झारखण्ड : मुख्यमंत्री द्वारा सौर ऊर्जा नीति 2022 का लोकार्पण एवं कुसुम वेब पोर्टल का उद्घाटन. निवेशकों के लिए अनुकूल माहौल. अगले 5 वर्ष में करीब 4000 मेगावाट क्षमता के सौर ऊर्जा के अधिष्ठापन का लक्ष्य. सोलर सिटी के रूप में गिरिडीह को मिला पहचान.
रांची : मुख्यमंत्री हेमन्त सोरेन के नेतृत्व में सरकार भविष्य के संभावनाओं का आंकलन करते हुए नीतियां बनाई जा रही है. ज्ञात हो, वर्तमान में ऊर्जा का बहुमूल्य जरुरत के रूप में उभरा है और आने वाले दौर में देश दुनिया का भविष्य सौर ऊर्जा पर आधारित होगा. ऐसे में झारखण्ड को भी विकास की ज़मीन पर पैर जमाने के लिए उर्जा के संभावना तलाशना होगा. इस कड़ी में झारखण्ड के इतिहास में पहला मौका है जब किसी मुख्यमंत्री द्वारा इस दिशा में न केवल दूरदर्शी दृष्टि डाली गई है. और देश दुनिया के साथ काँधे से काँधे मिला कर चलने हेतु सौर ऊर्जा नीति 2022 धरातल पर उतारा गया है.
सौर ऊर्जा नीति 2022 के लोकार्पण में मुख्यमंत्री कहे कि सवा सौ करोड़ जनसंख्या वाले देश में बड़े पैमाने पर ऊर्जा की आवश्यकता है. मानव जीवन में जितनी आवश्यकता भोजन की है उतनी ही आवश्यकता ऊर्जा की भी है. अक्षय ऊर्जा राष्ट्र का भविष्य है. ऐसे में हमारी सरकार पारंपरिक ऊर्जा स्रोत के साथ-साथ अक्षय ऊर्जा स्रोतों पर विशेष फोकस कर रही है. और अक्षय ऊर्जा उत्पादन को बढ़ावा देने हेतु सौर ऊर्जा के क्रियान्वयन में सरकार की गति, ऊर्जा के ज़रूरतों को पूरा करने की दिशा में झारखण्ड को सक्षम और आत्मनिर्भर बनाएगा.
नीति में निवेशकों को प्रोत्साहन, सिंगल विंडो सिस्टम, पेमेंट सिक्योरिटी मेकैनिज्म, छूट और सब्सिडी सहित कई सुविधायें
सौर ऊर्जा नीति-2022 में कई महत्वपूर्ण प्रावधान हैं. जिसमें निवेशकों को प्रोत्साहन, सिंगल विंडो सिस्टम, पेमेंट सिक्योरिटी मेकैनिज्म, छूट और सब्सिडी सहित कई सुविधायें उपलब्ध करायी गई है. किसान सोलर वाटर पंप सेट योजना हेतु कुसुम वेब पोर्टल. धनबाद एवं दुमका में 600 केवी के सोलर प्लांट. गिरिडीह सोलर सिटी योजना के तहत घरेलू उपभोक्ताओं के लिए ग्रिड कनेक्टेड रूफटॉप पावर प्लांट परियोजना, जैसे कई आयाम समाहित हैं.