झारखण्ड : हेमन्त शासन में राज्य विकास हेतु शिक्षा समेत आर्थिक विकास, सामाजिक विकास, पर्यावरणीय सतत विकास, राजनीतिक स्थायित्व जैसे सभी मुख्य आयामों को मिली है प्राथमिकता.
रांची : राज्य या देश के विकास के मुख्य आयाम आर्थिक विकास, सामाजिक विकास, पर्यावरणीय सतत विकास, राजनीतिक स्थायित्व, ही हो सकते हैं. और कोई राज्य अति गरीब हो या उसे शाजिसन बना दिया गया हो तो केवल शिक्षा ही पहली सीढ़ी हो सकती ही जिसके आसरे उसे त्रासदी से बाहार निकाल सकता है. झारखण्ड के वर्तमान हेमन्त सत्ता में राज्य को गरीबी, अशिक्षा, संसाधन विहीन, सामन्ती लूट जैसे त्रासदी से उबारने के लिए तमाम उपरोक्त कदम उठाये जा रहे हैं.
हेमन्त सरकार में सभी वर्ग के सामूहिक विकास के मद्देनजर उपरोक्त सभी आयामों के साथ-साथ चिकित्सीय, शैक्षणिक, सांस्कृतिक, ऐतिहासिक, महिला, आरक्षित जातियों समेत तमाम आयामों के विकास पर सामान्तर जोर दिया जा रहा है. हालांकि, शिक्षा पर कुछ विशेष जोर दिया गया है. क्योंकि शिक्षा पर सभी आयामों का विकास निर्भर करता है. सीएम हेमन्त की मंशा बोकारों में आयोजित योजनाओं के उद्घाटन-शिलान्यास एवं परिसंपत्ति वितरण कार्यक्रम के वक्तव्य में दिखी.
सीएम हेमन्त के नेतृत्व में राज्य में तीव्र गति हो रहे शिक्षा का विकास
सीएम हेमन्त के द्वारा एक तरफ मॉडल डिग्री कॉलेज, नवाडीह की आधारशिला रखी गई, तो दूसरी तरफ मॉडल डिग्री कॉलेज, गोमियाँ का उद्घाटन किया गया. चंदनक्यारी, गोमियाँ, चंद्रपुरा और चास में स्थित उच्च विद्यालय में अतिरिक्त कक्षा और मल्टीपरपज ऑडिटोरियम निर्माण की आधारशिला. और कस्तूरबा गांधी बालिका आवासीय विद्यालय में ऑडिटोरियम का शिलान्यास किया गया. शिक्षण संस्थानों की स्थापना व दुरुस्तीकरण की यह तीव्र गति राज्य में हो रहे शिक्षा विकास को दर्शाता है.
सीएम का मानना है की सभी बंद दरवाजों का एक मात्र चाभी शिक्षा है. शिक्षा नागरिकों को कुशल बना अधिक आय सुनिश्चित करता. जिससे राज्य की अर्थव्यवस्था को बल मिलता है. लोग जागरूक और सक्रिय नागरिक बनाते हैं और अपने मताधिकार का प्रयोग करने में सक्षम होते हैं. अपने अधिकारों और कर्तव्यों के प्रति गंभीर होते हैं. जिससे सामाजिक न्याय और समानता की भावना को बल मिलता है. और राज्य में हिंसा के बजाय शान्ति व सामूहिक विकास को तरजीह मिलता है.