सार्वजनिक परिवहन सहित कई महत्वपूर्ण प्रतिबंध झारखण्ड में हटाये गए

देश में लंबे समय तक तालाबंदी के बाद कई चीजों से प्रतिबंध हटाकर लोकडाउन को बढ़ाने का फैसला किया गया है। देश को संक्रमण से बचाने के लिए 25 मार्च 2020 से लॉकडाउन लागू है। घर से बाहर निकलते समय मास्क का प्रयोग व सोशल डिस्टेंसिंग का पालन करने के आग्रह के साथ झारखंड में इससे संबंधित नए निर्देश भी जारी किए गए हैं।

सार्वजनिक परिवहन सहित कई महत्वपूर्ण प्रतिबंध झारखंड सरकार ने हटाये

प्रतिबंध

झारखंड सरकार ने एक उच्च-स्तरीय बैठक के बाद नए दिशा निर्देश जारी किए हैं। सार्वजनिक परिवहन को छूट सहित कई महत्वपूर्ण प्रतिबंध हटा दिए गए हैं। साथ ही, कुछ कंपनियों को निर्देशों के साथ शुरुआत करने की मंजूरी मिल गई है। भीड़-भाड़ वाले संस्थानों को अभी बंद रखने का निर्णय लिया गया है।

1. मोबाइल, घड़ी, टीवी, कंप्यूटर, मोबाइल, रेफ्रिजरेटर, एयर कंडीशनर, एयर कूलर विद्युत उत्पाद जैसे इलेक्ट्रॉनिक व आईटी से संबंधित दुकानें, नगर निगम क्षेत्र में खोलने की अनुमति दी गई है।

2. उपभोक्ताओं की समस्या सुलझाने वाली कॉल सेंटरों को भी खोलने की अनुमति दी गई है।

प्रतिबन्ध सम्बंधित एनी दिशा निर्देश

अन्य क्षेत्र जिन्हें शुरू करने की अनुमति मिली है वह निम्नलिखित हैं – 

  • कैपिटल गुड्स, हेवी मशीनरी, जेनरेटर। आईटी हार्डवेयर सेल सर्विस, नेटवर्किंग उपकरण, सॉफ्टवेयर, दूरसंचार उत्पाद। साइकिल व ऑटोमोबाइल्स से से संबंधित दुकानें। आभूषण, चश्मे और कॉन्टैक्ट लेंस की दुकानें भी खुलेगी।
  • किचन और पॉटरी, फर्नीचर, शहरी क्षेत्रों में गैरेज और मोटर कार्यशाला भी खुलेगी। रेस्तरां होम डिलीवरी के साथ खुलेंगे, लेकिन वहां बैठने की कोई व्यवस्था नहीं होगी।
  • यह आदेश 1 जून से 30 जून तक प्रभावी रहेंगे। कन्टेनमेंट जोन में कोई छूट नहीं दी गई है। 

प्रतिबंध में 6500 दीदी रसोई 2.5 करोड़ पौष्टिक व्यंजन की थाली परोस चुकी है

प्रतिबंध

6500 दीदी रसोई, जो अब तक 2.5 करोड़ से अधिक पौष्टिक व्यंजन की थाली परोस चुकी है, 30 जून तक चालू हो जाएगी। आपदा के समय में दीदी रसोई के महत्वपूर्ण योगदान से इनकार नहीं किया जा सकता है। और शायद पूरे देश में यह एकमात्र सफल प्रयोग है।

उदाहरण के लिए, केंद्र ने लॉकडाउन तो अपने दम पर किया, लेकिन विफलता के बाद, लोगों ने उनके भाग्य के भरोसे छोड़ दिया है, जैसे कि पूरी ज़िम्मेदारी जनता की है। शायद यही वजह है कि झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने लोगों को दिए अपने बयान में कहा है कि केंद्र ने इस संकट में लोगों को उनके भाग्य के भरोसे छोड़ दिया है।

लेकिन वह अपने ज्ञान के आधार पर ऐसा नहीं कर सकता। वह जनता के लिए पारदर्शी तरीके से उस स्थिति से लड़ेगा जब तक उसमें उनमें पुरुषार्थ बाकी है। और झारखण्ड में अभी तो उन्होंने कई प्रतिबन्ध हटाये हैं, लेकिन अनुशासनहीनता के कारण माहौल बिगड़ेगा तो फिर से वह प्रतिबन्ध लगाने से नहीं चुकेंगे।

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