हेमन्त सरकार के वो फैसले जो साबित करतें हैं कि हेमंत सोरेन सही मायने में हैं झारखंडी नेता

आश्रितों को मुआवजा, आंदोलनकारियों को पेंशन व ग्रामीणों को आर्थिक राहत जैसे फैसले, हेमंत सोरेन के झारखंडी नेता होने के सत्य को करता है पुख्ता 

आपदा की घड़ी में सीएम के विशेष पहल, जिससे झारखंड के हर तबके को मिली राहत 

रांची. पूर्ववर्ती भाजपा सरकार पर हमेशा आरोप लगते रहे हैं कि झारखंड के सत्ता शीर्ष पर बैठा शख्स अगर गैर-झारखंडी है, तो राज्य का विकास कैसे होगा? लेकिन, मौजूदा दौर में झारखंडी जन मानसा को पहली बार महसूस हो चला है कि आरोप मिथ्या नहीं थे. क्योंकि जब से झारखंडी युवा हेमंत सोरेन राज्य के मुख्यमंत्री राज्य के बने हैं, झारखंडी जनता के हित में बेहतर निर्णय लिये जा रहे हैं.

कोरोना महामारी की बीच सीएम द्वारा राज्य के हर तबके को पहुंचाई गयी राहत, स्पष्ट उदाहरण हो सकते हैं. संक्रमण की दूसरी लहर के बीच हुए दो कैबिनेट बैठकों में लिये निर्णय, जवानों के आश्रितों को मुआवजा, आंदोलनकारियों को पेंशन, ग्रामीणों को आर्थिक राहत जैसे फैसले, तथ्य की पुष्टि करते हैं. जो हेमंत सोरेन के झारखंडी नेता होने के सत्य को पुख्ता भी करता है

आंदोलनकारियों के आश्रितों को तृतीय-चतुर्थ वर्ग की नौकरी और जीवित आंदोलनकारियों को पेंशन

सीएम की पहल पर अलग राज्य गठन के लिए झारखंड आंदोलन में शहीद हुए या 40% से अधिक विकलांग हुए, आंदोलनकारियों के आश्रितों को अब तृतीय और चतुर्थ वर्ग में नौकरी दी जाएगी. और जीवित बचे आंदोलनकारियों को हेमंत सरकार में पेंशन भी दिया जाएगा. आंदोलनकारियों की पहचान के लिए सीएम द्वारा तीन सदस्यीय आयोग गठित करने का भी फैसला लिया गया है. आयोग आंदोलनकारियों को चिंह्ति कर उन्हें सम्मान और सुविधाएं मुहैया कराएगा. 

ग्रामीण घरेलू उपभोक्ताओं को बिजली बिल से जुड़े मामले में राहत.

कोरोना संक्रमण और लॉकडाउन के कारण बकाया बिजली बिल का भुगतान नहीं करने वाले घरेलू ग्रामीण उपभोक्ताओं को भी हेमंत सरकार ने राहत दी है. ऐसे उपभोक्ताओं का डिले पेमेंट सरचार्ज (डीपीएस) माफ कर दिया गया है. योजना का लाभ लेने के लिए जरूरी है कि ग्रामीण उपभोक्ता बकाया बिजली बिल का भुगतान करें. हालांकि हेमंत सरकार ने ऐसे ग्रामीण उपभोक्ताओं को बिजली बिल भुगतान के लिए चार किस्त की राहत भी दी है. 

रसोईया और सह-सहायिकाओं के मानदेह को बढ़ाकर दी बड़ी राहत

कोरोना संकट में आर्थिक परेशानी नहीं हो, इसके लिए मुख्यमंत्री ने मिड डे मील योजना में भोजन बनाने वाली रसोईया और सह-सहायिकाओं को बड़ी राहत दी है. सीएम ने इन कर्मियों के मानदेह में 1 अप्रैल से 500 रुपये की बढ़ोतरी की है. अब इन महिलाकर्मियों को हर साल 10 महीने 2000 रुपये का मानदेह मिलेगा.

स्वास्थ्यकर्मियों को एक माह का अतिरिक्त वेतन लाभ देने का फैसला

सीएम ने झारखंड में कोरोना महामारी में ड्यूटी कर रहे डॉक्टरों व स्वास्थ्यकर्मियों को एक माह का अतिरिक्त वेतन देने का भी फैसला लिया है. कैबिनेट में इसकी स्वीकृति भी मिल गयी है. बता दें कि मुख्यमंत्री ने ट्वीट कर कहा था, “इस विकट काल में कोरोना योद्धा दिन-रात लोगों की सेवा में लगे हुए हैं. इसलिए राज्य सरकार ने फैसला लिया है कि कोविड कार्यों में लगे चिकित्साकर्मियों और चिकित्सकों को एक महीने के वेतन/मानदेय के बराबर प्रोत्साहन राशि दी जाएगी. सभी कोरोना योद्धाओं को मेरा धन्यवाद..”

मृतक जैप जवानों के परिजनों को मिलेगा अनुग्रह अनुदान

मंगलवार को हुए कैबिनेट बैठक में सीएम द्वारा मृतक जैप जवानों के परिजनों को लेकर भी बड़ा फैसला लिया गया है. अब राज्य पुलिस के आश्रितों को अनुग्रह अनुदान मिलेगा. साथ ही परिवार के एक व्यक्ति को अनुकंपा के आधार पर आरक्षी या चतुर्थ वर्ग के पदों पर नियुक्ति की जा सकेगी.

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