शिक्षा बना झारखण्ड विकास का उद्गम – निःशुल्क सरकारी कोचिंग सेन्टर की शुरुआत 

मुख्यमंत्री हेमन्त सोरेन के प्रयास दर्शाता है कि शिक्षा ही होगा झारखण्ड के विकास का उद्गम -आर्थिक-शैक्षणिक रूप से कमजोर युवाओं के लिए, सिविल सेवा परीक्षा की तैयारी के लिए निःशुल्क सरकारी कोचिंग सेन्टर की हुई शुरुआत… 

  • आर्थिक-शेक्षणिक रूप से कमजोर युवा भी कर अब झारखण्ड में कर सकेंगे सिविल सेवा परीक्षा की तैयारी
  • लातेहार जिला से निःशुल्क सरकारी कोचिंग सेन्टर की शुरुआत 

सरकार का प्रयास है कि राज्य के आर्थिक-शैक्षणिक रूप से कमजोर युवाओं को सिविल सेवा परीक्षा के लिए गुणवत्तापूर्ण निःशुल्क कोचिंग सुविधा प्राप्त हो. जिससे उनका भविष्य उज्जवल हो सके. इस निमित कोचिंग सेन्टर शुरू किया गया है. आने वाले दिनों में इसका विस्तार अन्य जिलों में भी होगा.

हेमन्त सोरेन, मुख्यमंत्री, झारखण्ड विकास की शुरूआत कर चुके हैं सीएम

रांची : झारखण्ड में 20 वर्षों से यथावत दयनीय शिक्षा व्यवस्था को सुधारने के मद्देनजर, हेमन्त सरकार में बड़ी पहल हुई है. राज्य के 325 हाई स्कूल व और प्लस टू स्कूलों को आदर्श विद्यालय में अपग्रेड किया जा रहा है. स्कूलों में शिक्षकों की घोर कमी दूर किये जाने प्रक्रिया गति पर है. आईसीटी लैब, लाइब्रेरी, ई-लाइब्रेरी सहित ऑनलाइन और डिजिटल पढ़ाई के तमाम जरूरी इंतजाम किये जा रहे हैं. 80 उत्कृष्ट विद्यालयों (लीडर स्कूल) बनाए जा रहे हैं. 

हेमन्त सरकार में बेटियों की शिक्षा पर गंभीरता दिखाई गयी है. राज्य की गरीब मेधावी छात्राओं को बाहर अथवा राज्य के तकनीकी शिक्षण संस्थानों में नामांकन के उपरांत, आर्थिक सहायता प्रदान करने के प्रस्ताव मुख्यमंत्री द्वारा सहमति दी गयी. जिससे राज्य की गरीब मेधावी छात्राओं को बाहर अथवा राज्य में तकनीकी शिक्षा प्राप्त करने में अब परिवार की आर्थिक स्थिति बाधक नहीं बनेगी.  

ओपन, ट्राइबल, खेल यूनिवर्सिटी व विदेशों में शिक्षा हेतु स्कॉलरशिप जैसी बड़ी लकीर

झारखंड ओपन यूनिवर्सिटी, ट्राइबल यूनिवर्सिटी, खेल यूनिवर्सिटी जैसी बड़ी लकीर हेमन्त सरकार द्वारा ही खीची जा रही है. टेट सर्टिफिकेट की मान्यता को दो साल बढ़ा, शिक्षा के मुनाफे की संस्कृति पर जोरदार प्रहार भी हेमंत सरकार की उस मंशा को दर्शाता है, जिसकी राह झारखंड को ज्ञान/शिक्षा तक लेकर जाती है. विश्व के टॉप 100 यूनिवर्सिटी में कोई भी झारखंड में शिक्षा संस्थान खोलने में  दिलचस्पी दिखाता है तो उसे ₹1 में 25 एकड़ जमीन उपलब्ध कराई जाने की कवायद हो या फिर राज्य के आदिवासी विद्यार्थियों को विदेशों के प्रतिष्ठित संस्थानों में पढने का मौका देने के लिए, स्कॉलरशिप की सुविधा. सभी की राह एक है, झारखंड को शिक्षा के बूते खड़ा करना.

आर्थिक-शैक्षणिक रूप से कमजोर झारखंडी युवा निशुल्क ले सकेंगे सिविल सेवा परीक्षा की कोचिंग   

राज्य शिक्षा में अग्रणी बने, इस मंशे के तहत हेमन्त सरकार द्वारा शिक्षा के मुनाफे की संस्कृति पर जोरदार प्रहार करते हुए, एक और बड़ी पहल लातेहार जैसे उग्रवाद प्रभावित जिला से हुई है. लातेहार की अधिकांश आबादी गरीबी रेखा के नीचे बसर करती है. वहां युवा निजी कोचिंग संस्थानों की ऊंची फीस वहन करने में अक्षम हैं. नतीजतन, युवाओं की आकांक्षाएं दम तोड़ देती हैं. ऐसे युवाओं की परिस्थिति को समझते हुए हेमन्त सरकार में महत्वाकांक्षी कदम उठाया गया है. ‘इंटीग्रेटेड कोचिंग कार्यक्रम’ का शुभारंभ हुआ है.जहाँ 100 से 130 युवाओं को सिविल सेवा परीक्षाएं की तैयारी हेतु मुफ्त कोचिंग सेवा दी जानी की शुरुआत भर हुई है.

इसके तहत यूपीएससी, जेपीएससी एवं अन्य प्रतियोगी परीक्षाओं के कई चरणों में सफल हो चुके अनुभवी एवं योग्य शिक्षकों द्वारा शिक्षण सेवा दी जा रही है. कोचिंग संस्थान के अंदर लाइब्रेरी की भी व्यवस्था की गई है. साथ ही, अन्य राज्यों और जिलों के अनुभवी शिक्षकों से डिजिटल माध्यम से छात्र पढ़ सके, इसके लिए डिजिटल इंफ्रास्ट्रक्चर भी स्थापित किया गया है. ज्ञात हो, महज चंद दिनों पहले नक्सल प्रभावित क्षेत्रों में युवाओं को मुख्यधारा से जोड़ने के लिए हेमंत सरकार द्वारा सहाय योजना लाया गया.

मसलन, मुखिया हेमन्त सोरेन द्वारा राज्य के सुनहरे भविष्य के बुनियाद को शिक्षा रूपी ईंट से खड़ा करने के प्रयास सराहनीय मानी जानी चाहिए. क्योंकि मुख्यमंत्री का यह प्रयास न केवल राज्य को बल्कि देश को भी नयी परिभाषा दे सकती है. और न केवल मनमाने फीस लेनेवाले विद्यालयों की दुकान बंद करने की दिशा में मजबूर प्रहार भर है, सरकारी स्कूलों की गुणवत्ता को लेकर विश्वसनीयता को फिर से कायम करने की इच्छाशक्ति भी माना जा सकता है. निःसंदेह मुख्यमंत्री का यह प्रयास राज्य के आख़िरी पायदान पर खड़ी ग़रीब जनता को उसके भविष्य, उसके सपनों के साथ जोड़ने का माद्दा रखता है.

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