डॉक्टरों ने हेमंत से लोकडाउन अवधि बढाने का आग्रह किया

रांची के प्रमुख डॉक्टरों बुधवार को कोरोना वायरस की लड़ाई में चल रहे लोकडाउन अवधि बढाने के सुझाव के साथ मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन से मुलाक़ात की। जिससे झारखण्ड में कोरोनावायरस की महामारी रोका जा सके। इस महामारी से निपटने के तरीके पर  मुख्यमंत्री ने प्रोजेक्ट भवन में डॉक्टरों से मुलाकात की। 31 मार्च से अब तक झारखंड में कोविड-19 के परीक्षण में चार पॉजिटिव संक्रमित पाया गया है। श्री सोरेन ने मुख्य सचिव सुखदेव सिंह को निर्देश दिया कि वे राज्य व जिला स्तरों पर विशेषज्ञ चिकित्सा टीमों का गठन करें और कोरोनोवायरस की स्थिति की निगरानी करें। साथ ही सटीक स्थिथि की जांचा कर सरकार को उचतम कार्रवाई के सर्वोत्तम संभावित दिशा निर्देश दें।

इंडियन मेडिकल एसोसिएशन (IMA) के झारखंड चैप्टर के सचिव डॉ प्रदीप कुमार ने कहा कि बैठक में उपस्थित सभी डॉक्टर इस बात पर एकमत थे कि लॉकड में कोरोना के प्रसार को रोकने का एकमात्र तरीका है, क्योंकि अभी तक इस बीमारी का कोई इलाज नहीं है। दो घंटे की इस बैठक में, डॉक्टरों ने लॉकडाउन अवधि का उपयोग करते हुए बड़े पैमाने पर सरकारी कार्यालयों, शॉपिंग मॉल और अन्य सार्वजनिक स्थानों पर अग्नि इंजनों के माध्यम से सेनेटाइज करने की बात कही। साथ ही ब्लड व स्वाब के नमूनों के परीक्षण के लिए आरटी-पीसीआर मशीनों की कमी और ग्रामीण क्षेत्रों में परीक्षण के बुनियादी ढांचे की कमी की ओर इशारा करते हुए, रोगियों की पहचान करने के लिए आईसीएमआर-अनुमोदित रैपिड एंटीबॉडी परीक्षणों का उपयोग करने की सलाह दे। परीक्षण किट को ऐसे क्षेत्रों में ले जाया जा सकता है जहाँ संदिग्ध मामले हैं।

रांची मेडिका अस्पताल के उपाध्यक्ष डॉ. संजय कुमार ने टीओआई को बताया कि इससे परीक्षण के लिए संदिग्ध व्यक्ति को अस्पताल पहुंचाने के साथ ही संक्रमण की संभावना कम हो जाएगी। डॉक्टरों ने यह भी कहा कि युद्ध स्तर पर इस काम जारी रखने के लिए अनुबंध पर लोगों को काम पर लगाने की आवश्यकता है। जिससे मरीज के संपर्क में आने का पता चलते ही फ्रंटलाइन हेल्थकेयर कर्मचारियों को सेनेताइज के लिए भेजा जा सके।  क्योंकि यदि कोई डॉक्टर या अन्य स्वास्थ्य कर्मचारी संक्रमित हो जाता है, तो समस्या उत्पन्न हो सकती है।

शहर की नेत्र सर्जन व राज्य IMA की महिला शाखा की प्रमुख डॉ. भारती कश्यप ने कहा कि स्क्रीनिंग ड्राइव में शामिल महिला डॉक्टरों को स्थानीय लोगों के प्रतिरोध के कारण विशेष सुरक्षा प्रदान करने की आवश्यकता है। रिम्स के निदेशक डॉ. डी के सिंह ने अस्पताल में तकनीशियनों की कमी की ओर इशारा करते हुए कहा कि अस्पताल के डायलिसिस यूनिट में ड्यूटी पर केवल दो टेक्नीशियन हैं।  मौजूदा संकट से निपटने के लिए इसकी संख्या बढाने की जरूरत है। सोरेन ने डॉक्टरों को उनके सुझावों को लागू करने का आश्वासन देते हुए कहा कि हमने सामाजिक सुरक्षा योजनाओं को मजबूत किया है, लेकिन कई मोर्चे पर अभी और काम करने की जरुरत है।

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