राज्यसभा चुनाव : मातम के बीच भाजपा अपने विधायकों की किलेबंदी कर मना रही जश्न

झारखंड में शुक्रवार को दो राज्यसभा चुनाव के लिए मतदान होना है। यूपीए और एनडीए दोनों खेमों में मतदान से पहले जहां बैठकों का दौर जारी है। वहीँ भाजपा एकजुट होने का दंभ भर रही है। लेकिन, एकजुटता के दावों के बीच टूट के संदेह को नकारा नहीं जा सकता। क्योंकि, राजस्थान और गुजरात जैसे राज्यों के विपरीत, भारतीय जनता पार्टी झारखंड में अपने विधायकों की किलेबंदी करने तैयारी की है।

अब तक यह देखा जाता था कि टूट की संभावना के कारण कांग्रेस के विधायकों को एक स्थान पर रखा जा जाता था। लेकिन, देश में पहली बार जा रहा, जहाँ भाजपा अपने सभी 25 विधायकों को राजधानी के सरला बिरला विश्वविद्यालय में रखने को मजबूर है। मतदान होने तक सभी विधायकों को यहां रहना अनिवार्य होगा।

एनडीए व यूपीए दोनों दलों के विधायाकों की बैठक बुधवार को हुई 

राज्यसभा चुनाव के लिए एनडीए विधायक दल की बैठक बुधवार को माहिलोंग के सरला-बिड़ला विश्वविद्यालय के सभागार में हुई। ढुल्लू महतो को छोड़कर भाजपा के 25 और आजसू के दो विधायक शामिल हुए। भाजपा के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष ओम प्रकाश माथुर इस दौरान राँची में ही रहेंगे। हालांकि, झामुमो माथुर की मौजूदगी को काले धन से जोड़कर देख रहा है। जबकि, यूपीए के विधायकों की बैठक बुधवार शाम को हुई। वामपंथ, अमित यादव, सरयू राय के साथ भी चर्चा होने कि बात सामने आयी है।

मसलन, आश्चर्यजनक बात यह है कि झारखंड ने चीन सीमा पर अपना लाल खोया है। उनके बेवाओं के आँसू भी अभी तक नहीं सूखे हैं कि भाजपा राज्यसभा चुनाव जीतने के लिए कोई कदम उठाने से नहीं चुक रही है। जाहिर है, अगर सभी विधायकों को एक जगह शामिल किया जाता है, तो जश्न का माहौल होगा। कोई भी झारखंडी दल मातम के दौर में ऐसा कैसे कर सकती है! 

हालांकि, झामुमो ने इसका विरोध किया है। सीएम हेमंत सोरेन ने यहां तक कहा कि अगर कानून के खिलाफ कुछ भी हुआ तो वह कार्रवाई करने से नहीं चुकेंगे।

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