स्वरोजगार व नियुक्ति बेरोजगारों के संरक्षण में हेमन्त का अचूक बाण

झारखण्ड : केन्द्रीय नीतियों के अक्स में जानलेवा बेरोजगारी के बीच हेमन्त सरकार में रिक्त पदों पर नियुक्तियां व रोजगार सृजन, पंचायत दवा दुकान, राइस मिल जैसे स्वरोजगार के अवसर युवाओं के संरक्षण में साबित हो रहे अचूक बाण.

रांची : देश में जानलेवा बनी बढ़ती बेरोजगारी से युवा पीढ़ी को बचाने की दिशा में रिक्त पदों पर नियुक्ति और स्वरोजगार जैसा सशक्त विकल्प, न केवल कारगर बल्कि अचूक उपाय हो सकते है. यह झारखण्ड के सीएम हेमन्त सोरेन की नीतियों ने साबित किया है. नतीजतन, झारखण्ड में युवा जितनी ताकत नौकरी तलाशने में लगा रहे हैं, उतनी ही ताकत स्वरोजगार करने में भी लगा स्वयं अपना मालिक बन रहे हैं. और खुद को और दूसरों को रोजगार दे हताशा भरे जीवन से उबार रहे हैं.

स्वरोजगार व नियुक्ति बेरोजगारों के संरक्षण में हेमन्त का अचूक बाण

यह वैकल्पिक सोच झारखण्ड के सीएम हेमन्त सोरेन ने राज्य के युवाओं भरी है. ज्ञात हो हेमन्त शासन में सरकारी नौकरी के साथ युवाओं को स्वरोजगार के दिशा में भरपूर अवसर प्राप्त हो रहा है. राज्य में स्वरोजगार के लिए विशेष सरकारी व्यवस्था उपलब्ध कराई जा रही है. इस फेहरिस्त में मुख्यमंत्री स्वरोजगार सृजन योजना, पंचायत दवा दुकान के रूप में युवाओं को आर्थिक मदद पहुंचायी गयी. अब युवाओं को सीएम ने राइस मिल चलाने के लिए प्रोत्साहित कर सीएम ने नई पहल की है.

राइस मिल समेत अन्य उद्योग लगाने के लिए सामने आएं युवा के लिए विशेष व्यवस्था  

पूर्वी सिंहभूम, चाकुलिया, सीएम ने कहा कि युवा राइस मिल समेत अन्य उद्योग लगाने के लिए सामने आएं, सरकार विशेष व्यवस्था करेगी. ज्ञात हो, पूर्व में चाकुलिया, बहरागोड़ा, घाटशिला जैसा इलाकों में राइस मिल थे, लेकिन आज हालात अच्छे नहीं हैं. मसलन, उन्होंने युवाओं को इस ओर आकर्षित कर स्वरोजगार के नए अवसर खोलने का प्रयास किया है. सरकार राइस मिल खोलने वालों को 40% अनुदान दे रही है. एक दर्जन से ज्यादा राइस मिल खोलने की अनुमति भी दी गई है. 

 “झारखण्ड पंचायत स्तरीय दवा दुकान योजना” स्वरोजगार की दिशा में बड़ी पहल 

सीएम के द्वारा  “झारखण्ड पंचायत स्तरीय दवा दुकान योजना” की शुरूआत 19 जून 2023 को हुई. इस तहत झारखण्ड के सभी ग्रामीण पंचायत में दवा की दुकान खोल सकते हैं. जिससे ग्रामीणों को गांव-पंचायत में ही दवाईयां मिल पायेगी. और पंचायत स्तर पर ही युवाओं को स्वरोजगार प्राप्त होगा. जिससे राज्य में पलायन भी रुकेगा. सीएम की सोच असरदार रही, भारी संख्या में आवेदन आए. पंचायत स्तर पर 543 दवा दुकानों की स्वीकृत मिली और 950 से अधिक आवेदन प्रक्रियाधीन हैं.

मुख्यमंत्री रोजगार सृजन योजना झारखण्ड की एक बड़ी उपलब्धि 

राज्य में स्वरोजगार को बढ़ावा देने की दिशा में हेमन्त सरकार में मुख्यमंत्री रोजगार सृजन योजना की शुरुआत शुरूआती काल में ही हुई. जो आज झारखण्ड के लिए एक एक बड़ी उपलब्धि के रूप में सामने है. इस योजना के तहत सरकार 2500000 रुपये तक लोन देती है. यह लोन लगभग नगण्य ब्याज दर पर उपलब्ध कराया जाता है. अगर आवेदक व्यवसाय के लिए 50000 तक का लोन लेता है तो उन्हें इस योजना के तहत बेहद आसानी से बिना गारंटी के लोन प्राप्त होता है. 

इस योजना के लाभुक 18 से 45 वर्ष आयु के अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति, पिछड़ा एवं अल्पसंख्यक वर्ग के युवा हैं. योजना के माध्यम से युवा न सिर्फ वो खुद मालिक बन अच्छी कमाई कर रहे हैं बल्कि दूसरे जरूरतमंद को भी रोजगार दे रहे हैं. आंकड़ों के अनुसार पूर्वी सिंहभूम के 940, दुमका के 657, हजारीबाग में 567 युवाओं को योजनाओं का लाभ मिला है. हेमन्त सरकार ने वित्तीय वर्ष 2023-24 में करीब दो लाख युवाओं को इस योजना से जोड़ने का लक्ष्य रखा है.

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