SHG – स्वयं सहायता समूह की महिलाएं घरों तक पहुंचा रही हैं बैंक सेवाएं

एसएचजी (SHG) के महिलाओं के अनूठे पहल से ग्रामीण क्षेत्रों में निवास करने वाले विभिन्न बैंकों के खाताधारक बैंक सेवाओं का लाभ आसानी से प्राप्त कर रहे हैं 

  • एसएचजी (SHG) की महिलाओं के लिए यह आय का एक नया स्रोत बना 
  • खाता धारी ठगी के शिकार होने से बचेंगे

रांची : गुमला जिले में स्वयं सहायता समूह (SHG) की महिलाएं अब घरों तक बैंक की सेवाएं पहुंचा रही हैं. महिलाओं के इस अनूठे पहल के द्वारा अब गुमला जिले के ग्रामीण क्षेत्रों में निवास करने वाले विभिन्न बैंकों के खाताधारक बैंक सेवाओं का लाभ आसानी से प्राप्त कर रहे हैं. 

गौरतलब है कि ग्रामीण क्षेत्रों में अधिकतम खाता धारकों को बैंकों से पैसे की निकासी अथवा जमा कराने के लिए या तो बैंकों का चक्कर लगाना पड़ता था या फिर नजदीकी प्रज्ञा केंद्रों तक दौड़ लगाना पड़ता था. एसएचजी की महिलाओं द्वारा दिए जाने वाले बैंक सेवाओं के माध्यम से अब खाताधारक सुगमतापूर्वक बैंक में जमा पैसे की निकासी तथा बैंकों में पैसे जमा कर सकते हैं. इसके लिए झारखंड स्टेट लाइवलीहुड प्रमोशन सोसाइटी (जेएसएलपीएस) से जुड़ी स्वयं सहायता समूह को ई-डिस्ट्रिक्ट कार्यालय गुमला कॉमन सर्विस सेंटर द्वारा वित्तीय सेवाओं से जोड़ा जा रहा है. 

खाताधारक एक बार में अधिकतम 20,000 रुपये की निकासी एवं जमा कर सकते हैं

वित्तीय सेवाओं से जुड़ने के बाद सीएससी द्वारा एसएचजी को मंत्रा डिवाइस बायोमेट्रिक दिया जा रहा है. जिन खाताधारकों को अपना पैसा निकालने अथवा जमा करने की जरूरत होगी एसएचजी (SHG) की महिलाएं उनके घर पहुंचकर डिवाइस के माध्यम से पैसा निकासी अथवा जमा करने में उनकी सहायता करेंगी. इस व्यवस्था के तहत खाताधारक एक बार में अधिकतम 20,000 रुपये की निकासी एवं जमा कर सकते हैं. साथ ही यदि एसएचजी के पास पर्याप्त मात्रा में राशि उपलब्ध हो तो 1 दिन में खाताधारक तीन बार तक अपने पैसों की निकासी कर सकते हैं. घरों में ही विश्वनीय तरीके से पैसों को जमा करने व निकासी करने की वजह से खाताधारी ठगी का शिकार होने से भी बचेंगे. 

स्वयं सहायता समूह (SHG) को वित्तीय सेवा से जोड़ने के बाद ग्रामीण क्षेत्रों के खाता धारी ठगी का शिकार होने से बचेंगे 

स्वयं सहायता समूह की महिलाओं द्वारा घरों पर ही बैंक सेवा मुहैया कराए जाने के बारे में कॉमन सर्विस सेंटर (प्रज्ञा केंद्र) मैनेजर रंजन नंदा एवं अभिषेक राय ने बताया कि ग्रामीण क्षेत्रों में निवास करने वाले विभिन्न बैंकों के खाताधारकों के घर पर ही एसएचजी के रूप में बैंक सेवा पहुंच रही है. इससे ग्रामीणों को काफी सुविधा होगी. एसएचजी को उपलब्ध कराए गए मंत्रा डिवाइस बायोमेट्रिक के माध्यम से खाताधारक सुविधाजनक तरीके से अपने पैसों की निकासी व जमा कर सकते हैं. खाताधारी अधिकतम 20,000 रुपये तक तक की निकासी व जमा कर सकते हैं.

सीएससी द्वारा अब तक जिले भर में कुल 113 एसएचजी को वित्तीय सेवाओं से जोड़कर मंत्रा डिवाइस बायोमेट्रिक दिया जा चुका है. जिसमें से भरनो में 07 एसएचजी, सिसई में 15, बिशुनपुर में 08, चैनपुर में 05, डुमरी में 02, घाघरा में 12, कामडारा में 38, गुमला में 123, पालकोट में 04 एवं बसिया प्रखंड में 01 एसएचजी को मंत्रा डिवाइस बायोमेट्रिक दिया गया है. एसएचजी के लिए यह आय का एक नया स्रोत भी बनेगा.

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