@ajitanjum (वरिष्ठ पत्रकार) ट्विट : हवाई चप्पल वालों को हवाई जहाज़ में देखने के अपने सपने का जिक्र तीन साल पहले पीएम मोदी ने किया था. उनका सपना तो भाषण तक सीमित रह गया @HemantSorenJMM ने ये कर दिखाया है.
देवघर : प्रधानमंत्री मोदी द्वारा संबोधन में चप्पल से हवाई जहाज तक के सफ़र की बात कही गयी. प्रधानमन्त्री के इस वक्तव्य से माना जा सकता है की उनके द्वारा कोरोना काल के उपलब्धियों मद्धेनजर झारखण्ड के मुख्यमंत्री हेमन्त सोरेन की पीठ थपथपाई गयी है. निश्चित रूप से किसी भी मुख्यमंत्री के जनहित उपलब्धियों सराहना होनी चाहिए. क्योंक प्रधानमन्त्री मानते हैं कि राज्यों के विकास से राष्ट्र का विकास संभव है.
ज्ञात हो, झारखण्ड के मुख्यमंत्री हेमन्त सोरेन ने कोरोना संकट के दौरान देश भर में बेजोड़ नेतृत्व का उदाहरण पेश किया है. प्रवासी मज़दूरों की वापसी से लेकर राज्य के ग़रीबों को भोजन उपलब्ध कराने तक, अपने नेतृत्व का लोहा मनवाया है. अपने मजबूत विश्वास के साथ समस्याओं का सामना किया है. जीवन की वास्तविकता को स्वीकारते हुए सीएम ने हमेशा संभावनाओं के सभी द्वार खुला रखा. मसलन, हर निर्णय राज्य को समस्याओं से निकालने में मिल का पत्थर साबित हुए. हेमन्त सोरेन ने साबित किया कि न केवल अच्छे पत्ते बल्कि खराब पत्तों से भी अच्छा खेला जा सकता है.
चप्पल से हवाई जहाज तक का सफर, पीएम मोदी का सपना हेमन्त सोरेन पूरा किया
इंडिया टुडे ने अपने 1 जून के के लेख –‘Hands-on’ Hemant leads the charge” में लिखा कि जब 29 मई की शाम को लद्दाख के प्रवासी मज़दूरों ने झारखंड की धरती पर कदम रखा। उन्होंने न केवल वहां मौजूद अपने दादा मुख्यमंत्री (हेमंत सोरेन) को नमन किया, बल्कि अपनी बोली में कुशल होने की भी खबर दी। यह किसी जनता के अपने जिम्मेदार मुख्यमंत्री पर विश्वास दर्शाता है.
@ajitanjum (वरिष्ठ पत्रकार), May 30 का ट्विट : हवाई चप्पल वालों को हवाई जहाज़ में देखने के अपने सपने का जिक्र तीन साल पहले पीएम मोदी ने किया था. उनका सपना तो भाषण तक सीमित रह गया @HemantSorenJMM ने ये कर दिखाया है. लेह और अंडमान से हवाई चप्पल वाले हवाई जहाज़ में झारखंड पहुंचे हैं