बढ़ाकर रूपये 225/प्रति मानव दिवस करने का निर्णय लिया, जिसमें ग्रामीण विकास मंत्रालय, भारत सरकार द्वारा निधारित प्रतिदिन न्यूनतम मजदूरी दर और राज्य सरकार दवारा निर्धारित रूपये 225/- के बीच के अंतर की राशि का वहन राज्य सरकार द्वारा किया गया। मनरेगा योजना प्रारम्भ होने के पश्चात पहली बार राज्य हेतु निर्धारित 8 करोड मानव दिवस सुजन के लक्ष्य को पुनरीक्षित करते हए 11.50 करोड मानव दिवस किया गया है। इसके विरुद्ध अब तक 12 करोड़ से अधिक मानव दिवस का सृजन किया जा चुका है।

हेमन्त सरकार के नेतृत्व में झारखण्ड राज्य आदिवासी सहकारी विकास निगम, झारखण्ड राज्य अनुसूचित जाति सहकारिता विकास निगम, झारखण्ड राज्य अल्पसंख्यक वित्त एवं विकास निगम/झारखण्ड राज्य पिछड़ा वर्ग वित एवं विकास निगम द्वारा ग्रामीण एवं शहरी क्षेत्रों में अनुसूचित जनजाति/अनुसूचित जाति/अल्पसंख्यक वर्ग, पिछड़ा वर्ग एवं दिव्यांगजन के युवाओं को स्वरोजगारास्वयं के व्यवसाय शुरू करने हेतु सुगम एवं सस्ते दर पर ऋण पर अनुदान का लाभ देने हेतु मुख्यमंत्री रोजगार सृजन योजना का क्रियान्वयन कर रही है। इसके अन्तर्गत स्वरोजगार को बढावा देने हेतु योग्य लाभुकों को ऋण-सह-अनुदान की राशि देय होगी। इस योजना अन्तर्गत योग्य लाभुकों को अधिकतम 25 लाख रुपये का ऋण दिये जाने का प्रावधान है। रोजगार की तलाश में अन्य राज्य गई सैकड़ों महिलाओं और युवतियों को सरकार वापस लेकर आई और एक साथ दो हजार महिला कामगारों को वस्त्र उद्योग में नियोजित किया। राज्य के सखी मंडलों को चक्रिय निधि, सामुदायिक निवेश निधि तथा केडिट लिंकज के रूप में राशि उपलब्ध कराई गई। फूलो झानो आशीर्वाद अभियान अंतर्गत करीब 15 हजार महिलाओं को हडिया-दारू निर्माण एवं बिक्री के कार्य से मुक्त कराकर आजीविका के विभिन्न साधनों से जोड़ा गया है। व्याज मुक्त कुल ऋण की सहयोग धनराशि 1,424.3 लाख रूपये प्रदान किया गया. योजना के द्वितीय चरण में सर्वेक्षण के माध्यम से 9474 महिलाओं को चिन्हित किया गया है. इनमें से 9291 महिलाओं को वैकल्पिक सम्मानजनक आजीविका गतिविधियों जोड़ा जा चुका है, इनके बीच व्याज मुक्त 929.1 लाख रूपये की धनराशि वितरित की गई है. सोना-सोबरन धोती-साड़ी-लुंगी वितरण योजना के अन्तर्गत राज्य के राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम, 2013 से आच्छादित सभी लाभुक परिवारों को उनके जीवन स्तर में सुधार हेतु वित्तीय वर्ष 2020-21 में एक बार एक धोती/लुंगी एवं एक साड़ी रुपये 10/- प्रति धोती लुंगी एवं रूपये 10/- प्रति साड़ी की अनुदानित दर पर वितरण किया जा रहा है। इस योजना से लगभग 57 लाख परिवार लाभान्वित होंगे। अबतक धोती – 3430015, साड़ी – 5348054, लूंगी – 1911976 कुल- 4142745 वितरित की जा चुकी है।
