झारखण्ड : हेमन्त शासन में ग्रामीण अर्थव्यवस्था को मजबूत किया जा रहा है. ग्रामीणों की अपने पैरों पर खड़ा करने की प्रक्रिया आरम्भ हुई है. इस उदेश्य के तहत योजनाएं धरातल पर उतारी जा रही है. दीदियाँ काँधे से काँधे मिलाकर सरकार के साथ चलती दिख रही है.
रांची : सीएम हेमन्त के शासन में झारखण्ड राज्य की मजबूती के लिए ग्रामीण अर्थव्यवस्था को गंभीरता से मजबूत किया जा रहा है. कई माध्यमों से ग्रामीणों को अपने पैरों पर खड़ा होने की प्रक्रिया आरम्भ हुई है. इस उदेश्य के तहत राज्य सरकार द्वारा अधिकाँश योजनाएं धरातल पर उतारी गई है और निरंतर उतारी जा रही है. सरकार के इस उदेश्य पूर्ती में राज्य की दीदियाँ काँधे से काँधे मिलाकर सरकार के साथ चलती दिख रही है.
ज्ञात हो, नज इंस्टिट्यूट राज्य में गरीबी उन्मूलन के क्षेत्र में कार्य कर रहा है. पिछले 3 वर्षों के में लोहरदगा, गुमला और लातेहार जिला में अति गरीब परिवार की दीदियों को स्वयं सहायता समूह के जरिए आजीविका से जोड़ा गया है. जिसमें उसे सरकार व सरकारी अंग द्वारा लगातार सहयोग मिला है. नतीजतन राज्य की अति गरीब दीदियां तेजी से आत्मनिर्भर बनी है. अपने घर-परिवार के लिए आमदनी बढाने में सभागी बनी है. जिससे उनके जीवन स्तर में सुधार देखा जा रहा है.
सीएम हेमन्त द्वारा 400 दीदियों को सम्मानित कर किया गया प्रोत्साहित
गोड्डा, पलामू और पूर्वी सिंहभूम जिले में भी “एंड अल्ट्रा पॉवर्टी प्रोग्राम” चलाया जा रहा है. इसके तहत 4000 अति गरीब महिलाओं को आजीविका से जोड़ने का सराहनीय प्रयास हो रहा है. ज्ञात हो, इस कार्यक्रम को बल देने हेतु सीएम हेमन्त सोरेन द्वारा “झारखण्ड की दीदियों को स्नातक समारोह” के माध्यम से लोहरदगा, लातेहार और गुमला जिले की आजीविका से आत्मनिर्भर और सक्षम बनी 400 दीदियों को सम्मानित कर प्रोत्साहित किया गया है.
सीएम के द्वारा अति गरीब परिवारों के दीदियों को स्वावलंबी बनाने के प्रयास को सराहा गया है. सीएम के द्वारा कहा गया कि ये दीदियां विपरीत परिस्थितियों और चुनौतियों का सामना करते हुए विभिन्न आजीविका के माध्यमों से जुड़कर स्वावलंबी बनी है और अपने परिवार का भरण पोषण कर रही हैं. साथ ही वह अन्य दीदियों के लिए ऊर्जा स्रोत भी बनी है. मुझे उम्मीद है कि भविष्य में राज्य की दीदियां न केवल मजबूत होंगी, राज्य के ग्रामीण अर्थव्यवस्था के मजबूतीकरण में भूमिका भी निभाएंगी.