कोरोना संकट के बीच नक्सलियों के खिलाफ अभियान पर लग सकता है ब्रेक, नक्सली संगठन का युद्धविराम का ऐलान

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कोरोना संकट के बीच नक्सलियों के खिलाफ अभियान पर लग सकता है ब्रेक, नक्सली संगठन का युद्धविराम का ऐलान

नक्सली संगठन ने युद्ध विराम का ऐलान किया

भोपाल/बस्तर:

 पूरे देश में कोरोनावायरस (Coronavirus) के बढ़ते प्रकोप से मानवीय संकट के मद्देनजर, सुरक्षा एजेंसियां बस्तर में नक्सलियों के खिलाफ चलाये जा रहे अभियानों को रोकने के विकल्प पर विचार कर सकती हैं, वहीं नक्सलियों ने भी पर्चा जारी कर एकतरफा युद्धविराम का ऐलान किया है. बता दें कि 21 मार्च को सुकमा में नक्सलियों से साथ मुठभेड़ में 17 जवान शहीद हो गये थे, मुठभेड़ में कई नक्सली भी मारे गये. लेकिन अब दुनिया भर में कोरोना का खतरा है, इसे देखते हुए सीपीआई माओवादी मलकानगिरि कोरापुट विशाखा बॉर्डर डिविजन पर्चा जारी कर युद्ध विराम का ऐलान किया है.

आदिवासी बहुल इलाकों में स्वास्थ्यकर्मियों, सरकारी अधिकारियों को दिक्कत ना हो इसलिये पुलिस की भी कोशिश है उनकी प्राथमिकता कोरोना से लड़ाई हो, नक्सलियों से नहीं. आईजी बस्तर सुंदरराज पी ने कहा कोरोना वायरस से पूरी दुनिया में जो सावधानी बरती जा रहा है, उसमें नक्सलियों का तौर-तरीका खतरा बन सकता है. नक्सली गतिविधि से दूर इलाकों में जो स्वास्थ्यकर्मी जाते हैं उनको खतरा ना हो. क्योंकि वो समूह में रहते हैं कई बार गांववालों की बैठक बुलाते हैं वहां साफ सफाई की दिक्कत हो सकती है. 

सामाजिक कार्यकर्ताओं की भी यही अपील है कि बस्तर में शांति बनी रहे. सामाजिक कार्यकर्ता हिमांशु कुमार ने कहा कि संकट के इस दौर में जो भी बात या गतिविधि आम आदिवासियों को खतरे में डाल सकती है, उसको सभी पक्षों को स्थगित कर देना चाहिये… चाहे माओवादी हो या पुलिस हो.

हालांकि, पर्चे और गुजारिश के बीच नक्सलियों ने बस्तर में दोरनापाल जगरगुंडा मार्ग पर पोलमपल्ली के पास मंगलवार को ही पुल को उड़ाने की कोशिश की.

(( बस्तर से विकास तिवारी के इनपुट के साथ))



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