उजियारे की खोज में संथाल की सड़कों की खाक छानते पूर्व मुख्यमंत्री रघुवर दास

मौजूदा दौर में शायद भाजपा के लिए झारखंड में अंधेरा वाकई घना है। और इसी अँधेरे में मुद्दा विहीन सियासत तले भाजपा उजियारे की खोज में संथाल की सड़कों की खाँख छानते पूर्व मुख्यमंत्री रघुवर दास, बौखलाए हुए पत्रकारों से जहाँ-तहां टकरा जाते हैं। साहेब के फैंकने का दौर अब भी थमता नहीं दीखता है। लेकिन, उनके दुमका दौरे ने जनता के उस मवाद को फिर उभार दिया है जिसमें जनता 2014 के उसी परिस्थिति में जा खड़ा होता है, जहाँ न्याय, समानता व विकास शब्द ग़ायब रहे।

बड़ी विचित्र विडम्बना है देश की विकास को सूर्य रथ के समान गति देने के वादा कर सत्ता के दहलीज तक पहुंची भाजपा के लिए भगवान की साख बचाना ज़रुरी हो गया। इसके आड़ में पूँजीपतियों को लाभ पहुंचाने के लिए न जाने कितने परपंच हुए। और निजीकरण के नाम पर झारखंड में आम जनता की त्रासदी लिखी गयी। आज भाजपा कहने से नहीं चुकती कि देश लुटिया उसने नहीं उनके भगवान ने डुबो दी है।  

मसलन, जो मुख्यमंत्री अपने विधानसभा क्षेत्र की सड़क राजधानी तक बेदाग़ न जोड़ पाए, वह संथाल के सड़कों पर कहते फिरता हैं कि उनके शासन में राज्य की सड़के आईने की तरह चमकती थी। यह कोई आश्चर्यजनक नहीं है, क्योंकि इसी विशेषता के लिए तो वह पांच साल जाने जाते रहे। ज्ञात हो कि राँची-टाटा एनएच 33 के निर्माण और आवंटित राशि में से 264 करोड़ रुपए दूसरे प्रोजेक्ट में डायवर्ट करने के मामले में सीबीआई की भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो एफ़आईआर दर्ज की थी। 

जिसमे राँची एक्सप्रेस-वे के सीएमडी, दो डायरेक्टर और सहयोगी कंपनियों को आरोपी बनाया गया था। यह एफ़आईआर पीई में भ्रष्टाचार की पुष्टि के बाद झारखंड हाईकोर्ट के आदेश पर दर्ज की गई थी।

राँची-जमशेदपुर फोरलेन सड़क के निर्माण पर झारखंड हाई कोर्ट तक जाता चुकी है दुख

रांची-जमशेदपुर फोरलेन सड़क निर्माण पूरा नहीं होने पर झारखंड हाई कोर्ट ने संवेदना व्यक्त करते हुए यहाँ तक कहा कि सड़क की वर्तमान स्थिति देखकर दर्द होता है। इस सड़क पर आए दिन होने वाली दुर्घटना में लोगों की जान चली जाती है। कई सालों के बाद भी फोरलेनिंग का काम अबतक पूरा नहीं हो सका है। 

कोर्ट को यह भी कहना पड़ा कि यह प्रोजेक्ट जनता की सुविधा के लिए थी, लेकिन जनता को इस प्रोजेक्ट से घोर असुविधा सामना करना पद रहा है। सुनवाई के दौरान अदालत ने एनएचएआइ (नेशनल हाइवे अथॉरिटी ऑफ इंडिया) को आगाह किया कि वह तीसरे व चौथे चरण के काम में तेजी लाए, ताकि निर्धारित समय में प्रोजेक्ट को पूरा किया जा सके। 

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