हेमन्त सरकार सरकार ने राज्य के किसानों को 50,000/- रूपये तक के अल्पकालीन फसल ऋण बकाया राषि माफ करने हेतु फसल रुण माफी योजना की स्वीकृति प्रदान की। झारखण्ड कृषि ऋण माफी योजना शुरू की। सरकार प्रतिदिन 906 किसानों को योजना का लाभ दे रही सरकार। प्रतिदिन 3.34 करोड़ रुपए का ऋण माफ़ हो रहा है। 31 मार्च 2022 तक 3.83,102 किसानों के 1529.01 करोड़ रुपये के ऋण माफ़ किये गये. योजना के तहत वित्तीय वर्ष 2020-21 में 1,22,238 लोगों को योजना का लाभ मिला। इस वित्तीय वर्ष में कुल 494.96 करोड़ वितरित। वित्तीय वर्ष 2021-22 में 2,60, 864 किसान योजना से लाभान्वित हुए। इस वित्तीय वर्ष 1034.05 करोड़ रुपये का भुगतान शुरू किया गया है।
हेमन्त सरकार द्वारा यह सभी जरुरतमंदों को पेंशन देने के लिए सर्वजन पेंशन योजना शुरू की गई. सरकार की इस पहल ने रंग लाया और राज्य पेंशन योजना के तहत दो वर्ष में लाभुकों की संख्या 6,608,71 से बढ़कर 1434314 हो गई। मुख्यमंत्री राज्य वृद्धावस्था पेंशन योजना के तहत नए वृद्ध लाभुकों की संख्या में 5,774,26 की वृद्धि दो वर्ष में दर्ज की गई है। 31 दिसंबर 2019 तक इस योजना का 3,451,68 वृद्धजन लाभ ले रहे थे, वहीं 28 अप्रैल 2022 तक इनकी संख्या बढ़कर 9,225, 94 हो गई। इस दौरान 5,774,26 नये वृद्ध लाभुकों को योजना का लाभ दिया गया। स्वामी विवेकानंद निःशक्त स्वावलंबन प्रोत्साहन योजना के लाभुकों की संख्या में 31 दिसम्बर 2019 तक 87,796 निःशक्त को जोड़ा गया था, जबकि 28 अप्रैल 2022 तक 1, 878, 76 हो गई। योजना के तहत अप्रैल 2022 तक 1, 000, 80 नये लाभुकों को जोड़ा गया। मुख्यमंत्री राज्य निराश्रित महिला सम्मान पेंशन योजना का लाभ दिसंबर 2019 तक 1,721,96 लाभुक को मिल रहा था, जो 28 अप्रैल 2022 तक 2, 574, 34 हो गया। योजना के तहत 85, 238 नये सुपात्र लाभुकों को जोड़ा गया। मुख्यमंत्री राज्य आदिम जनजाति पेंशन योजना का लाभ दिसंबर 2019 तक 52, 336 लाभुक ले रहे थे, अप्रैल 2022 तक 9, 825 नये लाभुकों को योजना से आच्छादित किया गया। वर्तमान में इस योजना का लाभ 62, 161 लाभुक ले रहें हैं। मुख्यमंत्री राज्य HIV/AIDS पीड़ित व्यक्ति सहायतार्थ पेंशन योजना में भी दिसंबर 2019 से अप्रैल 2022 तक 874 नये लाभुक जोड़े गये, इनकी संख्या 3, 375 से बढकर 4, 249 हो गई। आपके अधिकार, आपकी सरकार आपके दवार कार्यक्रम में मुख्यमंत्री राज्य वृधापेंशन पेंशन योजना के तहत 2,899, 03, मुख्यमंत्री राज्य निराश्रित महिला सम्मान पेंशन योजना के 6 4,986, दिव्यांग पेंशन के 18, 782, मुख्यमंत्री राज्य HIV/AIDS पीड़ित व्यक्ति सहायतार्थ पेंशन योजना के 135 एवं मुख्यमत्री आदिम जनजाति पेंशन योजना के 4, 057 आवेदन को निष्पादित किया गया। 