झारखण्ड : 18 मॉडल विद्यालयों की चाहरदिवारी निर्माण में मनरेगा मद का सदुपयोग सीएम सोरेन का एक बेहतरीन सोच. मनरेगा आयुक्त ने की स्कूली शिक्षा एवं साक्षरता विभाग से चर्चा.
रांची : कुछ पाने का ईमादर प्रयास हो तो सारी कायनात मदद करती है. हेमन्त सरकार में शिक्षा क्षेत्र में हो रहे प्रयास में यह सच स्पष्ट तौर पर दिखा है. ज्ञात हो, सीएम हेमन्त सोरेन के नेतृत्व में, आर्थिक तंगी के बीच भी, राज्य भर में योजनाबद्ध तरीके से सरकारी इंग्लिश मीडियम मॉडल विद्यालय का निर्माण हो रहा है. इसके लिए अब सरकार के द्वारा 18 मॉडल विद्यालयों की चाहरदिवारी निर्माण में मनरेगा योजना का सदुपयोग होने जा रहा है.
भारत देश में शिक्षा के नए आयाम गाड़ना एक मुश्किल भरा कार्य है. धार्मिक व पूंजीवादी मानसिकता के गठजोर में गरीबों की शिक्षा के लिए हमेशा से ही आर्थिक आभाव रहा है. इसकी सच्चाई प्रधान सेवक व बीजेपी के 9 वर्षीय केन्द्रीय काल व झारखण्ड के 20 वर्षों के शासन काल में स्पष्ट दिखा है. नए स्कूल खुलने के बजाय पुराने स्कूल बंद किये गए. शिक्षा क्षेत्र के बजट में सिलसिलेवार कटौती हुई. ऐसे में सीएम सोरेन का यह फैसला एक बेहतरीन सोच को दर्शाता है.
18 मॉडल विद्यालयों में मनरेगा मद से Labour Component की राशि का होगा उपयोग
ज्ञात हो मनरेगा योजना गरीबों को 100 दिन का रोजगार देता है. यह अलग बात है की मौजूदा केद्रीय बीजेपी सरकार इस लक्ष्य को भी पूरा नहीं पाई है. लेकिन झारखण्ड में मनरेगा आयुक्त श्रीमती राजेश्वरी बी ने निर्देश दिया कि सरकारी विद्यालयों में चाहरदिवारी निर्माण हेतु एक मानक प्राक्कलन भी तैयार करें. वर्तमान में चल रही योजनाओं के गुणवक्तपूर्ण क्रियान्वन में कोई लापरवाही न हो. मनरेगा मद से Labour Component की राशि का प्रावधानानुसार उपयोग किया जाय.
बता दें कि सरकार द्वारा राज्य में आदर्श विद्यालय योजना के अन्तर्गत 4,496 विद्यालयों को आदर्श विद्यालय के रूप में विकसित किया जा रहा है. जिसके तहत स्कूली शिक्षा एवं साक्षरता विभाग द्वारा राज्य में केन्द्रीय विद्यालयों के तर्ज पर संचालित 89 मॉडल विद्यालयों में से 18 मॉडल विद्यालयों का चयन चाहरदिवारी के निर्माण के लिए किया गया है. प्रारंभ में 18 मॉडल विद्यालयों में चाहरदिवारी निर्माण के निर्माण मनरेगा के साथ अभिसरण के माध्यम से किया जाएगा.