विकट परिस्थिति में भी भाजपा कर रही है राजनीति

ऐसा प्रतीत होता कि भाजपा किसी भी विकट परिस्थिति के हालत में भी किसी प्राकर के हो रहे साम्प्रदायिक सौहार्द के संतुलन के खिलाफ है। इस कोरोना महामारी में प्रशासन ने रांची के मुस्लिम बहुल हिंदपीरी क्षेत्र हिन्दपीड़ी इलाके में आसानी से वहां के स्थानीय लोगों का ब्लड सैम्पल इकत्रीत करने के लिए मुस्लिमअधिकारियों को नियुक्त किया।  भाजपा को परेशानी हो हो गयी, क्योंकि अब उन्हें यहाँ हिन्दू मुस्लिम करने का मौका जो नहीं पाता।  इससे खीजते हुए पूर्व मुख्यमंत्री रघुबर दास तथा बाबूलाल मरांडी ने इस कदम की आलोचना की। जो कि इस महामारी के परिस्थिति में कतई तर्क सांगत नहीं हो सकता।

इन दोनों नेताओं को यह समझना चाहिए कि इस क्षेत्र में कोरना संक्रमित की पहचान हुई है जो राज्य के लिए गंभीर स्थिति है। ऐसे वक़्त में यह अधिक जरुरी है कि इस इलाके के जल्द से जल्द परीक्षण हो पाए। जिससे राज्य के लोगों की सुरक्षा सुनिश्चित हो सके। इसके लिए सरकार को बेहतर लग रहा है वह कदम उठा रही है। इसमें उन्हें सरकार की मदद करनी चाहिए न ऐसे वक़्त में राजनीति करनी चाहिए। अभी तर्क वितर्क का दौर नहीं है दौर है कोरोना जैसे महामारी से झारखण्ड के लोगों को सुरक्षा देने की।

लगता है केंद्र की भाजपा सत्ता की झारखण्ड के साथ किये जाने वाले सौतेले व्यवहार को छुपाने के लिए झारखण्ड भाजपा के ये दोनों विफल सिपाही झारखण्ड सरकार पर छींटा कसी कर रहे है। ज्ञात हो कि कोरोना संक्रमण जैसे विकट परिस्थिति से निपटे के लिए केंद्र राज्य की मदद खुल कर नहीं कर रहे है। झर्कह्न्द के मुख्य मंत्री हेमंत सोरेन को इसके लिए राज्यपाल महोदय से गुहार लगानी पड़ी थी वह के से संसाधन मुहैया कराने की आग्रह करें। हमारे प्रशासन, स्वास्थ्यकर्मी व अन्य वोलेंटियर संसाधन के आभाव में अपनी जान जोखिम में दाल कर काम कर रहे हैं। यह तो इन भाजपा के सिपाहियों को दीखता और न ही इसके लिए वे केंद्र से कोई संपर्क स्थापित कर रहे हैं। हाँ केवल दीखता है हिन्दू मुस्लिम …

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