16 नवम्बर 2021 से अबतक वृद्धा पेंशन पेंशन के 2, 908, 37, विधवा पेंशन के 71,506, दिव्यांग के 25, 003, मुख्यमंत्री राज्य HIV/AIDS पीड़ित व्यक्ति सहायतार्थ पेंशन योजना के 392 एवं मुख्यमत्री आदिम जनजाति पेंशन योजना के 4, 057 पेंशनधारियों के आवेदन एनएसएपी –पीपीएस पोर्टल पर स्वीकृत/प्रविष्ट किये गये। दिव्यांगता प्रमाण पत्र धारक लगभग 2.15 लाख योग्य दिव्यांगजनों को राज्य तथा राष्ट्रीय सामाजिक सहायता पेंशन योजना के अन्तर्गत दिव्यांगता पेंशन का लाभ दिया जा रहा है। एक अनुमान के अनुसार लगभग 2.75 लाख दिव्यांगजनों के पास दिव्यांगता प्रमाण पत्र उपलब्ध नहीं है, जिन्हें लक्षित कर विशेष अभियान चला कर दिनांक एक मार्च 2022 से कैम्प लगाकर दिव्यांगता की जांच एवं स्वावलम्बन पोर्टल के माध्यम से UDID कार्ड बनाये जाने का कार्यक्रम संचलित हुआ। वर्तमान में केंद्र प्रायोजित योजना के तहत उपरोक्त योजनाओं के जरिए 12,841,88 लाभुकों को लाभ दिया जा रहा है।
लगातार बढ़ते पेट्रोल के दाम से गरीबों को निजात देने के उदेश्य से हेमन्त सरकार द्वारा गरीबों को पेट्रोल पर सब्सिडी देने की पहल की गई है। झारखण्ड राज्य खाद्य सुरक्षा योजना से जुड़े सभी गरीब परिवार को योजना ला लाभ दिया जा रहा है। योजना के जरिये सरकार अधिकतम 25 रूपये प्रति लीटर 10 लीटर पेट्रोल प्रतिमाह दे रही है।
गरीब के बच्चों को भी गुणवत्तापूर्ण शिक्षा प्राप्त हो, इसके लिए हेमन्त सरकार द्वारा 80 उत्कृष्ट विद्यालय तथा 325 प्रखण्ड स्तरीय लीडर स्कूल के साथ-साथ 4091 ग्राम पंचायत स्तरीय आदर्श विद्यालय की परिकल्पना की गयी है। इसके लिए 60 1885 करोड़ की योजना को अनुमोदित किया है। इन विदयालयों में सभी आवश्यक मूलभूत संरचना यथा- बेहतर वर्गकक्ष, विज्ञान एवं गणित के प्रयोगशाला कक्ष, संसाधनों से भरपूर पुस्तकालय, स्टेम लैब, विद्यार्थियों के खेलकूद को ध्यान में रखते हुए सभी आवश्यक व्यवस्था को शामिल किया गया है। कई स्कूल बनकर तैयार हैं. इन स्चूलों को सीबीएसीई से एफिलियेट कराने की प्रक्रिया जारी है। मरङ गोमके जयपाल सिंह मुण्डा पारदेशिये छात्रवृत्ति योजना के तहत अनुसूचित जनजाति के 10 छात्रों को युनाइटेड किंगडम ऑफ ग्रेट ब्रिटेन और नॉर्दन आयरलैंड के 110 यूनिवर्सिटीज में उच्च शिक्षा का अवसर निःशुल्क दिया जा रहा है. वर्तमान में सात छात्र उच्च शिक्षा प्राप्त कर रहें हैं। अब सरकार ने मरङ गोमके जयपाल सिंह मुण्डा पारदेशिये छात्रवृत्ति योजना का हुआ विस्तार किया है। वित्तीय वर्ष 2022-23 में कुल 25 छात्र छात्राओं को योजना का लाभ देना है, जिसमे अनूसूचित जनजाति के 10, अनूसूचित जाति के 05, अल्पसंख्यक के अधिकतम 03, पिछड़ा वर्ग के 07 स्टूडेंट्स को लाभ देना है। यह योजना प्रक्रियाधीन है। छात्रों को 31 विषयों में मास्टर और एम.फिल करने का प्रतिभाशाली छात्रों को मौका मिल रहा है।

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