लंबे संघर्ष की उपज है आदिवासी पहचान के रक्षक – हेमन्त सोरेन 

हेमन्त सोरेन : दिसुम गुरु शिबू सोरेन के समयक विचार को नई पीढ़ी तक पहुंचाने की चुनौती लिए, अल्पसंसाधन के बीच निर्धारित कठिन लक्ष्य के सभी पड़ाव को पार कर बतौर सीएम बड़े जन नायक के रूप में उभरना, हेमन्त सोरेन के कठिन संघर्ष को परिभाषित करता है.  

रांची : हेमन्त भले ही आज झारखण्ड राज्य का युवा सीएम हो, लेकिन एक आन्दोलनकारी पुत्र की गरीबी का भाजपा के डबल इंजन सरकार से टकराते हुए मुख्यमंत्री की कुर्सी तक का सफर संघर्ष भरा रहा है. दिसुम गुरु शिबू सोरेन के मानवीय, समयक विचारधारा को नयी पीढ़ी तक पहुंचाने की चुनौती का भार लिए, डबल इंजन सरकार की नीतियों के अक्स में झारखण्ड को दुर्गति से बाहर निकालने का लक्ष्य लिए, अल्प संसाधन के बीच निर्धारित कठिन लक्ष्य के हर पड़ाव को पार करते हुए न केवल खुद को साबित किया, राज्य की राजनीति में बेसिक को दुरुस्त करते हुए बड़े जन नायक बनकर उभरे हैं. 

मुख्यमंत्री हेमन्त का मंजिल झारखण्ड का विकास

बतौर मुख्यमंत्री हेमन्त सोरेन के नेतृत्व में झारखण्ड का कोरोना से सफलता पूर्वक निपटना, आदिवासी अस्मिता की पहचान की लड़ाई को नया बल मिलना, दलित-पिछड़ा समेत तमाम वर्ग की जनता के अधिकार की लड़ाई को बल मिलना, शिक्षा, स्वास्थ्य, नियुक्ति, महिला सशक्तिकरण, ऐतिहासिक-समाजिक सुरक्षा से लेकर अर्थवयवस्था के तमाम आयामों पर झारखण्ड को आगे ले जाने के सटीक रोड मैप के साथ आगे बढ़ना, इन्हें झारखण्ड के इतिहास का पहला ऐसा भाग्य विधाता मुख्यमंत्री बनाता है, जिसकी आइडियोलॉजी का दायरा हासिये के छोर पर खड़े बहुसंख्यक गरीब जनता को न केवल छूती है, उसे विकास के पथ पर लाने को समर्पित भी दिखती है.

सम्यक आइडियोलॉजी सोरेन की सफलता का फार्मूला

बतौर मुख्यमंत्री हेमन्त सोरेन मीडिया जगत के संपादक एवं ब्यूरो प्रमुख से मुलाकात कार्यक्रम में झारखण्ड के विकास का स्पष्ट विजन सामने रखे. मुख्यमन्त्री हेमन्त सोरेन की पारी की शुरूआत कोरोना संकट व खाली खजाने के बीच हो. अभूतपूर्व मानवीय संकट के बीच व केन्द्रीय पक्षपात के बीच मुख्यमन्त्री की संवेदनशीलता व कूटनीतिक कुशलता का रूप सामने आये. जिसके मुरीद विरोधी भी हों. भले ही राजनीतिक व दलगत कारणों से वे सार्वजनिक स्तर पर स्वीकार न कर सके. लेकिन, विधानसभा सत्र के दौरान, मुख्यमन्त्री के साथ तस्वीर खिंचाने की होड़ इसकी पुष्टि करे. तो निर्विरोध कहा जा सकता है कि राज्य को बेहतर सीएम मिला है, इन्हें बचाने की आवश्यकता है.

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